नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश में पार्टी की जीत से उत्साहित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress president Mallikarjun Kharge) की निगाहें अपने गृह राज्य कर्नाटक में फिर से जीत हासिल करने पर टिकी हैं. हाल ही में कलबुर्गी में एक विशाल रोड शो करने वाले खड़गे ने सोमवार को वरिष्ठ नेताओं के साथ चुनावी तैयारियों की समीक्षा की. उनसे दक्षिणी राज्य के लिए एक रोडमैप तैयार करने और सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के लिए मिलकर काम करने को कहा.
कर्नाटक के एआईसीसी प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'खड़गे ने राज्य इकाई से अगले 75 दिनों में आंदोलनकारी कार्यक्रम चलाने को कहा है. हम बीजापुर, चित्रदुर्ग और हुबली इलाकों में बड़ी रैलियां और सम्मेलन करेंगे. हर जिला मुख्यालय पर राज्य व्यापी रैली का भी आयोजन किया जाएगा. इसके बाद इसे सभी 224 विधानसभा सीटों में शुरू किया जाएगा.'
सामूहिक नेतृत्व की भावना व्यक्त करने के लिए खड़गे ने बैठक बुलाई थी. जिसने हिमाचल प्रदेश में ठीक काम किया, जहां मुख्यमंत्री पद के तीन प्रमुख दावेदार थे, राज्य इकाई प्रमुख प्रतिभा सिंह, राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख सुखविंदर सुक्खू और पूर्व सीएलपी नेता मुकेश अग्निहोत्री. सुखविंदर सुक्खू सीएम चुने गए जबकि मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी सीएम.
कर्नाटक कांग्रेस राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार और सीएलपी नेता के सिद्धारमैया के खेमों के बीच विभाजित हो गई है.हालांकि दोनों नेताओं को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कर्नाटक पहुंचने के दौरान साथ देखा गया था. ऐसी चिंताएं रही हैं कि गुटीय झगड़े 2023 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
सुरजेवाला ने दावा किया कि पार्टी हिमाचल की तरह ही भाजपा से कर्नाटक वापस लेने के लिए प्रतिबद्ध है और उस लक्ष्य के लिए काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने दोनों दिग्गजों के बीच सत्ता की लड़ाई को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि राज्य के नेता अगले साल की जीत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जैसे महाभारत के अर्जुन अपने लक्ष्य पर केंद्रित थे. उन्होंने कहा कि राज्य के नेता किसी पद के लिए लालायित नहीं हैं. सुरजेवाला ने कहा, 'मुख्यमंत्री के मुद्दे पर नेताओं के बीच कोई कड़वाहट नहीं है. विपक्षी दुष्प्रचार कर रहे हैं.'
राज्य के नेताओं से जमीनी स्तर पर फीडबैक प्राप्त करने वाले खड़गे ने एआईसीसी प्रबंधकों से कुछ दिनों में राज्य चुनाव समिति को अंतिम रूप देने को कहा ताकि कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों की पहचान करना शुरू कर सके.
2018 के विधानसभा चुनावों में त्रिशंकु स्थिति थी, लेकिन कांग्रेस के प्रबंधकों ने जल्दी से जेडी-एस के साथ एक समझौता किया और क्षेत्रीय पार्टी के नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद की पेशकश की थी. हालांकि, 2019 में कांग्रेस-जेडी-एस गठबंधन सरकार गिर गई. बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने. तब से कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साध रही है और राज्य सरकार में कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए एक अभियान चला रही है.
राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिवकुमार ने लोगों के ध्रुवीकरण के कथित कदमों को लेकर राज्य सरकार पर हमला किया. उन्होंने कहा कि हिजाब और हलाल जैसे अभियानों ने दक्षिणी राज्य जिसे आईटी हब के रूप में जाना जाता है, नुकसान पहुंचाया है.'
सुरजेवाला ने कहा, 'बोम्मई सरकार एक भ्रष्ट सरकार है इसे 40 फीसदी कमीशन वाली सरकार के तौर पर जाना जाता है.' सुरजेवाला ने कहा, हम 2023 में उन्हें हराने के लिए मिलकर काम करेंगे.'
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