रामेश्वरम : श्रीलंकाई जल क्षेत्र में कच्चतीवु द्वीप के पास मछलियां पकड़ रहे तमिलनाडु के 3000 से ज्यादा मछुआरों को श्रीलंका की नौसेना ने कथित रूप से भगा दिया.
श्रीलंकाई नौसैनिक यहीं नहीं रुके वरन उन्होंने मछुआरों की नौकाओं के जाल भी फाड़ दिये.
तमिलनाडु राज्य मछुआरा संघ के अध्यक्ष एन. देवदास ने इस बारे में बताया कि रामेश्वरम के मछुआरे 500 से ज्यादा नौकाओं में सवार होकर समुद्र में गये थे. वे कच्चतीवु के छोटे द्वीप के पास मछलियां पकड़ रहे थे, तभी श्रीलंकाई नौसैनिक आए और उन्होंने मछुआओं के जाल फाड़ने के साथ उन्हें वहां से भगा दिया.
देवदास ने आरोप लगाया कि श्रीलंकाई नौसैनिकों ने करीब 50 नौकाओं के मछली पकड़ने के जाल नष्ट काट डाले. इसके अलावा उन्होंने मछुआरों के सामानों को भी नुकसान पहुंचाया और वहां से लौटने पर मजबूर कर दिया.
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देवदास ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि वे तमिलनाडु के मछुआरों पर बार-बार हो रहे हमलों के बारे में श्रीलंका के अधिकारियों से बात करें.
गौरतलब है कि श्रीलंका की नौसेना ने शनिवार को तमिलनाडु से आठ मछुआरों को उनके समुद्री क्षेत्र में मछलियां पकड़ने के लिए गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तार मछुआरों को जाफना में मत्स्य पालन के सहायक निदेशक को कार्रवाई के लिए सौंप दिया गया.
बता दें कि तमिलनाडु और श्रीलंका के बीच मछली पकड़ने का विवाद पिछले तीन दशकों से भी ज्यादा समय से चल रहा है, और लघुद्वीप ने अपने जल क्षेत्र में अब तक अवैध रूप से मछली पकड़ने के लिए घुसे तमिलनाडु के सैकड़ों मछुआरों को गिरफ्तार किया है.
कच्चतीवु द्वीप की बात करें तो यह श्रीलंका द्वारा प्रशासित एक निर्जन द्वीप है और भारत इसे 1976 से विवादित क्षेत्र मानता रहा है. रामेश्वरम और श्रीलंका के नेदुंतीवु के बीच स्थित इस निर्जन द्वीप का सामान्यतः श्रीलंकाई व भारतीय मछुआरे इस्तेमाल करते आ रहे हैं.