राजनांदगांवः जिले के सोसायटियों के पास बारदानों की कमी है. इस वजह से धान खरीदी पर कभी भी रोक लगाई जा सकती है. बावजूद इसके जिला प्रशासन अब तक सोसायटियों में बारदानों की उपलब्धता को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. वहीं जिले के तकरीबन 22 धान खरीदी केंद्रों में धान खुले में रखा गया है. बारदानों की कमी के कारण सोसायटी प्रबंधकों को वैकल्पिक तौर पर कैप कवर की व्यवस्था करनी पड़ रही है, लेकिन यह भी धान की सुरक्षा को लेकर कम है.
जिले में 117 उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी की जा रही है. सोसायटियों में लगातार धान की आवक बनी हुई है. प्रबंधक धान की खरीदी तो कर रहे हैं लेकिन धान की सुरक्षा को लेकर के वह भी चिंतित हैं. प्रशासन से बारदाने की लगातार मांग के बाद स्थिति जस की तस बनी हुई है. इसकी वजह से सोसायटी प्रबंधक की परेशानी बढ़ती जा रही है.
केंद्रों में करोड़ों का धान जाम
प्रशासन के आदेश के अनुसार सोसायटी में किसानों से धान को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है, लेकिन बारदानों की कमी के कारण धान की सुरक्षा की कमी प्रबंधकों के लिए बनी हुई है. सोसायटियों में धान खुले में पड़ा हुआ है. इस समस्या की जानकारी आला अधिकारियों को देने के बाद भी समस्या का अब तक समाधान नहीं किया गया है. इसके अलावा धान खरीदी केंद्र से कस्टम मिलिंग के लिए होने वाला उठाव भी कमजोर है. इस वजह से धान खरीदी केंद्रों में करोड़ों का धान जाम पड़ा हुआ है.
पैनिक स्थिति नहीं
इस मामले को लेकर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि धान खरीदी केंद्रों में बारदानों की कमी को लेकर कहीं भी पैनिक स्थिति नहीं है. 31 दिसंबर तक के लिए बारदानों की उपलब्धता तय की गई है. रोजाना इसकी समीक्षा की जाती है. 31 दिसंबर के बाद बारदानों की कमी को लेकर के समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी भी सोसायटी में बारदानों की कमी पैदा होती है तो उसकी आपूर्ति की जाएगी.