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मध्य प्रदेश में भाजपा का 28 सीटों पर कब्जा , ऐतिहासिक जीत - मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से 28 सीट पर कब्जा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. 2014 लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा ने 27 सीटों पर जीत हासिल की थी.

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Published : May 24, 2019, 7:37 AM IST

भोपाल: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुनामी एवं करिश्माई नेतृत्व के चलते भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से 28 सीट पर कब्जा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.

यह प्रदेश में भाजपा का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है. पिछले लोक सभा चुनाव में यहां भाजपा ने कुल 29 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2014 में छिन्दवाड़ा एवं गुना जो दो सीटें मिली थीं उनमें से इस बार भाजपा ने गुना सीट को कांग्रेस से छीन ली है.

गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं चार बार लगातार सांसद रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा के कृष्ण पाल यादव ने 1,25,549 मतों के अंतर से हराया.

बता दें कि आपातकाल के बाद वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में अविभाजित मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) में तत्कालीन भारतीय जनसंघ को कुल 40 सीटों में से 39 सीटें मिली थी, जबकि तब भी कांग्रेस केवल एक सीट छिन्दवाड़ा को ही अपनी झोली में डालने में कामयाब रही थी.

पढ़ें- महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: भाजपा और शिवसेना की बड़ी जीत

वर्ष 2001 में मध्य प्रदेश के दो भाग कर मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ दो राज्य बनाये गये.अविभाजित मध्य प्रदेश की 40 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें छत्तीसगढ़ में चली गई और 29 सीटें मध्य प्रदेश में रह गई.

इस बार के चुनाव में भाजपा के केवल दो प्रत्याशी ही 90,000 एवं एक लाख के मतों के अंतर से जीते.बाकी सभी भाजपा प्रत्याशी एक लाख से पांच लाख के बड़े अंतर से विजयी रहे. अधिकांश सीटों पर भाजपा की जीत का अंतर पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले काफी बढ़ा है.

वहीं, छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ (कांग्रेस) ने भाजपा के नथन शाह को मात्र 37,536 मतों के अंतर से हराया जो कि मध्य प्रदेश में इस बार हार का सबसे कम अंतर है.

भाजपा ने अपने मौजूदा 26 सांसदों में से 13 सांसदों को टिकट दिया था. इन सभी ने जीत हासिल की. वहीं, कांग्रेस ने अपने तीन मौजूदा सांसदों में से केवल दो सांसदों ज्योतिरादित्य सिंधिया (गुना) एवं कातिलाल भूरिया (रतलाम) को मैदान में उतारा था, लेकिन ये दोनों सांसद अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं रहे.

भाजपा ने चार महिलाओं प्रज्ञा सिंह ठाकुर (भोपाल), संध्या राय (भिण्ड), हिमाद्रि सिंह (शहडोल) एवं रीति पाठक (सीधी) को मध्य प्रदेश में टिकट दी थी. चारों अपनी-अपनी सीटें जीतने में कामयाब रहीं.

इसके विपरीत कांग्रेस ने पांच महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें से सभी हार गई.

भोपाल: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुनामी एवं करिश्माई नेतृत्व के चलते भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से 28 सीट पर कब्जा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.

यह प्रदेश में भाजपा का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है. पिछले लोक सभा चुनाव में यहां भाजपा ने कुल 29 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2014 में छिन्दवाड़ा एवं गुना जो दो सीटें मिली थीं उनमें से इस बार भाजपा ने गुना सीट को कांग्रेस से छीन ली है.

गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं चार बार लगातार सांसद रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा के कृष्ण पाल यादव ने 1,25,549 मतों के अंतर से हराया.

बता दें कि आपातकाल के बाद वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में अविभाजित मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) में तत्कालीन भारतीय जनसंघ को कुल 40 सीटों में से 39 सीटें मिली थी, जबकि तब भी कांग्रेस केवल एक सीट छिन्दवाड़ा को ही अपनी झोली में डालने में कामयाब रही थी.

पढ़ें- महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: भाजपा और शिवसेना की बड़ी जीत

वर्ष 2001 में मध्य प्रदेश के दो भाग कर मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ दो राज्य बनाये गये.अविभाजित मध्य प्रदेश की 40 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें छत्तीसगढ़ में चली गई और 29 सीटें मध्य प्रदेश में रह गई.

इस बार के चुनाव में भाजपा के केवल दो प्रत्याशी ही 90,000 एवं एक लाख के मतों के अंतर से जीते.बाकी सभी भाजपा प्रत्याशी एक लाख से पांच लाख के बड़े अंतर से विजयी रहे. अधिकांश सीटों पर भाजपा की जीत का अंतर पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले काफी बढ़ा है.

