बेंगलुरु : उत्तर कर्नाटक के सिरसी जिले की रहने वाली गौरी चंद्रशेखर नाइक ने अब तक दो कुएं खोद लिए हैं. 56 साल की गौरी नाइक ने मिट्टी खोदने से लेकर मिट्टी उठाने और उसे ढोकर फेंकने का सारा काम खुद ही किया है.
उन्होंने 4-5 महीनों में प्रत्येक कुआं खोदा. दोनों कुएं लगभग 60 फीट गहरे हैं. गौरी ने अपने घर के पीछे कुएं खोदने के लिए दिन-रात काम किया. दरअसल, सुपारी के बागान पानी विहीन हो गए थे. इस कारण से महिला ने बिना किसी की मदद के कुआं खोदने का फैसला किया. बिना किसी से पूछे अपनी प्रेरणा से उन्होंने कुआं खोदा है.
कुछ साल पहले गौरी ने पहला कुआं खोदा था. फिर तालाबंदी के दौरान इन्होंने दूसरा कुआं भी खोदना शुरू किया, जिसमें वह कामयाब रहीं. वह कुली का काम भी करती हैं और पेड़ से नारियल भी तोड़ती हैं. इस उम्र में भी महिला के इस तरह के परिश्रम की लोग सराहना करते हैं. इतना ही नहीं राज्य सरकार और महिला एवं बाल विकास विभाग और कई संगठनों ने गौरी को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया है.
गौरी चंद्रशेखर नाइक कहती हैं कि हमारे पास सुपारी के वृक्ष हैं, जिसमें पानी की कमी हो गई थी. तब मैंने कुएं की खोदाई करने के बारे में सोचा और गर्मियों के दौरान 2-3 महीनों में पहला कुआं खोदा. बाद में लॉकडाउन के दौरान मैंने एक और कुआं खोदा. मैंने किसी से सुझाव नहीं लिया. मैंने भगवान की स्तुति की और अपना काम शुरू कर दिया.
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गौरी नाइक ने कहा कि पहले कुएं में छह फीट पानी है और दूसरे कुएं में सात फीट पानी है. मैंने अकेले खोदाई का सारा काम किया और किसी की मदद नहीं ली.