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बस्तर वापस लौट रहे हैं सलवा जुडूम के पीड़ित परिवार, सरकार से लगा रहे ये गुहार

बीते 15 साल बाद कोंटा ब्लॉक में सलवा जुडूम पीड़ित 25 परिवार अपने गृहग्राम मरईगुड़ा राजस्व पहुंचे. इन परिवारों को आंध्रप्रदेश से वापस लाने में सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी और 2 अन्य समाजसेवियों की अहम भूमिका रही.

बस्तर वापस लौट रहे हैं सलवा जुडूम के पीड़ित परिवार
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Published : Apr 25, 2019, 10:52 PM IST

सुकमाः छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा के खिलाफ शुरू किए गए सलवा जुडूम आंदोलन के दौरान कई आदिवासी परिवार बस्तर छोड़कर चले गए थे. इन परिवारों की अब बस्तर वापस आने की कवायद शुरू हो गई है. इस क्रम में करीब 25 परिवार अपने गृहगांव मरईगुड़ा राजस्व पहुंचे.

बस्तर वापस लौट रहे हैं सलवा जुडूम के पीड़ित परिवार

बीते 15 साल बाद कोंटा ब्लॉक में सलवा जुडूम पीड़ित 25 परिवार अपने गृहग्राम मरईगुड़ा राजस्व पहुंचे. इन परिवारों को आंध्रप्रदेश से वापस लाने में सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी और 2 अन्य समाजसेवियों की अहम भूमिका रही.

'कर रहे थे मजदूरी'
मीडिया से बातचीत करते हुए शुभ्रांशु चौधरी ने कहा कि गांव छोड़कर गए ग्रामीणों के पास कभी सैकड़ों एकड़ जमीन हुआ करती थी, जिनके जमीन पर कभी मजदूर काम किया करते थे, वो आज खुद दूसरों के खेतों में काम करने को मजबूर थे. उन्होंने बताया कि जो 25 परिवार की वापसी हो रही है. उनमें से 22 परिवार के नाम पर यहां जमीन मिल चुकी है.

सरकार से की अपील
जानकारी के अनुसार सुकमा जिले के 29 परिवार गुरुवार को वापस अपनी जमीन पर लौट रहे हैं. बताया जाता है कि सलवा जुडूम के दौरान नक्सलियों ने इन लोगों के घर जला दिए थे. इसके बाद वे दहशत में अपनी जमीन छोड़कर आंध्रप्रदेश चले गए थे. ग्रामीणों ने सरकार से अपील की है कि उनके पुनर्वास में मदद करें साथ ही उनके रोजगार की व्यवस्था करें.

सुकमाः छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा के खिलाफ शुरू किए गए सलवा जुडूम आंदोलन के दौरान कई आदिवासी परिवार बस्तर छोड़कर चले गए थे. इन परिवारों की अब बस्तर वापस आने की कवायद शुरू हो गई है. इस क्रम में करीब 25 परिवार अपने गृहगांव मरईगुड़ा राजस्व पहुंचे.

बस्तर वापस लौट रहे हैं सलवा जुडूम के पीड़ित परिवार

बीते 15 साल बाद कोंटा ब्लॉक में सलवा जुडूम पीड़ित 25 परिवार अपने गृहग्राम मरईगुड़ा राजस्व पहुंचे. इन परिवारों को आंध्रप्रदेश से वापस लाने में सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी और 2 अन्य समाजसेवियों की अहम भूमिका रही.

'कर रहे थे मजदूरी'
मीडिया से बातचीत करते हुए शुभ्रांशु चौधरी ने कहा कि गांव छोड़कर गए ग्रामीणों के पास कभी सैकड़ों एकड़ जमीन हुआ करती थी, जिनके जमीन पर कभी मजदूर काम किया करते थे, वो आज खुद दूसरों के खेतों में काम करने को मजबूर थे. उन्होंने बताया कि जो 25 परिवार की वापसी हो रही है. उनमें से 22 परिवार के नाम पर यहां जमीन मिल चुकी है.

सरकार से की अपील
जानकारी के अनुसार सुकमा जिले के 29 परिवार गुरुवार को वापस अपनी जमीन पर लौट रहे हैं. बताया जाता है कि सलवा जुडूम के दौरान नक्सलियों ने इन लोगों के घर जला दिए थे. इसके बाद वे दहशत में अपनी जमीन छोड़कर आंध्रप्रदेश चले गए थे. ग्रामीणों ने सरकार से अपील की है कि उनके पुनर्वास में मदद करें साथ ही उनके रोजगार की व्यवस्था करें.

Intro:सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक में बीते 15 साल बाद सलवाजुड़ुम पीड़ित 25 परिवार अपने गृहग्राम मरईगुड़ा राजस्व पहुंचा इस परिवार को तेलंगाना से वापस लाने में सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी व 2 अन्य समाजसेवी की महत्वपूर्ण भूमिका रही । इन परिवारों को वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी मीडिया से चर्चा में कहा कि जिन लोगों ने गांव छोड़ा उनके नाम कभी सैकड़ों एकड़ जमीन थी । सैकड़ों एकड़ जमीन के मालिक जिनके खेतों में पहले मजदूर काम करते थे वो मजबूरी में दूसरे के खेतों में दिहाड़ी पर काम करने को मजबूर थे । अभी जो 25 परिवार लौट रहे है उनमें से 24 परिवार के नाम पर जमीन यहां मिल चुकी है ।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा के खिलाफ शुरू किए गए सलवा जुडूम के दौरान बस्तर छोड़कर आंध्र प्रदेश में जा बसे आदिवासी परिवारों के अब वापस बस्तर आने की कवायद शुरू हुई है । घोर नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के 29 परिवार गुरुवार को वापस अपनी जमीन पर लौट रहे हैं । दावा किया जाता है कि सलाव जुडूम के दौरान नक्सलियों ने इनके घर जला दिए थे । इसके बाद वे दहशत में अपनी जमीन छोड़ पड़ोसी प्रांत आंध्र में निर्वासितों की तरह दिन गुजार रहे थे । ग्रामीणों ने सरकार से अपील की है कि उन्हें फिर से शुरुआत करने में मदद के साथ रोजगार देने की व्यवस्था करे ।

बाइट - सुभ्रांशु चौधरी (चश्मा में) सामाजिक चौधरी

बाइट - ग्रामीणBody:15 साल बाद लौटे ग्रामीणConclusion:15 साल बाद लौटे ग्रामीण
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