ETV Bharat / bharat

हंदवाड़ा मुठभेड़ : शहीद दिनेश सिंह को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

author img

By

Published : May 5, 2020, 8:10 PM IST

Updated : May 5, 2020, 8:56 PM IST

जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में रविवार को सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में कर्नल-मेजर समेत पांच जवान शहीद हो गए थे. उनमें उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के जांबाज दिनेश सिंह भी शामिल थे. शहीद दिनेश का आज उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

etvbharat
शहीद दिनेश सिंह को नम आंखों से दी अंतिम विदाई

अल्मोड़ा : जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए अल्मोड़ा के लाल दिनेश सिंह गैड़ा का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह उनके पैतृक निवास भनोली तहसील के मिर गांव लाया गया. इस दौरान पूरे गांव का माहौल गमगीन था. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पूरा क्षेत्र उमड़ पड़ा था. अंतिम दर्शनों के बाद शहीद का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान शहीद गैड़ा के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा देख हर किसी की आंखें नम हो गईं. 'जब तक सूरज चांद रहेगा, दिनेश तेरा नाम रहेगा' के नारों के साथ पूरा गांव गूंज उठा.

जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए अल्मोड़ा निवासी जवान दिनेश सिंह गैड़ा का बारिश के बीच रामेश्वर घाट में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद दिनेश सिंह की चिता को उनके पिता गोधन सिंह ने मुखाग्नि दी. इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोगों का हुजूम उनके अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ा.

शहीद को दी गई अंतिम विदाई

बता दें कि बीते रविवार को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में कर्नल-मेजर समेत पांच जवान शहीद हो गए थे. अल्मोड़ा जिले के भनोली तहसील के मिर गांव निवासी लांस नायक दिनेश सिंह भी इस मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. दिनेश गैड़ा 2015 में 21 राष्ट्रीय राइफल्स 17 गार्ड्स में भर्ती हुए थे.

शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए छह माउंटेन डिवीजन बरेली के जीओसी मेजर जनरल पुष्पेंद्र, सेना मेडल ब्रिगेडियर विजय काला, सेना मेडल कमांडर 99 माउंटेन ब्रिगेड ब्रिगेडियर जी. एस राठौर, कुमाऊं सेंटर कमाडेंट कर्नल हर्ष मिश्रा, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान समेत जिलाधिकारी, एसएसपी पहुंचे. जिन्होंने शहीद के अंतिम दर्शन कर, पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को सोमवार को ही पैतृक गांव मिर लाया जानी था, लेकिन चंड़ीगढ़ में अचानक मौसम में हुए बदलाव के कारण सेना का हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका. कोहरे की वजह से हेलीकॉप्टर के उड़ान नहीं भरने के कारण मंगलवार को शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच सका.

जम्मू-कश्मीर : सीआरपीएफ काफिले पर हमला, दो सुरक्षकर्मी समेत छह लोग घायल

अल्मोड़ा : जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए अल्मोड़ा के लाल दिनेश सिंह गैड़ा का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह उनके पैतृक निवास भनोली तहसील के मिर गांव लाया गया. इस दौरान पूरे गांव का माहौल गमगीन था. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पूरा क्षेत्र उमड़ पड़ा था. अंतिम दर्शनों के बाद शहीद का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान शहीद गैड़ा के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा देख हर किसी की आंखें नम हो गईं. 'जब तक सूरज चांद रहेगा, दिनेश तेरा नाम रहेगा' के नारों के साथ पूरा गांव गूंज उठा.

जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए अल्मोड़ा निवासी जवान दिनेश सिंह गैड़ा का बारिश के बीच रामेश्वर घाट में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद दिनेश सिंह की चिता को उनके पिता गोधन सिंह ने मुखाग्नि दी. इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोगों का हुजूम उनके अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ा.

शहीद को दी गई अंतिम विदाई

बता दें कि बीते रविवार को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में कर्नल-मेजर समेत पांच जवान शहीद हो गए थे. अल्मोड़ा जिले के भनोली तहसील के मिर गांव निवासी लांस नायक दिनेश सिंह भी इस मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. दिनेश गैड़ा 2015 में 21 राष्ट्रीय राइफल्स 17 गार्ड्स में भर्ती हुए थे.

शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए छह माउंटेन डिवीजन बरेली के जीओसी मेजर जनरल पुष्पेंद्र, सेना मेडल ब्रिगेडियर विजय काला, सेना मेडल कमांडर 99 माउंटेन ब्रिगेड ब्रिगेडियर जी. एस राठौर, कुमाऊं सेंटर कमाडेंट कर्नल हर्ष मिश्रा, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान समेत जिलाधिकारी, एसएसपी पहुंचे. जिन्होंने शहीद के अंतिम दर्शन कर, पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को सोमवार को ही पैतृक गांव मिर लाया जानी था, लेकिन चंड़ीगढ़ में अचानक मौसम में हुए बदलाव के कारण सेना का हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका. कोहरे की वजह से हेलीकॉप्टर के उड़ान नहीं भरने के कारण मंगलवार को शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच सका.

जम्मू-कश्मीर : सीआरपीएफ काफिले पर हमला, दो सुरक्षकर्मी समेत छह लोग घायल

Last Updated : May 5, 2020, 8:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.