रायपुर: राजधानी रायपुर में 14 सूत्रीय मांग को लेकर कर्मचारी और अधिकारी फेडरेशन ने विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारी और अधिकारियों ने प्रदर्शन करने के साथ ही महारैली भी निकाली. इसके पहले भी कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के एरियर्स सहित 14 सूत्रीय मांग को लेकर 1 दिसंबर को मशाल रैली निकालकर विरोध जताया था. अधिकारियों ने 11 दिसंबर को जिला स्तर पर भी प्रदर्शन किया था. अधिकारियों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर आने वाले समय में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
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कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की 14 सूत्रीय मांगें
- लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति का निराकरण करने के साथ ही शिक्षक और स्वास्थ्य संवर्ग सहित अन्य कर्मचारी संवर्ग की वेतन विसंगति का निराकरण किया जाए.
- छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों और पेंशनरों को जुलाई 2019 का 5% और जनवरी 2020 का 4%, कुल 9% महंगाई भत्ता मिले.
- छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के बकाए एरियर की चार किस्तों का भुगतान हो.
- सभी विभागों में लंबित संवर्गीय पदोन्नति क्रमोन्नति समय मान और तृतीय समय मांग वेतनमान का लाभ समय सीमा में प्रदान किया जाए.
- सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी और सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृति का आदेश जारी किया जाए.
- शासकीय सेवा के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारियों और अधिकारियों के परिवार को राजस्थान सरकार के आदेश के तर्ज पर 50 लाख रुपए अनुग्रह राशि दी जाए.
- अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए और सेवा से पृथक अनियमित कर्मचारियों को बहाल किया जाए.
- छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के मूल वेतन के आधार पर 10% गृह भत्ता सहित अन्य समस्त भत्ता स्वीकृति का आदेश जारी किया जाए.
- राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाए.तृतीय श्रेणी के पदों पर 10% के बंधन को मुक्त करते हुए समय सीमा के भीतर अनुकंपा नियुक्ति के समस्त लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जाए.