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AICCTU का सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, रेलवे के निजीकरण का लगाया आरोप

अखिल भारतीय केंद्रीय व्यापार संघ (AICCTU) ने रेल बजट को लेकर जंतर-मंतर पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि सरकार रेलवे के निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. पढ़ें पूरी खबर.

AICCTU का सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
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Published : Jul 10, 2019, 10:43 PM IST

नई दिल्ली: अखिल भारतीय केंद्रीय व्यापार संघ (AICCTU) ने आज जंतर-मंतर पर सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. AICCTU का कहना है कि केंद्रीय बजट ने सरकार के इरादे को जाहिर कर दिया है. उन्होंने कहा कि इससे रेलवे के निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

विरोध प्रदर्शन करते AICCTU सदस्य

ईटीवी भारत से बात करते हुए AICCTU के अध्यक्ष संतोष रॉय ने कहा, 'भारतीय रेलवे के निजीकरण से न केवल रेल कर्मचारी बल्कि करोड़ों भारतीय नागरिक भी प्रभावित होंगे. भारतीय रेल आम लोगों के लिए है.'

उन्होंने आगे कहा कि जनता ने मोदी सरकार को भारतीय रेलवे के निजीकरण के लिए जनादेश नहीं दिया है. रॉय ने कहा कि सरकार विरोध के बावजूद तेजस एक्सप्रेस का निजीकरण करने की योजना बना रही है.

वहीं AICCTU के सचिव श्वेता ने कहा, 'विभिन्न उत्पादन इकाइयों के रेलवे कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ लड़ रहे हैं. निजीकरण का मतलब किराए में वृद्धि होगी और यह दैनिक यात्रियों के जीवन को बहुत मुश्किल बना देगा. हम इसका विरोध कर रहे हैं.'

पढ़ें- वित्त मंत्रालय में मीडिया के प्रवेश पर बंदिशें, सीतारमण ने कहा- कोई पाबंदी नहीं

बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि रेलवे को तेजी से विकास, रोलिंग स्टॉक निर्माण और डिलीवरी माल के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल का उपयोग करना चाहिए.

रेलवे मंत्रालय ने अपनी 100 दिनों की कार्ययोजना में दो गाड़ियों को निजी ऑपरेटरों को सौंपने का विचार रखा था, जिसके बाद से यह माना जा रहा है कि नई दिल्ली से लखनऊ तेजस एक्सप्रेस पहली रेल होगी, जो प्राइवेट ओपरेटर द्वारा संचालित की जाएगी.

नई दिल्ली: अखिल भारतीय केंद्रीय व्यापार संघ (AICCTU) ने आज जंतर-मंतर पर सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. AICCTU का कहना है कि केंद्रीय बजट ने सरकार के इरादे को जाहिर कर दिया है. उन्होंने कहा कि इससे रेलवे के निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

विरोध प्रदर्शन करते AICCTU सदस्य

ईटीवी भारत से बात करते हुए AICCTU के अध्यक्ष संतोष रॉय ने कहा, 'भारतीय रेलवे के निजीकरण से न केवल रेल कर्मचारी बल्कि करोड़ों भारतीय नागरिक भी प्रभावित होंगे. भारतीय रेल आम लोगों के लिए है.'

उन्होंने आगे कहा कि जनता ने मोदी सरकार को भारतीय रेलवे के निजीकरण के लिए जनादेश नहीं दिया है. रॉय ने कहा कि सरकार विरोध के बावजूद तेजस एक्सप्रेस का निजीकरण करने की योजना बना रही है.

वहीं AICCTU के सचिव श्वेता ने कहा, 'विभिन्न उत्पादन इकाइयों के रेलवे कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ लड़ रहे हैं. निजीकरण का मतलब किराए में वृद्धि होगी और यह दैनिक यात्रियों के जीवन को बहुत मुश्किल बना देगा. हम इसका विरोध कर रहे हैं.'

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बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि रेलवे को तेजी से विकास, रोलिंग स्टॉक निर्माण और डिलीवरी माल के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल का उपयोग करना चाहिए.

रेलवे मंत्रालय ने अपनी 100 दिनों की कार्ययोजना में दो गाड़ियों को निजी ऑपरेटरों को सौंपने का विचार रखा था, जिसके बाद से यह माना जा रहा है कि नई दिल्ली से लखनऊ तेजस एक्सप्रेस पहली रेल होगी, जो प्राइवेट ओपरेटर द्वारा संचालित की जाएगी.

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