सूरजपुर: एक ओर देश के प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी सफाईकर्मी की पैर धोकर छुआछूत और ऊंच-नीच का भेदभाव खत्म करने का संदेश दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर जिले के एक स्कूल में एक शिक्षिका पर छुआछूत को बढ़ावा देने और दलित समुदाय की बच्ची को प्रताड़ित करने का आरोप लगा है. शिक्षिका के बर्ताव से व्यथित छात्रा ने कलेक्टर से मामले की शिकायत की है.
कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं. दरअसल, जिले के ग्राम नेवरा की दलित समुदाय की पीड़ित छात्रा ग्राम पसला के पूर्व माध्यमिक शाला में कक्षा 8वीं में पढ़ती है. आरोप है कि 9 अप्रैल को मध्यान्ह भोजन के दौरान विद्यालय की कुछ शिक्षिकाओं ने छात्राओं से भोजन लाने के लिए कहा, तो उनमें से एक दलित छात्रा ने जब शिक्षिका सूरजमणि कुशवाहा को भोजन लाकर दी, तो वह नाराज हो गई और कहने लगी कि यह छात्रा तो हरिजन है. इसके हाथ का खाना नहीं खाऊंगी और यह कहते हुए थाली वापस भेज दी.
थाली में निशान लगाने के लिए निर्देश
हद तो तब हो गई जब उस थाली में निशान लगाने के लिए भी निर्देश दिया गया ताकि यह पता चले कि थाली को किसी दलित की बेटी ने स्पर्श किया है. शिक्षिका के इस बर्ताव से दुखी छात्रा ने कलेक्टर से मुलाकात कर लिखित में शिकायत की है. वहीं छात्रा ने विद्यालय से नाम कटाकर अन्य संस्था में पढ़ने की इच्छा जताई है.
दिए जांच के आदेश
इस संबंध में जिला कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि छात्रा द्वारा इस आशय पत्र पर जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए हैं. वहीं स्कूल के प्रधानपाठक ने आरोप लगाया कि शिक्षिका का रवैया ठीक नहीं है. वह एक दबंग महिला हैं, जिसके कारण हम लोग भी इसका विरोध नहीं कर सकते हैं.