नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने दिल्ली में पार्लियामेंट्री हाउस, केंद्रीय सचिवालय और कोवेट क्षेत्र से जुड़े एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है.
इस प्रोजेक्ट के लिए MoHUA ने हाल ही में आरएफपी को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को आमंत्रित किया है ताकि वे अपने प्रस्तावों को विचारों और सुझावों के साथ दे सकें ताकि मिशन 2022 तक पूरा हो सके.
आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा है कि हम एक नई संसद का गठन करने या मौजूदा संसद का नवीनीकरण करने के विकल्प तलाश रहे.
उन्होंने आगे कहा कि इस परियोजना के तहत हम सभी केंद्रीय मंत्रालयों से जुड़े एक आम सचिवालय के लिए भी काम किया जा रहा है. इसके अलावा और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 3 किलोमीटर के प्रतिष्ठित क्षेत्र को पुनर्निर्मित किया जा रहा है.
मिश्रा ने बताया कि उनका मंत्रालय परियोजना की लागत पर काम कर रहा है.
मंत्रालय का मानना है कि नए भारत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए यह परियोजना आवश्यक है.
बता दें कि भारतीय संसद भवन से 1912-1913 में ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था. इसका काम 1921 में शुरू हुआ था और 1927 में पूरा हुआ.
इससे पहले पहले, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इस मामले में एक समिति गठित की थी.
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गौरतलब है कि दशकों पुरानी इमारत में सदस्यों के लिए घर और कर्मचारियों के लिए जगह प्रयाप्त नहीं है.
इस साल अगस्त में, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संसद के लिए एक नई इमारत का प्रस्ताव रखा था.
मिश्रा ने कहा कि मने अभी प्रक्रिया शुरू की है और अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम नई संसद में 2022 के मानसून सत्र को देखेंगे.