नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में बीते 116 दिन से दिल्ली के बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है. भारत बंद को सफल बनाने के लिए किसान मोर्चा ने रणनीति भी तैयार कर ली है और देशभर के संगठनों और आंदोलन के समर्थकों को लामबंद करना शुरू कर दिया है.
किसान मोर्चा ने आंदोलन पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए इस बार यह घोषणा की है कि बंद का व्यापक असर दिल्ली में भी देखने को मिलेगा. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या किसान एक बार फिर दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते हैं? वहीं दिल्ली के बॉर्डर पर 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का शहीदी दिवस मनाने की तैयारी चल रही है, जिसके लिए भारी संख्या में युवा देशभर से पहुंच रहे हैं.
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जानकारी के अनुसार खटकड़ कलां, हिसार और मथुरा से चली पदयात्राएं दिल्ली की सीमाओं पर सोमवार देर शाम तक पहुंच रही हैं, जिसमें मुख्य रूप से युवाओं की संख्या ज्यादा है. ऐसे में संभावना है कि दिल्ली के बॉर्डर पर पहुंचे युवा आंदोलनकारी भारत बंद को दिल्ली में सफल बनाने का प्रयास कर सकते हैं. इसे किसान संगठनों द्वारा सरकार पर दबाव बनाने की एक और रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.
ईटीवी भारत से बातचीत में राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रवक्ता और संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि दिल्ली में भी इस बार भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिलेगा. ट्रेड यूनियन्स, ट्रांसपोर्ट यूनियन और मार्केट एसोसिएशन इस बंद में समर्थन करेंगी. ग्रामीण क्षेत्र के लोग जो पलायन कर दिल्ली में सालों से रह रहे हैं उनका भी समर्थन संयुक्त किसान मोर्चा के 26 मार्च के भारत बंद को मिलेगा. अभिमन्यु ने यह भी जानकारी दी कि कोई भी किसान नेता दिल्ली नहीं जाएगा.
सरकार फिर भेजे बातचीत का प्रस्ताव : संयुक्त किसान मोर्चा
किसान मोर्चा ने एक बार फिर कहा है कि यदि सरकार सही वातावरण में बातचीत का प्रस्ताव भेजे, तो वह पूरी तरह तैयार हैं. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार किसानों से बस एक फोन कॉल की दूरी पर है. अभी हाल में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि फोन कॉल की दूरी किसानों को तय करनी चाहिए. इस पर किसान मोर्चा ने कहा है कि सरकार किसानों के लिए हल निकालने की बजाय दोषारोपण का काम कर रही है.
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हाल ही में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि वह दिल्ली को पूरी तरह बंद करने की तैयारी कर रहे हैं और जल्द ही चिल्ला बॉर्डर को जाम किया जा सकता है. सूत्रों की मानें, तो शहीदी दिवस को मनाने के लिए धरना स्थलों पर जुटाई जा रही भीड़ इसी रणनीति का हिस्सा है. दरअसल, दिल्ली बॉर्डर पर अब किसानों की संख्या कम रह गई है, ऐसे में भारत बंद के आह्वान पर दिल्ली को पूरी तरह ब्लॉक करने के लिए यह संख्या जुटाई जा रही है. 26 मार्च को दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से जाम किया जा सकता है और 25 मार्च तक किसान चिल्ला बॉर्डर को भी जाम करने का प्रयास कर सकते हैं.