हैदराबाद : एक साल पहले जब कोरोना महामारी ने दुनिया में अपना पैर पसारना शुरू किया था तब धीरे-धीरे सबकुछ बदल गया. क्लासरूम, ऑनलाइन क्लास में बदल चुकी थी और बिना लैपटॉप और मोबाइल के पढ़ाई असंभव सा हो गया था. वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया. इस लॉकडाउन ने न सिर्फ जीवन जीनें बल्की जीवन के अन्य आयामों के बारे में दोबारा विचार करने को मजबूर कर दिया. आइये इस दौरान हुई कुछ घटनाओं पर एक नजर डालते हैं.
31 दिसंबर, 2019 : चीन ने वुहान में 'वायरल निमोनिया' के 27 मामलों के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन को जानकारी दी. वुहान मार्केट में कुछ संक्रमितों के पाए जाने के बाद उसे बंद कर दिया गया.
2020
11 जनवरी : 61 वर्षीय व्यक्ति के संक्रमण से मारे जाने के बाद, चीनी राज्य मीडिया ने नए तरह के कोरोना वायरस के बारे में खबर चलाई.
13 जनवरी : थाईलैंड में एक चीनी महिला को क्वारंटाइन किया गया. चीन के बाहर कोरोना वायरस से संक्रमण का यह पहला मामला था.
15 जनवरी : जापान में संक्रमण का पहला मामला सामने आया.
20 जनवरी : दक्षिण कोरिया में संक्रमण का पहला मामला सामने आया.
22 जनवरी : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपात बैठक बुलाई. हालांकि, महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयियस कहते हैं कि नया कोरोनो वायरस अभी तक एक अंतरराष्ट्रीय खतरा नहीं है.
23 जनवरी : वुहान में 18 लोगों की संक्रमण के कारण मौत के बाद चीन वुहान और हुबेई प्रांत में लॉकडाउन की घोषणा करता है.
24 जनवरी : यूरोपीय देश फ्रांस में कोरोना वायरस से संक्रमण का पहला मामला सामने आता है.
30 जनवरी : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण का पहला मामला सामने आता है. 20 वर्षीय मेडिकल का छात्र चीन के वुहान से लौटा था. यह मामला केरल के त्रिशूर जिले में सामने आया था. उसी दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे अतंरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित करती है. कोरोना वायरस दुनिया के 20 देशों में फैल चुका है.
1 फरवरी : चीन से 323 भारतीय नागरिकों और सात माल्दीव के नागरिकों के साथ एक प्लेन उड़ान भरके अगले दिन भारत पहुंचता है.
3 फरवरी : अलापुझा और कासरगोड जिले में दो लोगों के संक्रमित पाए जाने के बाद केरल की सरकार इसे आपदा घोषित कर देती है.
4 फरवरी : भारत चीन के नागरिकों और उन सभी यात्रियों का वीजा रद्द कर देता है जो बीते दो माह के भीतर चीन गए थे. इस बीच इस बीच 3000 से ज्यादा लोग जापान के बंदरगाह पर डॉयमंड प्रिंसेस क्रूज जहाज पर फस जाते हैं.
11 फरवरी : विश्व स्वास्थ्य संगठन घोषणा करता है कि कोरोना वायरस से फैली महामारी को कोविड-19 कहा जाएगा. और नए वायरस को SARS-CoV-2 कहा जाएगा.
19 फरवरी : भारत में एक मरीज को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी देदी गई. यह कोरोना वायरस से ठीक होने वाली पहली महिला थी.
2 मार्च : केरल में दो और लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया. दोनों ने विदेश यात्रा की थी.
10 मार्च : देश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 50 हो गई. भारत के 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संक्रमण का कम से कम एक मामला सामने आया.
11 मार्च : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दिया. इस दिन तक दुनिया में संक्रमितों की संख्या 1,21,000 हो गई थी.
12 मार्च : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण पहली मौत हुई. इसके अलावा भारत ने 13 मार्च से 15 अप्रैल तक के लिए हर वीजा को रद्द कर दिया.
15 मार्च : भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 100 के पार हो गई. संक्रमितों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र केरल से आगे निकल जाता है.
22 मार्च : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'जनता कर्फ्यू' का आह्वान किया.
25 मार्च : भारत में 14 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई. टोक्यो ओलंपिक को 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
26 मार्च : लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो जाता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री ग्रामीण कल्याण योजना नामक एक नई योजना के तहत 1.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की.
27 मार्च : आरबीआई ने लोगों के लिए राहत उपायों की घोषणा की.
30 मार्च : तबलीगी जमात का मुख्यालय निजामुद्दीन मरकज कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के रूप में उभरता है.
5 अप्रैल : प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों के सम्मान में दिए जलाने का आह्वान किया.
6 अप्रैल : भारत में संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 100 के पार.
14 अप्रैल : लॉकडाउन को 21 और दिन के लिए बढ़ाया गया. इस बीच भारत में संक्रमितों की संख्या 10,000 के पार पहुंच गई.
29 अप्रैल : भारत में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 1000 के पार.
1 मई : गृह मंत्रालय ने दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया. इसमें इलकों को अलग-अलग जोन में बांटा गया. प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं.
7 मई : वंदे भारत मिशन के पहले चरण में 15,000 भारतीय नागरिकों को वापस ले आया जाता है. इस बीच संक्रमितों की संख्या 50,000 पहुंच गई थी.
12 मई : आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की.
13-17 मई : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर पैकेज की विस्तृत घोषणा की.
