तिरुवनंतपुरम: केरल के कई इलाके भारी बारिश की चपेट में हैं और मौसम विभाग ने राज्य के चार जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. ये चार जिले भारी वर्षा और तेज हवाओं की चपेट में हैं.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सूत्रों ने कहा कि यह अलर्ट इदुक्की, मलप्पुरम, कोझीकोड और वायनाड में जारी किया गया है. राज्य की अधिकांश नदियों और बांधों में जलस्तर बढ़ रहा है और कन्नूर, वायनाड, इदुक्की, मलप्पुरम, कोझीकोड और कासरगोड में बाढ़ जैसे हालात हैं.
यहां की प्रमुख नदियों जैसे मणिमाला, मीनाचल, मूवट्टापुझा, चलियार, वालापट्टनम, इरूवाझीनीपुझा और पंबा में जलस्तर बढ़ा हुआ है. पलक्कड़ जिले के अटापेडी में बुधवार को पेड़ गिरने से उसकी चपेट में आई कारा (50) नामक एक महिला की मौत हो गई. वहीं, वायनाड के पनामारम गांव में बाढ़ की चपेट में आए एक घर का निवासी अलादी मुथु (24) बेहोश हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई.
मलप्पुरम जिले के नीलांबुर में 100 से अधिक लोगों को उनके घरों से निकाला गया है.
मलप्पुरम से एक आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि यहां के नीलाम्बुर कस्बे और आसपास के इलाके बाढ़ की चपेट में हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम यहां पहुंचने वाली है. दमकल और राहत दल लोगों को उनके घरों से निकलने में मदद कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य में मानसून से उत्पन्न हालातों की समीक्षा के लिए आयोजित एक आपात बैठक की अध्यक्षता की है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिलाधिकारियों को लोगों को खतरे वाले क्षेत्रों से निकालने के निर्देश दिये गए हैं.
पढ़ें: महाराष्ट्र: कई इलाकों में बाढ़, कोल्हापुर-पुणे से लाखों लोग का पलायन
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, 'हमने राज्य में एनडीआरएफ की और टीमें भेजने का अनुरोध किया है. निलंबुर और इदुक्की में दो टीमें पहले ही भेजी जा चुकी हैं.
आपदा प्रबंधन सूत्रों के अनुसार इस वर्ष छह जून को मानसून शुरू होने के बाद से 29 लोगों की मौत की सूचना है. उत्तर केरल के पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की सूचना मिली है.