ETV Bharat / bharat

जज्बे को सलाम : 56 साल की महिला ने खोद डाले 60 फीट गहरे दो कुएं

author img

By

Published : Mar 27, 2021, 5:04 PM IST

Updated : Mar 27, 2021, 5:30 PM IST

कर्नाटक के सिरसी जिले की एक 56 वर्षीय महिला ने दो कुएं खोद कर साबित कर दिया है कि इस दुनिया में कोई भी चीज असंभव नहीं है, लेकिन इसके हौसला और हिम्मत चाहिए. 56 वर्ष की उम्र में महिला द्वारा किया गया यह काम समाज के लिए उदाहरण है. अपने इस कार्य से महिला युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन चुकी है.

Learn from
Learn from

बेंगलुरु : उत्तर कर्नाटक के सिरसी जिले की रहने वाली गौरी चंद्रशेखर नाइक ने अब तक दो कुएं खोद लिए हैं. 56 साल की गौरी नाइक ने मिट्टी खोदने से लेकर मिट्टी उठाने और उसे ढोकर फेंकने का सारा काम खुद ही किया है.

उन्होंने 4-5 महीनों में प्रत्येक कुआं खोदा. दोनों कुएं लगभग 60 फीट गहरे हैं. गौरी ने अपने घर के पीछे कुएं खोदने के लिए दिन-रात काम किया. दरअसल, सुपारी के बागान पानी विहीन हो गए थे. इस कारण से महिला ने बिना किसी की मदद के कुआं खोदने का फैसला किया. बिना किसी से पूछे अपनी प्रेरणा से उन्होंने कुआं खोदा है.

जज्बे को सलाम

कुछ साल पहले गौरी ने पहला कुआं खोदा था. फिर तालाबंदी के दौरान इन्होंने दूसरा कुआं भी खोदना शुरू किया, जिसमें वह कामयाब रहीं. वह कुली का काम भी करती हैं और पेड़ से नारियल भी तोड़ती हैं. इस उम्र में भी महिला के इस तरह के परिश्रम की लोग सराहना करते हैं. इतना ही नहीं राज्य सरकार और महिला एवं बाल विकास विभाग और कई संगठनों ने गौरी को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया है.

गौरी चंद्रशेखर नाइक कहती हैं कि हमारे पास सुपारी के वृक्ष हैं, जिसमें पानी की कमी हो गई थी. तब मैंने कुएं की खोदाई करने के बारे में सोचा और गर्मियों के दौरान 2-3 महीनों में पहला कुआं खोदा. बाद में लॉकडाउन के दौरान मैंने एक और कुआं खोदा. मैंने किसी से सुझाव नहीं लिया. मैंने भगवान की स्तुति की और अपना काम शुरू कर दिया.

यह भी पढ़ें-बांग्लादेश दौरा: मतुआ समुदाय के साथ प्रधानमंत्री मोदी

गौरी नाइक ने कहा कि पहले कुएं में छह फीट पानी है और दूसरे कुएं में सात फीट पानी है. मैंने अकेले खोदाई का सारा काम किया और किसी की मदद नहीं ली.

बेंगलुरु : उत्तर कर्नाटक के सिरसी जिले की रहने वाली गौरी चंद्रशेखर नाइक ने अब तक दो कुएं खोद लिए हैं. 56 साल की गौरी नाइक ने मिट्टी खोदने से लेकर मिट्टी उठाने और उसे ढोकर फेंकने का सारा काम खुद ही किया है.

उन्होंने 4-5 महीनों में प्रत्येक कुआं खोदा. दोनों कुएं लगभग 60 फीट गहरे हैं. गौरी ने अपने घर के पीछे कुएं खोदने के लिए दिन-रात काम किया. दरअसल, सुपारी के बागान पानी विहीन हो गए थे. इस कारण से महिला ने बिना किसी की मदद के कुआं खोदने का फैसला किया. बिना किसी से पूछे अपनी प्रेरणा से उन्होंने कुआं खोदा है.

जज्बे को सलाम

कुछ साल पहले गौरी ने पहला कुआं खोदा था. फिर तालाबंदी के दौरान इन्होंने दूसरा कुआं भी खोदना शुरू किया, जिसमें वह कामयाब रहीं. वह कुली का काम भी करती हैं और पेड़ से नारियल भी तोड़ती हैं. इस उम्र में भी महिला के इस तरह के परिश्रम की लोग सराहना करते हैं. इतना ही नहीं राज्य सरकार और महिला एवं बाल विकास विभाग और कई संगठनों ने गौरी को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया है.

गौरी चंद्रशेखर नाइक कहती हैं कि हमारे पास सुपारी के वृक्ष हैं, जिसमें पानी की कमी हो गई थी. तब मैंने कुएं की खोदाई करने के बारे में सोचा और गर्मियों के दौरान 2-3 महीनों में पहला कुआं खोदा. बाद में लॉकडाउन के दौरान मैंने एक और कुआं खोदा. मैंने किसी से सुझाव नहीं लिया. मैंने भगवान की स्तुति की और अपना काम शुरू कर दिया.

यह भी पढ़ें-बांग्लादेश दौरा: मतुआ समुदाय के साथ प्रधानमंत्री मोदी

गौरी नाइक ने कहा कि पहले कुएं में छह फीट पानी है और दूसरे कुएं में सात फीट पानी है. मैंने अकेले खोदाई का सारा काम किया और किसी की मदद नहीं ली.

Last Updated : Mar 27, 2021, 5:30 PM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

Learn from
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.