17 मई : गृह मंत्रालय ने 31 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाया. इस बीच अंतरराज्यीय बस सेवाओं को शुरू कर दिया गया. भारत में संक्रमितों की संख्या 86 हजार के पार पहुंच गया था.
19 मई : भारत में संक्रमितों की संख्या एक लाख के पार.
25 मई : घरेलू उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू किया गया.
5 जून : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी गाइडलाइन में कहा कि बाहर जाते समय मास्क पहनना अनिवार्य है.
8 जून : अनलॉक 1.0. चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया को शुरू किया गया. उस समय भारत में संक्रमितों की संख्या 2.5 लाख के पार थी और संक्रमण के कारण 7200 लोगों की मौत हुई थी.
12 जून : भारत में संक्रमितों की संख्या तीन लाख के पार. दुनिया में भारत चौथा सबसे प्रभावित देश बना.
27 जून : भारत में संक्रमितों की संख्या पांच लाख के पार.
1 जुलाई : अनलॉक 2.0.
6 जुलाई : भारत में संक्रमितों की संख्या सात लाख के करीब. दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश बना भारत.
8 जुलाई : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि हवा से फैल सकता है कोरोना वायरस.
15 जुलाई : भारत में विकसित टीके कोवैक्सीन के पहले चरण का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हुआ. कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित दवा कंपनी भारत बायोटेक द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सहयोग से विकसित किया गया है.
17 जुलाई : भारत में संक्रमितों की संख्या 10 लाख के पार. मृतकों की संख्या 25 हजार के पार और अतंरराष्ट्रीय कमर्शियल उड़ानें फिर से शुरू.
25 जुलाई : बीसीसीआई ने आईपीएल की शुरुआत की घोषणा की.
1 अगस्त : अनलॉक 3.0.
11 अगस्त : स्पुतनिक V को रूस में मंजूरी मिल गई. ऐसा करने वाला रूस पहला देश बन गया.
22 अगस्त : भारत ने दस लाख लोगों की कोरोना जांच करने का मील का पत्थर हासिल किया.
26 अगस्त : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशल्ड के परीक्षण की शुरुआत की. इसको ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर बनाया है.
7 सितंबर : भारत में संक्रमितो की संख्या 41 लाख के पार. दुनिया में सबसे प्रभावित देशों में दूसरा भारत. देश में चरणबद्ध तरीके से मेट्रो सेवाएं शुरू की गईं.
12 सितंबर : भारत में 24 घंटों में 97,570 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया.
14 सितंबर : संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ.
16 सितंबर : संक्रमितों की संख्या 50 लाख के पार.
21 सिंतबर : छह माह से बंद रहने के बाद स्कूलों व कालेजों को फिर से खोला गया.
22 सितंबर : एक दिन में कोरोना संक्रमण से एक लाख लोग ठीक हुए.
23 सितंबर : रेल राज्य मंत्री सुरेश चानाबसप्पा अंगदी की कोरोनो वायरस के संक्रमण के कारण मृत्यु हो गई. वह 65 वर्ष के थे.
27 सितंबर : भारत में संक्रमितों की संख्या 60 लाख के पार. संक्रमण के ठीक होने वालों की संख्या 50 लाख के पार.
28 सितंबर : विश्व में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 10 लाख के पार.
30 सिंतबर : अनलॉक 3.0.
2 दिसंबर : यूनाइडेट किंगडम ने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी देदी. ऐसा करने वाला वह पहला देश बन गया.
19 दिसंबर : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या एक करोड़ के पार.
28 दिसंबर : कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के अभ्यास के लिए चार राज्यों-पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात में ड्राई रन कराया.
2021
2 जनवरी : भारत ने देशव्यापी ड्राई रन का आयोजन किया.
3 जनवरी : डीसीजीआई ने भारत में आपातकालीन स्थितियों में उपयोग के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीनको मंजूरी दी. इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के वैक्सीन उम्मीदवार को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिल चुकी थी.
8 जनवरी : भारत ने दूसरी बार देशव्यापी ड्राई रन का आयोजन किया.
11 जनवरी : भारत सरकार ने कोवीशील्ड की 11 मिलियन खुराकों का ऑर्डर दिया.
16 जनवरी : भारत ने दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वायरस टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक शुरू किया.
20 जनवरी : भारत ने वैक्सीन का निर्यात शुरू किया. भूटान को भेजी गई पहली खेप.
21 जनवरी : भारत ने वैक्सीन की 20 लाख खुराक बांग्लादेश को भेजी.
22 जनवरी : ब्राजील और मोरक्को को वैक्सीन भेजी गई. श्रीलंका ने कोविशील्ड के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी देदी. इस समय तक, भारत मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को अनुदान सहायता के तहत टीके भेज रहा है.
28 जनवरी : भारत ने पड़सी देशों को 55 लाख से खुराकें भेंट कीं.
7 फरवरी : 53 लाख लोगों को कोरोना वायरस का टीका लगाया गया. ऐसा करने वाला बारत तीसरा देश है.
19 फरवरी : भारत में एक करोड़ लोगों को टीका लगाया गया.
23 फरवरी : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत में कोविड-19 के दो नए स्ट्रेन पाए गए हैं.
1 मार्च : दूसरे चरण के टीकाकरण की शुरुआत.
15 मार्च : भारत में 3.15 करोड़ लोगों को टीका लगाया गया.
22 मार्च : नवंबर के बाद से पहली बार देश में 24 घंटे के भीरत 46,951 मामले आए.
23 मार्च : 1 अप्रैल से 45 वर्ष या उससे ज्यादा वाले सभी लोगों टीका लगवाने के लिए योग्य होंगे.