नई दिल्ली: सीमा विवाद को लेकर चीन से तनाव के बीच भारतीय सेना की चार दिवसीय कमांडर कॉन्फ्रेंस आज से शुरू होगी. सम्मेलन में सभी सामरिक और मानव संसाधनों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
गौरतलब है कि भारतीय सेना के कमांडरों का सम्मेलन एक साल में दो बार होता है, जो एक शीर्ष स्तर का सैन्य कार्यक्रम है. यह सम्मेलन कॉलेजियम के विचार-विमर्श के माध्यम से महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय तैयार करता है.
यह सम्मेलन 26-29 अक्टूबर, 2020 तक नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा.
सम्मेलन में सेना के वरिष्ठ अधिकारी, उप सेना अध्यक्ष, सभी कमांडर, सेना मुख्यालय के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर्स (पीएसओ) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे.
एक सूत्र ने बताया कि सम्मेलन के पहले दिन मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 27 अक्टूबर को सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इससे पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
28 अक्टूबर को, सेना के कमांडर विभिन्न एजेंडे पर गहन चर्चा करेंगे और कमांडर-इन-चीफ ऑफ दि अंडमान निकोबार कमांड द्वारा एक महत्वपूर्ण अपडेट दिया जाएगा. इसके बाद विभिन्न पीएसओ द्वारा विभिन्न मुद्दों पर संक्षिप्त अपडेट दिया जाएगा.
सम्मेलन के अंतिम दिन, सीमा सड़क महानिदेशक सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा किए जा रहे विभिन्न बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं पर सेना को जानकारी देंगे.
सूत्र ने कहा कि सेना के विभिन्न स्तरों पर मैनपावर के उपयोग को ऑप्टिमाइज करने के लिए स्वचालन पहल पर भी चर्चा की जाएगी.
स्पोर्ट्स ट्रॉफी और फ्लाइट सेफ्टी ट्रॉफी की प्रस्तुति और इसके बाद सेना प्रमुख एमएम नरवणे के समापन भाषण के सम्मेलन का समापन होगा.