सुकमाः छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा के खिलाफ शुरू किए गए सलवा जुडूम आंदोलन के दौरान कई आदिवासी परिवार बस्तर छोड़कर चले गए थे. इन परिवारों की अब बस्तर वापस आने की कवायद शुरू हो गई है. इस क्रम में करीब 25 परिवार अपने गृहगांव मरईगुड़ा राजस्व पहुंचे.
बीते 15 साल बाद कोंटा ब्लॉक में सलवा जुडूम पीड़ित 25 परिवार अपने गृहग्राम मरईगुड़ा राजस्व पहुंचे. इन परिवारों को आंध्रप्रदेश से वापस लाने में सामाजिक कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी और 2 अन्य समाजसेवियों की अहम भूमिका रही.
'कर रहे थे मजदूरी'
मीडिया से बातचीत करते हुए शुभ्रांशु चौधरी ने कहा कि गांव छोड़कर गए ग्रामीणों के पास कभी सैकड़ों एकड़ जमीन हुआ करती थी, जिनके जमीन पर कभी मजदूर काम किया करते थे, वो आज खुद दूसरों के खेतों में काम करने को मजबूर थे. उन्होंने बताया कि जो 25 परिवार की वापसी हो रही है. उनमें से 22 परिवार के नाम पर यहां जमीन मिल चुकी है.
सरकार से की अपील
जानकारी के अनुसार सुकमा जिले के 29 परिवार गुरुवार को वापस अपनी जमीन पर लौट रहे हैं. बताया जाता है कि सलवा जुडूम के दौरान नक्सलियों ने इन लोगों के घर जला दिए थे. इसके बाद वे दहशत में अपनी जमीन छोड़कर आंध्रप्रदेश चले गए थे. ग्रामीणों ने सरकार से अपील की है कि उनके पुनर्वास में मदद करें साथ ही उनके रोजगार की व्यवस्था करें.