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13 साल की तौयिबा ने लिखा उपन्यास- लूना स्पार्क, जानें क्या है खासियत

13 साल की बच्ची ने अपनी लगन और इच्छा शक्ति के बल पर एक उपन्यास लिख दिखाया है. जम्मू-कश्मीर की बच्ची ने अपनी लेखनी से लोगों को सपनों का देश दिखाया है.

तौयिबा बिनती जावेद. (उपन्यासकार)
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Published : May 14, 2019, 12:05 AM IST

श्रीनगर: आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर के त्राल क्षेत्र में 13 साल की एक बच्ची ने उपन्यास लिखा है. यह एक काल्पनिक भूमि के बारे में एक पहला उपन्यास है जो एक सपनों के देश कि कहानी है, जहां सभी इंसानों की जगह बिल्लियों ने ले ली है.

तौयिबा बिनती जावेद के पहले उपन्यास 'लूना स्पार्क एंड द फ्यूचर टेलिंग क्लॉक' का प्रकाशन जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने किया है. इसके प्रकाशन के बाद से बाल लेखिका की खुशी का ठिकाना नहीं है.

novel etvbharat
'लूना स्पार्क एंड द फ्यूचर टेलिंग क्लॉक'

तौयिबा श्रीनगर के डीपीएस अथवाजन स्कूल की सातवीं कक्षा की छात्रा है. तौयिबा ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने मेरी किताब का प्रकाशन किया है. यह मेरे लिए गर्व और खुशी का क्षण है कि मेरा पहला उपन्यास प्रकाशित हो गया है. कई बार विश्वास नहीं होता जिस तरह मेरी किताब मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है.'

वे कहती हैं कि तीसरी कक्षा से ही उन्हें पढ़ने की आदत थी. वे बच्चों वाली किताबे पढ़ा करती थीं. वे आगे कहती हैं कि मुझे पढ़ना बेहद पसंद था. मैंने पढ़ने की आदत को समय के साथ सुधारा और धीरे-धीरे मैंने लिखने की शुरूआत की.

उपन्यास पर बात करते हुए तौयिबा ने कहा कि यह किताब पूरी तरह काल्पनिक है जो बच्चों के लिए है. उन्होंने कहा, 'इसमें इंसानों की जगह बिल्लियां हैं. वह बिल्लियों का देश है, जिसमें मैं भी एक बिल्ली हूं. मेरा नाम लूना स्पार्क है और मैं अपने दोस्तों के साथ एक काल्पनिक भूमि में एक रोमांचक साहसिक कार्य करती हूं, जिसे सपनों का देश कहा जाता है.'

तौयिबा के घर के दृश्य.

लूना स्पार्क और उसके दोस्त एक खोई हुई घड़ी की तलाश कर रहे हैं. ये घड़ी भविष्य देख सकती है. तौयिबा आगे बताती है कि ये घड़ी भविष्य देख सकती है. यह किताब इस बारे में है किसने घड़ी को चुराया, क्यों चुराया और हमने इसे कैसे खोजा.

वे बताती हैं कि अध्यापक और माता-पिता ने मदद करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया, लेकिन मैंने कोई भी मदद लेने से मना कर दिया. वे कहती है कि मैं किसी भी ऐसी चीज का श्रेय नहीं लेना चाहती, जो मेरी नहीं हैं. मैं इसे खुद करना चाहती थी.

young novelist
तौयिबा बिनती जावेद. (उपन्यासकार)

तौयिबा लोगों से कहती हैं कि जो लिखना चाहते हैं वे लिखें, बिना इस बात की परवाह किए की कौन क्या कहेगा. ये मत सोचिये की कौन क्या सोचेगा. बस अपने भविष्य के बारे में सोचिए और अपने माता-पिता को गौरवान्वित महसूस कराएं.

तौयिबा के पिता डॉक्टर जावेद अहमद एक डेंटल सर्जन हैं और अपनी बेटी की उपलब्धि से काफी खुश एवं गौरवान्वित हैं. उन्होंने बताया कि उसे 10 वर्ष की आयु से लिखने का शौक है. उसने शुरू में कविताएं और कहानियां लिखनी शुरू कीं, जिसे वह अपने दोस्तों को दिखाते थे, जिसे उनके दोस्त काफी पसंद भी करते थे.

श्रीनगर: आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर के त्राल क्षेत्र में 13 साल की एक बच्ची ने उपन्यास लिखा है. यह एक काल्पनिक भूमि के बारे में एक पहला उपन्यास है जो एक सपनों के देश कि कहानी है, जहां सभी इंसानों की जगह बिल्लियों ने ले ली है.

