ETV Bharat / bharat

बैंक खाता खोलने और KYC के लिए धर्म बताने की जरूरत नहीं : वित्त मंत्रालय

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार ने कहा है कि भारतीय नागरिकों को बैंक खाता खोलने या केवाईसी (केवाईसी) के लिए अपना धर्म बताने की कोई आवश्यकता नहीं है.

वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय
author img

By

Published : Dec 21, 2019, 9:29 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय नागरिकों को बैंक खाता खोलने या केवाईसी के लिए अपना धर्म घोषित करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार ने कहा है कि भारतीय नागरिकों को बैंक खाता खोलने या केवाईसी के लिए अपना धर्म घोषित करने की कोई आवश्यकता नहीं है. बैंकों द्वारा इस तरह के किसी भी कदम के बारे में आधारहीन अफवाहों पर ध्यान न देने के लिए कहा गया है.

पढ़ें- PNB घोटाला : नीरव मोदी के खिलाफ एक और चार्जशीट दायर

बता दें कि हाल ही में खबर आई थी कि कि बैंक जल्द ही अपने केवाईसी फॉर्मों में एक नया कॉलम जोड़ सकते हैं. इसमें जमाकर्ताओं या ग्राहकों को अपना धर्म बताना होगा. फेमा कानून के नियमों में बदलाव की वजह से बैंकों के लिए यह जरूरी हो गया है.

दरअसल, भारत में सभी लेन-देन, जिनमें विदेशी मुद्रा शामिल हैं, विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेमा), 1973 द्वारा विनियमित किए जाते हैं. फेमा का मुख्‍य उद्देश्‍य देश के विदेशी मुद्रा संसाधनों का संरक्षण तथा उचित उपयोग करना है.

इसका उद्देश्‍य भारतीय कम्पनियों द्वारा देश के बाहर तथा भारत में विदेशी कम्पनियों द्वारा व्‍यापार के संचालन के कुछ पहलुओं को नियंत्रित करना भी है. इसके उल्‍लंघन के परिणामस्‍वरूप कारावास तथा भारी अर्थ दंड के भुगतान की सजा का प्रावधान है.

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय नागरिकों को बैंक खाता खोलने या केवाईसी के लिए अपना धर्म घोषित करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार ने कहा है कि भारतीय नागरिकों को बैंक खाता खोलने या केवाईसी के लिए अपना धर्म घोषित करने की कोई आवश्यकता नहीं है. बैंकों द्वारा इस तरह के किसी भी कदम के बारे में आधारहीन अफवाहों पर ध्यान न देने के लिए कहा गया है.

पढ़ें- PNB घोटाला : नीरव मोदी के खिलाफ एक और चार्जशीट दायर

बता दें कि हाल ही में खबर आई थी कि कि बैंक जल्द ही अपने केवाईसी फॉर्मों में एक नया कॉलम जोड़ सकते हैं. इसमें जमाकर्ताओं या ग्राहकों को अपना धर्म बताना होगा. फेमा कानून के नियमों में बदलाव की वजह से बैंकों के लिए यह जरूरी हो गया है.

दरअसल, भारत में सभी लेन-देन, जिनमें विदेशी मुद्रा शामिल हैं, विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेमा), 1973 द्वारा विनियमित किए जाते हैं. फेमा का मुख्‍य उद्देश्‍य देश के विदेशी मुद्रा संसाधनों का संरक्षण तथा उचित उपयोग करना है.

इसका उद्देश्‍य भारतीय कम्पनियों द्वारा देश के बाहर तथा भारत में विदेशी कम्पनियों द्वारा व्‍यापार के संचालन के कुछ पहलुओं को नियंत्रित करना भी है. इसके उल्‍लंघन के परिणामस्‍वरूप कारावास तथा भारी अर्थ दंड के भुगतान की सजा का प्रावधान है.

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.