अजमेर : सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान व धर्मगुरु सैयद जैनुवल आबेदीन अली खान ने दिल्ली की तबलीगी मरकज से देश में तेजी से फैले कोरोना वायरस को लेकर बड़ा बयान जारी किया है. दरगाह दीवान ने कहा कि तबलीगी जमात के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जिसके साथ ही दीवान ने अपील की है कि मरकज में शिरकत करने वाले देश और विदेश के सभी लोगों को अपनी जांच करवाने के लिए सामने आना चाहिए.
बता दें कि दरगाह दीवान ने मरकज में लोगों को जुटाने की कड़ी शब्दों में निंदा की है. सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने सरकार से मांग की है कि सरकार तबलीगी मरकज के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करें. इसके साथ ही मरकज में शामिल होने वाले लोगों से भी अपील की है कि वह सरकार द्वारा चलाई जा रही पॉलिसी में सहयोग कर अपनी जांच करवाएं. सैयद आबेदीन ने कहा कि जिस तरह से सन 1847 में आजादी के लिए लोग एकजुट हुए थे. उसी तरह आज एक बार फिर देश को एकजुट होकर कोरोना वायरस को हराना होगा.
साथ ही सैयद जैनुअल आबदीन ने कोरोना वायरस से लड़ने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य लोगों के लिए भी दुआ की है. उन्होंने लोगों से केंद्र सरकार द्वारा 21 दिन के लॉकडाउन को घरों में रहकर सफल बनाने की अपील की है.
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क्या था मामला ?
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित हुए तबलीगी जमात कार्यक्रम में देश विदेश से 2300 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे. शुरुआत में इनमें से 24 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने से पूरे देश में हड़कंप मच गया. मरकज में शामिल हुए कोरोना संक्रमित देश में न जाने किन और कितने लोगों के संपर्क में आए होंगे, इस बात ने प्रशासन को और भी ज्यादा परेशान कर रखा है.
बता दें, मामले के बाद दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की संख्या का बढ़ना अपने आप में चिंता का सबब बनता जा रहा है. वहीं, केंद्र सरकार जमात में शामिल हुए विदेशी नागरिकों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है. इसके साथ ही लखनऊ से तीन विदेशी नागरिक, जो जमात में शामिल हुए थे पकड़े गए हैं. पुलिस सूत्रों ने ये खुलासा भी किया है कि जमात से छह विदेशी इस्लाम का प्रचार-प्रसार करने लखनऊ गए थे.
चिंता की बात तो यह है कि इस मामले के बाद से देश के लगभग सभी राज्यों से आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं.