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राजनांदगांवः बारदाने की कमी की वजह से सोसायटियों में बंद हो सकती है धान खरीदी ! - Cap cover arrangement

राजनांदगांव के उपार्जन केंद्रों में बारदानों की कमी के कारण करोड़ों का धान जाम पड़ा हुआ है. मामले की जानकारी जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए जाने के बावजूद समस्या का समधान हो रहा है.

Paddy security problem
बारदानें की कमी
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Published : Dec 28, 2019, 7:31 AM IST

राजनांदगांवः जिले के सोसायटियों के पास बारदानों की कमी है. इस वजह से धान खरीदी पर कभी भी रोक लगाई जा सकती है. बावजूद इसके जिला प्रशासन अब तक सोसायटियों में बारदानों की उपलब्धता को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. वहीं जिले के तकरीबन 22 धान खरीदी केंद्रों में धान खुले में रखा गया है. बारदानों की कमी के कारण सोसायटी प्रबंधकों को वैकल्पिक तौर पर कैप कवर की व्यवस्था करनी पड़ रही है, लेकिन यह भी धान की सुरक्षा को लेकर कम है.

बारदानें की कमी

जिले में 117 उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी की जा रही है. सोसायटियों में लगातार धान की आवक बनी हुई है. प्रबंधक धान की खरीदी तो कर रहे हैं लेकिन धान की सुरक्षा को लेकर के वह भी चिंतित हैं. प्रशासन से बारदाने की लगातार मांग के बाद स्थिति जस की तस बनी हुई है. इसकी वजह से सोसायटी प्रबंधक की परेशानी बढ़ती जा रही है.

केंद्रों में करोड़ों का धान जाम
प्रशासन के आदेश के अनुसार सोसायटी में किसानों से धान को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है, लेकिन बारदानों की कमी के कारण धान की सुरक्षा की कमी प्रबंधकों के लिए बनी हुई है. सोसायटियों में धान खुले में पड़ा हुआ है. इस समस्या की जानकारी आला अधिकारियों को देने के बाद भी समस्या का अब तक समाधान नहीं किया गया है. इसके अलावा धान खरीदी केंद्र से कस्टम मिलिंग के लिए होने वाला उठाव भी कमजोर है. इस वजह से धान खरीदी केंद्रों में करोड़ों का धान जाम पड़ा हुआ है.

पैनिक स्थिति नहीं
इस मामले को लेकर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की कमी को लेकर कहीं भी पैनिक स्थिति नहीं है. 31 दिसंबर तक के लिए बारदानों की उपलब्धता तय की गई है. रोजाना इसकी समीक्षा की जाती है. 31 दिसंबर के बाद बारदानों की कमी को लेकर के समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी भी सोसायटी में बारदानों की कमी पैदा होती है तो उसकी आपूर्ति की जाएगी.

राजनांदगांवः जिले के सोसायटियों के पास बारदानों की कमी है. इस वजह से धान खरीदी पर कभी भी रोक लगाई जा सकती है. बावजूद इसके जिला प्रशासन अब तक सोसायटियों में बारदानों की उपलब्धता को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. वहीं जिले के तकरीबन 22 धान खरीदी केंद्रों में धान खुले में रखा गया है. बारदानों की कमी के कारण सोसायटी प्रबंधकों को वैकल्पिक तौर पर कैप कवर की व्यवस्था करनी पड़ रही है, लेकिन यह भी धान की सुरक्षा को लेकर कम है.

बारदानें की कमी

जिले में 117 उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी की जा रही है. सोसायटियों में लगातार धान की आवक बनी हुई है. प्रबंधक धान की खरीदी तो कर रहे हैं लेकिन धान की सुरक्षा को लेकर के वह भी चिंतित हैं. प्रशासन से बारदाने की लगातार मांग के बाद स्थिति जस की तस बनी हुई है. इसकी वजह से सोसायटी प्रबंधक की परेशानी बढ़ती जा रही है.

