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दिव्यांग बच्चों के लिए विश्वविद्यालयों में हो अलग कोर्सः राज्यपाल

आकांक्षा स्कूल के 25 वर्ष पूरे होने पर न्यू सर्किट हाउस में होप कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें राज्यपाल अनुसुईया उइके भी शामिल हुई थी.

Three-day seminar organized for disables
दिव्यांगजनों के लिए तीन दिवसीय सेमिनार आयोजित
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Published : Dec 9, 2019, 7:55 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 8:04 AM IST

रायपुर: दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित आकांक्षा स्कूल के कार्यक्रम में पहुंची राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के लिए विश्वविद्यालय में एक अलग विषय होना चाहिए ताकि उसे पढ़कर दिव्यांग बच्चों को कार्य कुशलता से नौकरी मिल पाए.

दिव्यांगजनों के लिए तीन दिवसीय सेमिनार आयोजित

दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित आकांक्षा स्कूल के 25 वर्ष पूरे होने पर न्यू सर्किट हाउस में होप कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी किया गया है.

कार्यक्रम में डेवलपमेंटल डिसेबिलिटीज विषय पर देश भर से आए एक्सपर्ट विचार विमर्श करने वाले हैं. सोमवार को आकांक्षा स्कूल के दिव्यांग बच्चों ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया.
वहीं कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुईया उइके भी शामिल हुई थी. अनुसुईया उइके ने कहा कि जीवन में कोई भी चीज असंभव नहीं है अगर व्यक्ति के मन में कुछ करने की आकांक्षा है तो असंभव काम को भी संभव बना सकता है.

वहीं राज्यपाल ने कहा कि यूनिवर्सिटी में भी दिव्यांग बच्चों के लिए व्यवस्था होनी चाहिए. दिव्यांगजनों के लिए नौकरी का प्रावधान ठीक तरह से नहीं हो पाता है, सरकार को भी सुनिश्चित करना चाहिए, साथ ही दिव्यांग लोगों के लिए विश्वविद्यालयों में एक अलग विषय होना चाहिए ताकि उसे पढ़कर दिव्यांग बच्चों को कार्य कुशलता से नौकरी मिल पाए.

हमें यह नहीं समझना चाहिए कि दिव्यांग बच्चे सामान्य से अलग हैं बस यह बच्चे स्पेशल हैं.
दिव्यांग बच्चों का जन्म होना और आगे भविष्य का रास्ता तय करना माता-पिता के लिए सम्भव नहीं होता है, ऐसे बच्चों के लिए काम करना पुण्य का काम है.

रायपुर: दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित आकांक्षा स्कूल के कार्यक्रम में पहुंची राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के लिए विश्वविद्यालय में एक अलग विषय होना चाहिए ताकि उसे पढ़कर दिव्यांग बच्चों को कार्य कुशलता से नौकरी मिल पाए.

दिव्यांगजनों के लिए तीन दिवसीय सेमिनार आयोजित

दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित आकांक्षा स्कूल के 25 वर्ष पूरे होने पर न्यू सर्किट हाउस में होप कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी किया गया है.

कार्यक्रम में डेवलपमेंटल डिसेबिलिटीज विषय पर देश भर से आए एक्सपर्ट विचार विमर्श करने वाले हैं. सोमवार को आकांक्षा स्कूल के दिव्यांग बच्चों ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया.
वहीं कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुईया उइके भी शामिल हुई थी. अनुसुईया उइके ने कहा कि जीवन में कोई भी चीज असंभव नहीं है अगर व्यक्ति के मन में कुछ करने की आकांक्षा है तो असंभव काम को भी संभव बना सकता है.

वहीं राज्यपाल ने कहा कि यूनिवर्सिटी में भी दिव्यांग बच्चों के लिए व्यवस्था होनी चाहिए. दिव्यांगजनों के लिए नौकरी का प्रावधान ठीक तरह से नहीं हो पाता है, सरकार को भी सुनिश्चित करना चाहिए, साथ ही दिव्यांग लोगों के लिए विश्वविद्यालयों में एक अलग विषय होना चाहिए ताकि उसे पढ़कर दिव्यांग बच्चों को कार्य कुशलता से नौकरी मिल पाए.

हमें यह नहीं समझना चाहिए कि दिव्यांग बच्चे सामान्य से अलग हैं बस यह बच्चे स्पेशल हैं.
दिव्यांग बच्चों का जन्म होना और आगे भविष्य का रास्ता तय करना माता-पिता के लिए सम्भव नहीं होता है, ऐसे बच्चों के लिए काम करना पुण्य का काम है.

Intro:राजधानी में दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित आकांक्षा स्कूल के 25 वर्ष पूरे होने पर न्यू सर्किट हाउस में होप कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया हैं कार्यक्रम में डेवलपमेंटल डिसेबिलिटीज विषय पर देश भर से आए एक्पर्ट विचार विमर्श करेंगे।।कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुइया उइके शामिल हुई, अकांक्षा स्कूल के दिव्यांग बच्चों ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया।।


Body:कार्यक्रम में राज्य अनुसुइया उइके ने कहा कि जीवन में कोई भी चीज असंभव नहीं है अगर व्यक्ति के मन में कुछ करने की आकांक्षा है तो असंभव काम को भी संभव बना सकता है...
हमें यह नहीं समझना चाहिए कि दिव्यांग बच्चे सामान्य से अलग हैं बस यह बच्चे स्पेशल है।।
उन्होंने अकांक्षा स्कूल के कार्य की सराहना करते हुए इस तरह के बच्चो का जन्म होना और आगे भविष्य का रास्ता तय करना मातापिता के लिए सम्भव नही होता।।ऐसे बच्चो के लिए काम करना पुण्य का काम है।समाज के लोग भी ऐसी संस्थाओं के सहयोग के लिए आगे आए ।।


Conclusion:राज्यपाल ने कहा कि यूनिवर्सिटी में भी दिव्यांग बच्चों के लिए व्यवस्था होनी चाहिए। दिव्यांग जनों के लिए नौकरी का प्रवधान ठीक तरह से नही हो पाता है, सरकार को भी सुनिश्चित करना चाहिए। दिव्यांग लोगों के लिए अलग एक विषय विश्वविद्यालय में हो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।। मैं छत्तीसगढ़ राज्य में दिव्यांग बच्चों के लिए एक अलग से विषय रखने का प्रस्ताव देगी साथ ही उसे पढ़कर दिव्यांग अपनी कार्यकुशलता से उन्हें नौकरी मिल पाएगी।।


बाईट

अनुसुईया उइके
राज्यपाल
Last Updated : Dec 10, 2019, 8:04 AM IST
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