चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि घरेलू एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं को सस्ते दाम पर बिजली उपलब्ध कराई जानी चाहिए. सिद्धू ने ट्वीट किया कि पंजाब पहले ही 9,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी मुहैया कराता है. लेकिन हमें घेरलू एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए और कदम उठाने की आवश्यकता है.
कहा कि अधिभार को 10 से 12 रुपए प्रति इकाई बढ़ाने के बजाए तीन से पांच रुपए प्रति इकाई की दर पर उन्हें बिजली दी जानी चाहिए. इसके अलावा कटौती किए बिना उन्हें चौबीस घंटे बिजली मुहैया कराई जानी चाहिए और (300 इकाई तक) निशुल्क बिजली दी जानी चाहिए. ऐसा निश्चित ही किया जा सकता है.
सिद्धू के इस ट्वीट से कुछ दिन पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरवाल ने वादा किया था कि यदि आम आदमी पार्टी (आप) अगले साल सत्ता में आती है, तो हर घर में 300 इकाई निशुल्क बिजली और 24 घंटे विद्युत आपूर्ति मुहैया कराई जाएगी. क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने दोहराया कि पूर्ववर्ती शिरोमणि अकाली दल (शिअद)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में जो दोषपूर्ण विद्युत आपूर्ति समझौते किए थे, उसे कानून के जरिए रद्द किया जाना चाहिए.
सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट किया कि आइए, कांग्रेस आला कमान के 18 बिंदुओं वाले लोक समर्थक एजेंडे को शुरू किया जाए और बिना किसी निश्चित शुल्क के नेशनल पावर एक्सचेंज के अनुसार दरें तय करके पंजाब विधानसभा में नए विधेयक के जरिए उन दोषपूर्ण बिजली खरीद समझौतों से छुटकारा पाया जाए. जिन पर (पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह) बादल ने हस्ताक्षर किए थे.
इससे पहले भी सिद्धू ने शिअद-भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान किए गए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को रद्द करने के लिए नया कानून लाने का आग्रह किया था. सिद्धू अतीत में कई मामलों पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की आलोचना कर चुके है.
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सिंह ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार शिअद-भाजपा के शासनकाल में हुए व्यर्थ के बिजली खरीद समझौतों को रोकने के लिए जल्द ही एक कानूनी रणनीति की घोषणा करेगी. मुख्यमंत्री ने राज्य में बिजली आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा बैठक के बाद कहा था कि शिअद-भाजपा शासन के दौरान किए गए 139 बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) में से 17 समझौते राज्य की बिजली की पूरी मांग के लिए पर्याप्त हैं. शेष 122 पीपीए से राज्य पर अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ा.
(पीटीआई-भाषा)