वहीं, छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ (कांग्रेस) ने भाजपा के नथन शाह को मात्र 37,536 मतों के अंतर से हराया जो कि मध्य प्रदेश में इस बार हार का सबसे कम अंतर है.

भाजपा ने अपने मौजूदा 26 सांसदों में से 13 सांसदों को टिकट दिया था. इन सभी ने जीत हासिल की. वहीं, कांग्रेस ने अपने तीन मौजूदा सांसदों में से केवल दो सांसदों ज्योतिरादित्य सिंधिया (गुना) एवं कातिलाल भूरिया (रतलाम) को मैदान में उतारा था, लेकिन ये दोनों सांसद अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं रहे.

भाजपा ने चार महिलाओं प्रज्ञा सिंह ठाकुर (भोपाल), संध्या राय (भिण्ड), हिमाद्रि सिंह (शहडोल) एवं रीति पाठक (सीधी) को मध्य प्रदेश में टिकट दी थी. चारों अपनी-अपनी सीटें जीतने में कामयाब रहीं.

इसके विपरीत कांग्रेस ने पांच महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें से सभी हार गई.

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Print Printपीटीआई-भाषा संवाददाता 5:6 HRS IST

लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में भाजपा की ऐतिहासिक जीत, 28 सीटों पर रही विजयी

भोपाल, 24 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुनामी एवं करिश्माई नेतृत्व के चलते भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से 28 सीट पर कब्जा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस केवल एक सीट छिन्दवाड़ा पर ही सिकुड़ गई है।



यह प्रदेश में भाजपा का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है।



इससे पहले भाजपा ने मोदी की लहर के चलते वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 29 में से 27 सीटों पर कब्जा किया था। तब कांग्रेस को दो सीटें छिन्दवाड़ा एवं गुना मिली थी। लेकिन इस बार भाजपा ने गुना सीट को कांग्रेस से छीन ली है।



गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं चार बार लगातार सांसद रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा के कृष्ण पाल यादव ने 1,25,549 मतों के अंतर से हरा कर उनसे यह सीट छीन ली है।



करीब चार दशक पहले देश में लगे आपातकाल के बाद वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में अविभाजित मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) में तत्कालीन भारतीय जनसंघ को कुल 40 सीटों में से 39 सीटें मिली थी, जबकि तब भी कांग्रेस केवल एक सीट छिन्दवाड़ा को ही अपनी झोली में डालने में कामयाब रही थी।



उल्लेखनीय है कि भारतीय जनसंघ के खत्म होने के बाद ही वर्ष 1980 में भाजपा पैदा हुई है। भारतीय जनसंघ एवं भाजपा दोनों ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राजनीतिक विंग हैं।



वर्ष 2001 में मध्य प्रदेश के दो भाग कर मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ दो राज्य बनाये गये। अविभाजित मध्य प्रदेश की 40 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें छत्तीसगढ़ में चली गई और 29 सीटें मध्य प्रदेश में रह गई।



भाजपा के केवल दो प्रत्याशी ही 90,000 एवं एक लाख के मतों के अंतर से जीते। बाकी सभी भाजपा प्रत्याशी एक लाख से पांच लाख के बड़े अंतर से विजयी रहे। अधिकांश सीटों पर भाजपा की जीत का अंतर पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले काफी बढा है।



वहीं, छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ (कांग्रेस) ने भाजपा के नथन शाह को मात्र 37,536 मतों के अंतर से हराया। यह मध्य प्रदेश में इस बार हार का सबसे कम अंतर है।



भाजपा ने अपने मौजूदा 26 सांसदों में से 13 सांसदों को टिकट दिया था। इनमें से सभी ने जीत दर्ज की है। वहीं, कांग्रेस ने अपने तीन मौजूदा सांसदों में से केवल दो सांसदों ज्योतिरादित्य सिंधिया (गुना) एवं कातिलाल भूरिया (रतलाम) को मैदान में उतारा था, लेकिन ये दोनों सांसद अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं रहे।



भाजपा ने चार महिलाओं प्रज्ञा सिंह ठाकुर (भोपाल), संध्या राय (भिण्ड), हिमाद्रि सिंह (शहडोल) एवं रीति पाठक (सीधी) को मध्य प्रदेश में टिकट दी थी। चारों अपनी-अपनी सीटें जीतने में कामयाब रहीं। इसके विपरीत कांग्रेस ने पांच महिलाओं को टिकट दिया था, जिनमें से सभी हार गई।


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