हैदराबाद : भारत में एक ओर जहां बच्चों में कुपोषण की समस्या है, वहीं 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पांच साल से कम के बच्चों का आहार बर्बाद होने का प्रतिशत बढ़ा है. पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों से सामने आया है कि बिहार में सन 2019-2020 में इसका प्रतिशत 22.90 रहा, जबकि दूसरे नंबर पर तेलंगाना और असम में 21.7 प्रतिशत है.
सात लाख घरों के जुटाए आंकड़े
पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के तहत सात लाख घरों से डेटा एकत्र किया गया. इसमें जनसंख्या और घरेलू, विवाह और प्रजनन, परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, प्रसव देखभाल, टीकाकरण, बचपन के रोगों, पोषण एनीमिया, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जांच आदि 67 संकेतकों पर डेटा एकत्र किया गया. इसी के साथ खाने की बर्बादी को लेकर भी सर्वे किया गया था.
इन राज्यों में कमजोर बच्चों की संख्या बढ़ी
12 राज्यों में पांच साल से कम उम्र के ऐसे बच्चों का प्रतिशत एनएफएचएस-4 की तुलना में बढ़ गया जो कमजोर रह गए. इनमें हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मेघालय, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्य शामिल हैं. गुजरात, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, तेलंगाना, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, लक्षद्वीप और दादरा और नगर हवेली तथा दमन दीव में पांच साल से कम उम्र के ऐसे बच्चों का प्रतिशत एनएफएचएस-4 (2015-16) की तुलना में बढ़ गया, जिनका कद कम रह गया.
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टीकाकरण में सुधार
पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के अनुसार टीकाकरण में सुधार हुआ है. टीकाकरण के लिए वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ी है. टीकाकरण के मामले में हिमाचल प्रदेश सबसे आगे रहा. यहां 89.3 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया गया. दूसरे नंबर पर बंगाल, तीसरे नंबर पर कर्नाटक रहा.