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बंबई उच्च न्यायालय सड़कों पर गड्ढों से संबंधित मामले की सुनवाई के लिए पीठ गठित करेगा

महाराष्ट्र में सड़कों पर गड्ढों के बारे में शिकायत से जुड़े मामले की सुनवाई के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट एक पीठ का गठन करेगा. हाई कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि जल्द ही इस मामले की सुनवाई के लिए पीठ तय की जाएगी और उसे मामला सौंप दिया जाएगा.

Bombay High Court
बंबई उच्च न्यायालय
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Published : Aug 21, 2022, 4:16 PM IST

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में सड़कों पर गड्ढों के बारे में शिकायत से संबंधित एक मामले की सुनवाई के लिए वह एक पीठ गठित करेगा. अधिवक्ता मनोज शिरसात ने शनिवार को 'ऑफिसर ऑफ कोर्ट' की हैसियत से इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया. अधिवक्ता मनोज शिरसाट ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने सड़कों के गड्ढों से जुड़ी शिकायत को लेकर दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की शुरुआत करने का आग्रह किया.

अधिवक्ता शिरसाट ने खंडपीठ के सामने कहा कि सड़कों के गड्ढों के चलते लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ रहा है. इसके अलावा इसके चलते सामान का भी नुकसान होता है. सड़कों की मरम्मत कर गड्ढो का न खत्म किया जाना लोगों के मौलिक अधिकार का हनन है. इस पर खंडपीठ ने अधिवक्ता शिरसाट को कहा कि वे वह सारी जानकारी रिकार्ड में लाए जिसे वह चाहते है कि कोर्ट उस पर विचार करे. जल्द ही इस मामले की सुनवाई के लिए पीठ तय की जाएगी और उसे मामला सौंप दिया जाएगा.

गौरतलब है कि साल 2013 में हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायमूर्ति मोहित शाह ने सड़कों के गड्ढों के मुद्दे का स्वयं संज्ञान लिया था. इस बारे में न्यायमूर्ति गौतम पटेल की ओर से पत्र लिखा गया था. जिसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया गया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने साल 2018 में सड़कों के गड्ढों को खत्म करने को लेकर राज्य सरकार व स्थानिय निकायों को कई निर्देश जारी किए थे. जिनका पालन न किए जाने का दावा करते हुए अधिवक्ता रुजु ठक्कर ने भी कोर्ट में याचिका दायर की है.

ये भी पढ़ें- गुजरात के जामनगर में RIL के चिड़ियाघर के खिलाफ दायर याचिका SC में खारिज

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में सड़कों पर गड्ढों के बारे में शिकायत से संबंधित एक मामले की सुनवाई के लिए वह एक पीठ गठित करेगा. अधिवक्ता मनोज शिरसात ने शनिवार को 'ऑफिसर ऑफ कोर्ट' की हैसियत से इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया. अधिवक्ता मनोज शिरसाट ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने सड़कों के गड्ढों से जुड़ी शिकायत को लेकर दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की शुरुआत करने का आग्रह किया.

अधिवक्ता शिरसाट ने खंडपीठ के सामने कहा कि सड़कों के गड्ढों के चलते लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ रहा है. इसके अलावा इसके चलते सामान का भी नुकसान होता है. सड़कों की मरम्मत कर गड्ढो का न खत्म किया जाना लोगों के मौलिक अधिकार का हनन है. इस पर खंडपीठ ने अधिवक्ता शिरसाट को कहा कि वे वह सारी जानकारी रिकार्ड में लाए जिसे वह चाहते है कि कोर्ट उस पर विचार करे. जल्द ही इस मामले की सुनवाई के लिए पीठ तय की जाएगी और उसे मामला सौंप दिया जाएगा.

गौरतलब है कि साल 2013 में हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायमूर्ति मोहित शाह ने सड़कों के गड्ढों के मुद्दे का स्वयं संज्ञान लिया था. इस बारे में न्यायमूर्ति गौतम पटेल की ओर से पत्र लिखा गया था. जिसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया गया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने साल 2018 में सड़कों के गड्ढों को खत्म करने को लेकर राज्य सरकार व स्थानिय निकायों को कई निर्देश जारी किए थे. जिनका पालन न किए जाने का दावा करते हुए अधिवक्ता रुजु ठक्कर ने भी कोर्ट में याचिका दायर की है.

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