तौयिबा बिनती जावेद के पहले उपन्यास 'लूना स्पार्क एंड द फ्यूचर टेलिंग क्लॉक' का प्रकाशन जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने किया है. इसके प्रकाशन के बाद से बाल लेखिका की खुशी का ठिकाना नहीं है.

novel etvbharat
'लूना स्पार्क एंड द फ्यूचर टेलिंग क्लॉक'

तौयिबा श्रीनगर के डीपीएस अथवाजन स्कूल की सातवीं कक्षा की छात्रा है. तौयिबा ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने मेरी किताब का प्रकाशन किया है. यह मेरे लिए गर्व और खुशी का क्षण है कि मेरा पहला उपन्यास प्रकाशित हो गया है. कई बार विश्वास नहीं होता जिस तरह मेरी किताब मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है.'

वे कहती हैं कि तीसरी कक्षा से ही उन्हें पढ़ने की आदत थी. वे बच्चों वाली किताबे पढ़ा करती थीं. वे आगे कहती हैं कि मुझे पढ़ना बेहद पसंद था. मैंने पढ़ने की आदत को समय के साथ सुधारा और धीरे-धीरे मैंने लिखने की शुरूआत की.

उपन्यास पर बात करते हुए तौयिबा ने कहा कि यह किताब पूरी तरह काल्पनिक है जो बच्चों के लिए है. उन्होंने कहा, 'इसमें इंसानों की जगह बिल्लियां हैं. वह बिल्लियों का देश है, जिसमें मैं भी एक बिल्ली हूं. मेरा नाम लूना स्पार्क है और मैं अपने दोस्तों के साथ एक काल्पनिक भूमि में एक रोमांचक साहसिक कार्य करती हूं, जिसे सपनों का देश कहा जाता है.'

तौयिबा के घर के दृश्य.

लूना स्पार्क और उसके दोस्त एक खोई हुई घड़ी की तलाश कर रहे हैं. ये घड़ी भविष्य देख सकती है. तौयिबा आगे बताती है कि ये घड़ी भविष्य देख सकती है. यह किताब इस बारे में है किसने घड़ी को चुराया, क्यों चुराया और हमने इसे कैसे खोजा.

वे बताती हैं कि अध्यापक और माता-पिता ने मदद करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया, लेकिन मैंने कोई भी मदद लेने से मना कर दिया. वे कहती है कि मैं किसी भी ऐसी चीज का श्रेय नहीं लेना चाहती, जो मेरी नहीं हैं. मैं इसे खुद करना चाहती थी.

young novelist
तौयिबा बिनती जावेद. (उपन्यासकार)

तौयिबा लोगों से कहती हैं कि जो लिखना चाहते हैं वे लिखें, बिना इस बात की परवाह किए की कौन क्या कहेगा. ये मत सोचिये की कौन क्या सोचेगा. बस अपने भविष्य के बारे में सोचिए और अपने माता-पिता को गौरवान्वित महसूस कराएं.

तौयिबा के पिता डॉक्टर जावेद अहमद एक डेंटल सर्जन हैं और अपनी बेटी की उपलब्धि से काफी खुश एवं गौरवान्वित हैं. उन्होंने बताया कि उसे 10 वर्ष की आयु से लिखने का शौक है. उसने शुरू में कविताएं और कहानियां लिखनी शुरू कीं, जिसे वह अपने दोस्तों को दिखाते थे, जिसे उनके दोस्त काफी पसंद भी करते थे.

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Teen Kashmiri writer creates kingdom of dreams in her debut book
         Srinagar, May 13 (PTI) A 13-year-old girl from militancy-infested Tral area of Kashmir has a book to her name, a debut novel about a fantasy land -- the kingdom of dreams -- where humans have been replaced by cats.
         Touyiba binti Javaid's debut novel 'Luna Spark and the Future Telling Clock' has been published by the Jammu and Kashmir Academy of Arts, Culture and Languages (JKAACL) and the young writer is on cloud nine.
         "The cultural academy has published the book. It is a moment of pride and happiness for me that my debut novel has been published. Some times it is hard to believe, given the media attention my book has received," Touyiba, a Class 7 student at Srinagar's DPS Athwajan school, said.
         The teen writer said she has been an avid reader of children's books since she was in Class 3.
         "I was very passionate about reading. I improved my reading skills over time and later on I also started to write," she said.
         Talking about her novel, Touyiba said "Luna Spark..." is a fictional work meant for children.
         "The humans have been replaced by cats. It is a world of cats in which I am also a cat. My name is Luna Spark and I, along with my friends, have an exciting adventure in a fantasy land called the Kingdom of dreams," she said.
         Luna Spark and her friends are supposed to look for a stolen magical clock which can foresee the future.
         "The clock is called the future telling clock. This book is about who stole the clock, why it was stolen and how we find it again," Touyiba said.
         She said her teachers and parents offered her a helping hand but she refused it as "I did not want to take credit for anything that was not mine. I wanted it to be my own".
         Touyiba asks aspiring writers to not bother what people say.
         "Don't bother about how others will react. Just look at your future and make your parents proud," she added.
         Touyiba's father, Dr Javaid Ahmad -- a dental surgeon -- is an elated man.
         "The fact that my daughter has written the book is a moment of pride for me.
         "She had this flair for writing since the age of 10. She started writing poems and stories, which I would show to my friends... They used to be impressed," he said. PTI MIJ

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