अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में निकोल पुलिस ने आज नागालैंड और असम के 94 बंधुआ मजदूरों (12 नाबालिगों सहित) को एक रासायनिक कारखाने से मुक्त कराया.
इस मामले पर डीसीपी अक्षयराज मकवाना ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि एक रसायन कारखाने में 30 लोग काम कर रहे हैं, इनसे जबरन काम करावाया जा रहाहै. इसके बाद पुलिस ने एक रसायन कारखाने में छापा मारा. जहां 94 लोग मौजूद थे.
पुलिस को जांच में पता चला कि इन सभी लोगों को बंदी बना कर रखा गया और उनसे उनकी मर्जी के खिलाफ काम करवाया गया.
पढ़ें- PM मोदी के जन्मदिन पर बीजेपी का 'सेवा सप्ताह', अमित शाह ने मरीजों को फल बांटे
इन मजदूरों को नगालैंड और असम के एजेंटों द्वारा अहमदाबाद के मुकेश भारवाड़ के पास भेजा गया था और यहां काम पर लगाया गया. इन सभी मजदूरों को एसपी रिंग रोड के पास रंजन फार्म हाउस में रखा गया था.
पुलिस ने बताया कि इन सभी मजदूरों को भुगतान भी नहीं किया गया था और उन्हें घर जाने की अनुमति भी नहीं दी गई जा रही थी. फिलहाल पुलिस केस दर्ज कर लिया है, मुक्त कराए गए मजदूरों को उनके घर वापस भेजा जाएगा