केंद्रों में करोड़ों का धान जाम
प्रशासन के आदेश के अनुसार सोसायटी में किसानों से धान को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है, लेकिन बारदानों की कमी के कारण धान की सुरक्षा की कमी प्रबंधकों के लिए बनी हुई है. सोसायटियों में धान खुले में पड़ा हुआ है. इस समस्या की जानकारी आला अधिकारियों को देने के बाद भी समस्या का अब तक समाधान नहीं किया गया है. इसके अलावा धान खरीदी केंद्र से कस्टम मिलिंग के लिए होने वाला उठाव भी कमजोर है. इस वजह से धान खरीदी केंद्रों में करोड़ों का धान जाम पड़ा हुआ है.

पैनिक स्थिति नहीं
इस मामले को लेकर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की कमी को लेकर कहीं भी पैनिक स्थिति नहीं है. 31 दिसंबर तक के लिए बारदानों की उपलब्धता तय की गई है. रोजाना इसकी समीक्षा की जाती है. 31 दिसंबर के बाद बारदानों की कमी को लेकर के समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी भी सोसायटी में बारदानों की कमी पैदा होती है तो उसकी आपूर्ति की जाएगी.

Intro:राजनांदगांव. किसानों से समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीदी कभी भी बंद हो सकती है क्योंकि सोसायटीओं के पास बारदानों की कमी हो चुकी है बावजूद इसके जिला प्रशासन अब तक सोसायटिओं में बारदानों की उपलब्धता को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है वही जिले के तकरीबन 22 धान खरीदी केंद्रों में धान खुले में रखा गया है बारदानों की कमी के चलते सोसाइटी प्रबंधकों को वैकल्पिक तौर पर कैप कवर की व्यवस्था करनी पड़ रही है लेकिन यह भी धान की सुरक्षा को लेकर नाकाफी है।


Body:जिले में 117 उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी की जा रही है इस बार खरीदी केंद्रों में धान की बंपर आवक हो रही है सोसायटिओं में लगातार किसानों के धान की आवक बनी हुई है प्रबंधक धान की खरीदी तो कर रहे हैं लेकिन धान की सुरक्षा को लेकर के वह भी चिंतित हैं क्योंकि अब तक जिला प्रशासन से प्राप्त मात्रा में बारदाना की उपलब्धता नहीं बन पाई है लगातार मांग के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है इसके चलते सोसाइटी प्रबंधक अब चिंतित हो चुके हैं।
सुरक्षित रखने का टेंशन
सोसाइटी प्रबंधकों की माने तो किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी लगातार जारी है आला अधिकारियों के निर्देश पर खरीदी को 1 घंटे भी बंद नहीं रखा गया है लेकिन बारदानों की कमी के चलते किसानों से खरीदे जाने वाले धान की सुरक्षा को लेकर के लगातार चिंता बनी हुई है बारदानों की मांग के बाद भी सप्लाई नहीं दिए जाने से सोसायटिओं में धान खुले में पड़ा हुआ है इस बात की सूचना आला अधिकारियों को देने के बाद भी खरीदी बंद ना करने का आदेश दिया जा रहा है ऐसी स्थिति में प्रबंधकों के लिए भी धान खरीदी अब गले की हड्डी बन चुका है।
कस्टम मिलिंग भी कमजोर
धान खरीदी केंद्र से कस्टम मिलिंग के लिए होने वाला उठाव भी कमजोर है इसके चलते धान खरीदी केंद्रों में करोड़ों का धान जाम पड़ा हुआ है अब ध्यान के रखरखाव में समिति प्रबंधकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है बावजूद इसके अब तक के जिला प्रशासन इस समस्या पर ध्यान ही नहीं दे रहा है।


Conclusion:पैनिक स्थिति नहीं
इस मामले को लेकर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ सुनील कुमार वर्मा का कहना है की धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की कमी को लेकर के कहीं भी पैनिक स्थिति निर्मित नहीं हुई है 31 दिसंबर तक के लिए बारदानों की उपलब्धता तय की गई थी रोजाना इसकी समीक्षा की जाती है 31 दिसंबर के बाद बारदानों की कमी को लेकर के समीक्षा की जाएगी। अगर किसी भी सोसाइटी में बारदानों की कमी पैदा होती है तो उसकी आपूर्ति की जाएगी।
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