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16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने मई के आवंटित संपूर्ण खाद्यान्न का किया उठाव - राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना

कोरोना संकट व लॉकडाउन में गरीबों के बीच मुफ्त राशन वितरण हेतु 16 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने मई महीने के लिये आवंटित सम्पूर्ण खाद्यान्न का उठाव कर लिया है. बता दें कि मौजूदा संकट के दौर में गरीबों के सामने अन्न का संकट पैदा न हो इसलिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त में अलग से मई एवं जून महीने में प्रति माह प्रति व्यक्ति पांच किलो खाद्यान्न (गेहूं-चावल) दे रही है.

आवंटित संपूर्ण खाद्यान्न
आवंटित संपूर्ण खाद्यान्न
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Published : May 19, 2021, 2:14 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना संकट व लॉकडाउन में गरीबों के बीच मुफ्त राशन वितरण हेतु 16 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने मई महीने के लिये आवंटित सम्पूर्ण खाद्यान्न का उठाव कर लिया है. आंध्र प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, केरल, लद्दाख, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा ने मई महीने के लिये आवंटित सम्पूर्ण खाद्यान्न का उठाव किया है.

लक्ष्यद्वीप ने मई एवं जून दोनों महीने के लिये आवंटित संपूर्ण खाद्यान्न का उठाव कर लिया है. अब तक कुल 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के डीपोटस से 31.80 एलएमटी खाद्यान्न का उठाव कर लिया है. वितरण का काम भी जारी है.

मई महीने में कुल 40 LMT खाद्यान्न का वितरण सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में होगा. मई एवं जून महीने में कुल 80 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण पूरे देश भर में होगा.

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वहीं पिछले वर्ष कोरोना संकट एवं नेशनल लॉकडाउन में PMGKAY 1 (अप्रैल-जून 2020) व PMGKAY-II (जुलाई-नवंबर 2020) के दौरान 104 एलएमटी गेहूं व 201 एलएमटी चावल कुल 305 एलएमटी खाद्यान्न सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित किया गया था.

पिछले साल मुफ्त में पांच किलो चावल या गेहूं तथा एक किलो चना दिया जा रहा था. आठ करोड़ प्रवासी मजदूर जिनके पास राशन कार्ड नहीं था, उनको भी आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत मुफ्त अनाज दिया जा रहा था. केंद्र सरकार ने सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वह गरीबों को खासकर प्रवासी आबादी को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना (ONORC) का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वह मुफ्त अनाज ले सकें.

इस स्कीम के तहत एक ही राशन कार्ड के जरिये देश में कहीं भी सरकारी राशन दुकान से अनाज लिया जा सकता है. 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में यह स्कीम चल रही है. बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण कई राज्यों में लॉकडाउन लगा है, जिसके चलते सरकारी राशन की दुकाने कम समय के लिये खुल रहीं हैं व इसके कारण गरीबों को मुफ्त राशन लेने में दिक्कत हो रही है.

पढ़ें- उत्तराखंड पुलिस ने प्लाज्मा थेरेपी से बचाई 150 लोगों की जान

इसके मददेनजर केंद्र सरकार ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि हर दिन देर तक और सप्ताह में सातों दिन सरकारी राशन की दुकानें कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए खुली रहनी चाहिए.

बता दें कि मौजूदा संकट के दौर में गरीबों के सामने अन्न का संकट पैदा न हो इसलिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त में अलग से मई एवं जून महीने में प्रति माह प्रति व्यक्ति पांच किलो खाद्यान्न (गेहूं-चावल) दे रही है.

नई दिल्ली : कोरोना संकट व लॉकडाउन में गरीबों के बीच मुफ्त राशन वितरण हेतु 16 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने मई महीने के लिये आवंटित सम्पूर्ण खाद्यान्न का उठाव कर लिया है. आंध्र प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, केरल, लद्दाख, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा ने मई महीने के लिये आवंटित सम्पूर्ण खाद्यान्न का उठाव किया है.

लक्ष्यद्वीप ने मई एवं जून दोनों महीने के लिये आवंटित संपूर्ण खाद्यान्न का उठाव कर लिया है. अब तक कुल 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के डीपोटस से 31.80 एलएमटी खाद्यान्न का उठाव कर लिया है. वितरण का काम भी जारी है.

मई महीने में कुल 40 LMT खाद्यान्न का वितरण सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में होगा. मई एवं जून महीने में कुल 80 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण पूरे देश भर में होगा.

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वहीं पिछले वर्ष कोरोना संकट एवं नेशनल लॉकडाउन में PMGKAY 1 (अप्रैल-जून 2020) व PMGKAY-II (जुलाई-नवंबर 2020) के दौरान 104 एलएमटी गेहूं व 201 एलएमटी चावल कुल 305 एलएमटी खाद्यान्न सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित किया गया था.

पिछले साल मुफ्त में पांच किलो चावल या गेहूं तथा एक किलो चना दिया जा रहा था. आठ करोड़ प्रवासी मजदूर जिनके पास राशन कार्ड नहीं था, उनको भी आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत मुफ्त अनाज दिया जा रहा था. केंद्र सरकार ने सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वह गरीबों को खासकर प्रवासी आबादी को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना (ONORC) का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वह मुफ्त अनाज ले सकें.

इस स्कीम के तहत एक ही राशन कार्ड के जरिये देश में कहीं भी सरकारी राशन दुकान से अनाज लिया जा सकता है. 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में यह स्कीम चल रही है. बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण कई राज्यों में लॉकडाउन लगा है, जिसके चलते सरकारी राशन की दुकाने कम समय के लिये खुल रहीं हैं व इसके कारण गरीबों को मुफ्त राशन लेने में दिक्कत हो रही है.

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इसके मददेनजर केंद्र सरकार ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि हर दिन देर तक और सप्ताह में सातों दिन सरकारी राशन की दुकानें कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए खुली रहनी चाहिए.

बता दें कि मौजूदा संकट के दौर में गरीबों के सामने अन्न का संकट पैदा न हो इसलिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त में अलग से मई एवं जून महीने में प्रति माह प्रति व्यक्ति पांच किलो खाद्यान्न (गेहूं-चावल) दे रही है.

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