नई दिल्ली: एंटीगुआ और बारबुडा की एक अदालत द्वारा भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को कैरेबियाई देश से बाहर ले जाने पर रोक के आदेश के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह सरकार की लापरवाही के कारण हुआ है. विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया कि बार-बार लापरवाही से पता चलता है कि यह जानबूझकर किया जा रहा है.
मीडिया की खबरों के अनुसार, एंटीगुआ और बारबुडा की एक अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में वांछित चोकसी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि उसे कैरेबियाई देश से बाहर नहीं ले जाया जा सकता है. कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि मोदी जी का मेहुल भाई कई वर्षों से हमारे बैंकों से लूटे पैसों से विदेश में मजे कर रहा है. पहले उसका रेड कॉर्नर नोटिस रद्द हुआ, अब अदालत का यह फैसला आया है.
रमेश ने आरोप लगाया कि ये सब मोदी सरकार की लापरवाही के कारण हुआ है. बार-बार हो रही लापरवाही से साफ है कि ये जानबूझकर की जा रही है. भगोड़े कारोबारी चोकसी की याचिका के आधार पर उसका नाम रेड नोटिस के इंटरपोल डेटाबेस से हटा दिया गया था. रेड नोटिस 195-सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग संगठन-इंटरपोल द्वारा किसी भगोड़े के प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई तथा अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए अलर्ट का उच्चतम स्तर है.
बता दें कि 2018 में पीएनबी बैंक में घोटाले का पता चला था. जिसमें अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चौकसी आरोपी हैं. दोनों पर पंजाब नेशनल बैंक से 13,578 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है.
(पीटीआई-भाषा)