लुधियाना : केंद्र द्वारा पारित कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के किसानों ने रेल रोको अभियान चलाया. अभियान के जरिये जहां एक ओर कानून के प्रति किसानों ने अपना गुस्सा जाहिर किया, वहीं दूसरी ओर इसके दूरगामी दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं.
लुधियाना में होजरी उद्योग को इस अभियान से बड़ा झटका लगा है. इस झटके से न सिर्फ लुधियाना, बल्कि पूरा देश प्रभावित हो सकता है.
हमारे देश में होजरी के सबसे ज्यादा कारखाने पंजाब के लुधियाना में स्थित हैं. देश-विदेश से यहां बड़े स्तर पर कच्चा माल मंगवाया जाता है और माल का निर्यात भी होता है. ऐसे में जब ट्रांसपोर्टेशन ही बंद हो जाए, तो किसी भी उद्योग के लिए इसके बड़े और दूरगामी प्रभाव होंगे.
ऐसा ही इस मार्केट में हुआ है, जहां किसानों का रेल रोको अभियान उनके लिए अभिशाप बन गया. अब तक रेल रोको अभियान के कारण लुधियाना में दो कारखाने बंद होने की कगार पर आ गए. यहां से देश के अन्य हिस्सों में 4,500 से अधिक कंटेनर मंगवाए गए थे, जबकि पंजाब को पानीपत और अन्य स्थानों से 7,000 से अधिक कंटेनर प्राप्त हुए थे.
ऐसे में किसी बड़े उद्योग के लिए ट्रांसपोर्टेशन अहम है. और जब यही दांव पर लग जाए, तो उद्योग बंद होने की कगार पर आ जाता है. इसके प्रभाव सिर्फ उस वक्त के लिए ही नहीं, बल्कि आने वाले लंबे वक्त के लिए देखने को मिलते हैं.
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लुधियाना कस्टम हाउस एजेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश वर्मा कहते हैं कि लुधियाना के व्यापारी मंदी से पीड़ित हैं, उन्होंने कहा कि स्थिति खराब हो रही है, 11000 से अधिक कंटेनर लुधियाना के बाहर और बाहर फंसे हुए हैं.
वे आगे कहते हैं कि लुधियाना में कुछ कारखाने बंद होने के कगार पर थे. लुधियाना में गर्म कपड़ों का मौसम चल रहा था और अब स्थिति ऐसी थी कि काम अगले सीजन में पहुंच गया था, जिससे व्यापारियों को काफी नुकसान होगा.
उन्होंने कहा कि लुधियाना में बड़ी मात्रा में स्क्रैप सामग्री आ रही है और कच्चा माल लुधियाना में आ रहा है, लेकिन ट्रेन के बंद होने के कारण व्यापार में ठहराव आ गया.
लुधियाना कस्टम हाउस एजेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम ढींगरा करोबारी बताते हैं कि उनके पांच कंटेनर फंसे हुए थे, जो लुधियाना नहीं पहुंच सके, जिससे उन्हें काफी नुकसान हो रहा था. उन्होंने कहा कि भुगतान न होने के कारण उनके मजदूर भी परेशान थे. उन्होंने किसानों से अपील की कि सरकार उनके मुद्दे को हल करे.