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अस्पताल में इलाज ना मिलने से महिला की मौत, परिजनों को ठेले पर ले जाना पड़ा शव

दमोह में एक महिला की इलाज नहीं मिलने से गंभीर हालत में मौत हो गई. डॉक्टरों ने कोविड में ड्यूटी का बहाना बनाकर इलाज करने से मना कर दिया था. महिला की मौत के बाद परिजनों को शव को घर तक ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं दी गई. जिसके चलते परिजन शव को ठेले पर रखकर ही घर ले जाना पड़ा.

Relatives took the dead body on hand cart due to no treatment and no ambulance
अस्पताल में इलाज ना मिलने से महिला की मौत, परिजनों को ठेले पर ले जाना पड़ा शव
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Published : Apr 28, 2021, 11:12 AM IST

दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में कोरोना संकट के बीच बेहद डरावनी तस्वीरें देखने को मिल रही हैं. दरअसल दमोह जिले के पथरिया में इलाज के अभाव में एक मां ने दम तोड़ दिया. यहीं नहीं बेटा अपनी मां के शव को घर ले जाने घंटों एम्बुलेंस का इंतजार करता रहा. लेकिन जब एंबुलेंस नहीं मिली, तो थक हार कर एक ठेले पर मां के शव को रखकर घर तक ले गया.

मौत के बाद भी नसीब नहीं हुई एंबुलेंस

जानकारी के मुताबिक, दमोह जिले के पथरिया नगर के वार्ड नंबर 6 में रहने वाली रितिका उर्फ कलावती (45 वर्ष) को गंभीर हालत में उनका बेटा और परिजन पथरिया के स्वास्थ्य केंद्र ले गए थें. उनकी मां को तुरंत इलाज की जरूरत थी लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में इलाज नहीं मिला, नतीजा ये हुआ कि मां की अस्पताल में ही मौत हो गई. मां की मौत के बाद बेटा और परिजन शव घर ले जाने के लिए घंटों तक सरकारी एंबुलेंस का इंतजार ही करते रह गए, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली. प्राइवेट एंबुलेंस से बात की, तो उसने महज 2 किलोमीटर तक शव ले जाने के 5 हजार रुपयों की मांग कर दी. परिजन आर्थिक तंगी की वजह से प्राइवेट एंबुलेंस का खर्च नहीं उठा सके. थक हारकर बेटा और परिजन हाथ ठेले पर ही अपनी मां का शव लेकर घर लौट आए.

परिजनों को ठेले पर ले जाना पड़ा शव

पढ़ें: कोरोना टीकाकरण : 18 साल से ऊपर वालों के लिए आज से पंजीकरण

वहीं परिजनों का आरोप है कि महिला को उपचार नहीं मिल सका. घंटों वह अस्पताल में डॉक्टर का इंतजार करते रहे. कुछ देर बाद डॉक्टरों ने उन्हें यह कहकर भगा दिया कि वह कोविड-19 केयर सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जिसके चलते वह मरीज का ठीक से इलाज नहीं कर पाएंगे. महिला की हालत बेहद गंभीर थी, बावजूद इसके डॉक्टरों ने कोई पर्याप्त उपचार नहीं किया. जिसके चलते महिला की दर्दनाक मौत हो गई. कोरोना काल में सामने आने वाली ऐसी तस्वीरें लोगों को झकझोर देने वाली है. सिस्टम की नाकामी की वजह से लोग असमय ही मौत की भेंट चढ़ते जा रहें हैं.

दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले में कोरोना संकट के बीच बेहद डरावनी तस्वीरें देखने को मिल रही हैं. दरअसल दमोह जिले के पथरिया में इलाज के अभाव में एक मां ने दम तोड़ दिया. यहीं नहीं बेटा अपनी मां के शव को घर ले जाने घंटों एम्बुलेंस का इंतजार करता रहा. लेकिन जब एंबुलेंस नहीं मिली, तो थक हार कर एक ठेले पर मां के शव को रखकर घर तक ले गया.

मौत के बाद भी नसीब नहीं हुई एंबुलेंस

जानकारी के मुताबिक, दमोह जिले के पथरिया नगर के वार्ड नंबर 6 में रहने वाली रितिका उर्फ कलावती (45 वर्ष) को गंभीर हालत में उनका बेटा और परिजन पथरिया के स्वास्थ्य केंद्र ले गए थें. उनकी मां को तुरंत इलाज की जरूरत थी लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में इलाज नहीं मिला, नतीजा ये हुआ कि मां की अस्पताल में ही मौत हो गई. मां की मौत के बाद बेटा और परिजन शव घर ले जाने के लिए घंटों तक सरकारी एंबुलेंस का इंतजार ही करते रह गए, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली. प्राइवेट एंबुलेंस से बात की, तो उसने महज 2 किलोमीटर तक शव ले जाने के 5 हजार रुपयों की मांग कर दी. परिजन आर्थिक तंगी की वजह से प्राइवेट एंबुलेंस का खर्च नहीं उठा सके. थक हारकर बेटा और परिजन हाथ ठेले पर ही अपनी मां का शव लेकर घर लौट आए.

परिजनों को ठेले पर ले जाना पड़ा शव

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वहीं परिजनों का आरोप है कि महिला को उपचार नहीं मिल सका. घंटों वह अस्पताल में डॉक्टर का इंतजार करते रहे. कुछ देर बाद डॉक्टरों ने उन्हें यह कहकर भगा दिया कि वह कोविड-19 केयर सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. जिसके चलते वह मरीज का ठीक से इलाज नहीं कर पाएंगे. महिला की हालत बेहद गंभीर थी, बावजूद इसके डॉक्टरों ने कोई पर्याप्त उपचार नहीं किया. जिसके चलते महिला की दर्दनाक मौत हो गई. कोरोना काल में सामने आने वाली ऐसी तस्वीरें लोगों को झकझोर देने वाली है. सिस्टम की नाकामी की वजह से लोग असमय ही मौत की भेंट चढ़ते जा रहें हैं.

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