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रायपुर : कमल विहार योजना को कांग्रेस ने किया खारिज, सरकार के फैसले से खुश हैं भू-स्वामी

छत्तीसगढ़ शासन के आवास पर्यावरण विभाग की ड्रीम प्रोजेक्ट कमल विहार योजना को किया खारिज

रायपुर विकास प्राधिकरण
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Published : Feb 28, 2019, 12:09 AM IST

रायपुर: शहर को व्यवस्थित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से शुरू की गई कमल विहार के अगले चरण की योजना को खत्म करने का कांग्रेस सरकार ने फैसला लिया है. इस पर लंबे समय से न्यायालय में लड़ रहे भू-स्वामियों ने राज्य सरकार का आभार जताया है.

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छत्तीसगढ़ शासन के आवास पर्यावरण विभाग की ड्रीम प्रोजेक्ट कमल विहार योजना का क्रियांवयन रायपुर विकास प्राधिकरण के माध्यम से पिछले 10 सालों से चल रहा है, लेकिन कमल विहार योजना से जुड़े जमीन अधिग्रहण के विवाद अब तक खत्म नहीं हुए हैं. यही वजह है कि इतने सालों बाद भी कमल विहार योजना पूरी तरह से सक्सेस नहीं हो पाई है.


दरअसल, पिछली सरकार ने राजधानी को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से टाउन डेवलपमेंट स्कीम 4 के तहत कमल विहार योजना को लॉन्च किया था. इसके साथ ही टाउन डेवलपमेंट स्कीम 5 के लिए भी गाइड लाइन जारी कर रखी थी. जमीन के जानकारों का कहना है कि यह योजना आम लोगों के लिए लॉन्च की गई थी, लेकिन इसमें मनमर्जी करके लोगों की जमीनों का जबरदस्ती अधिग्रहण किया गया है.


अब सरकार ने न केवल इस योजना को बंद किया है बल्कि नई आने वाली प्रस्तावित योजना के लिए भी प्रतिबंध को खत्म करने का फैसला लिया है. इससे राजधानी के रियल स्टेट पर काफी असर दिखेगा. मंत्री मोहम्मद अकबर ने विधानसभा में इस योजना से भू-स्वामियों को नुक्सान होगा बताकर इसे भंग करने का एलान किया है.

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रायपुर: शहर को व्यवस्थित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से शुरू की गई कमल विहार के अगले चरण की योजना को खत्म करने का कांग्रेस सरकार ने फैसला लिया है. इस पर लंबे समय से न्यायालय में लड़ रहे भू-स्वामियों ने राज्य सरकार का आभार जताया है.

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छत्तीसगढ़ शासन के आवास पर्यावरण विभाग की ड्रीम प्रोजेक्ट कमल विहार योजना का क्रियांवयन रायपुर विकास प्राधिकरण के माध्यम से पिछले 10 सालों से चल रहा है, लेकिन कमल विहार योजना से जुड़े जमीन अधिग्रहण के विवाद अब तक खत्म नहीं हुए हैं. यही वजह है कि इतने सालों बाद भी कमल विहार योजना पूरी तरह से सक्सेस नहीं हो पाई है.


दरअसल, पिछली सरकार ने राजधानी को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से टाउन डेवलपमेंट स्कीम 4 के तहत कमल विहार योजना को लॉन्च किया था. इसके साथ ही टाउन डेवलपमेंट स्कीम 5 के लिए भी गाइड लाइन जारी कर रखी थी. जमीन के जानकारों का कहना है कि यह योजना आम लोगों के लिए लॉन्च की गई थी, लेकिन इसमें मनमर्जी करके लोगों की जमीनों का जबरदस्ती अधिग्रहण किया गया है.


अब सरकार ने न केवल इस योजना को बंद किया है बल्कि नई आने वाली प्रस्तावित योजना के लिए भी प्रतिबंध को खत्म करने का फैसला लिया है. इससे राजधानी के रियल स्टेट पर काफी असर दिखेगा. मंत्री मोहम्मद अकबर ने विधानसभा में इस योजना से भू-स्वामियों को नुक्सान होगा बताकर इसे भंग करने का एलान किया है.

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Intro:छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल की महत्वपूर्ण योजनाओ में से एक कमल विहार योजना रायपुर विकास प्राधिकरण के माध्यम से शहर को व्यवस्थित करने के लिए शुरू की गई थी । लेकिन योजना लेकर मनमाने और अव्यवहारिक तरीके से किए गए जमीन अधिग्रहण को लेकर अब कांग्रेस सरकार ने कमल विहार टाउनशिप के अगले चरण की योजना नगर विकास योजना-5 को खत्म करने का फैसला ले लिया है। सरकार के फैसले से लंबे समय से न्यायालय में लड़ रहे भू स्वामी और जमीन को जानकारो ने राज्य सरकार का आभार जताया है। वही इससे जुड़ी योजनाओं की खामियों को भी उजागर किया है। देखिए विशेष रिपोर्ट..


Body:छत्तीसगढ़ शासन के आवास पर्यावरण विभाग की ड्रीम प्रोजेक्ट कमल विहार योजना का क्रियांवयन रायपुर विकास प्राधिकरण के माध्यम से पिछले 10 सालों से चल रहा है । लेकिन इस कमल विहार योजना जुड़े विवाद और जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। यही वजह है कि इतने सालों बाद ही कमल विहार योजना पूरी तरह सक्सेस नहीं हो पाई है। दरअसल पिछली भाजपा सरकार ने राजधानी को व्यवस्थित से करने के उद्देश्य से टाउन डेवलपमेंट स्कीम चार के तहत कमल विहार योजना को लांच किया तो था ही इसके अलावा टाउन डेवलपमेंट स्कीम 5 के लिए भी गाइड लाइन जारी कर रखी थी। इसके लिए योजना में सम्मिलित 6 गांव में जमीन में नक्शा पास करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। कमल विहार योजना में प्रभावित लोगों जमीन के जानकारो का मानना है कि यह योजना आम लोगों के लिए लांच की गई थी, लेकिन व्यावहारिकता से परे मनमर्जी करके लोगों की जमीन को जबरदस्ती अधिग्रहण किया गया था। जिसके चलते ही लोग कोर्ट कचहरी पहुंचे और योजना लंबे समय तक वीवादों में बने रही । अब सरकार ने ना केवल इस योजना को बंद किया है बल्कि नई आने वाली प्रस्तावित योजना के लिए भी प्रतिबंध को खत्म करने का फैसला लिया है। इससे राजधानी के रियल स्टेट पर काफी असर दिखेगा।

बाइट - आशीष तिवारी, रियाल एस्टेट एक्सपर्ट व कमल विहार प्रभावित


Conclusion:दरअसल रायपुर विकास का वितरण की कमल विहार योजना नगर विकास योजना चार का नाम दिया गया है, इसे भूमि स्वामीयों के हित में ना मानने के कारण tds 5 को भंग करने का एलान विभाग के मंत्री मोहम्मद अकबर ने विधानसभा ने कर दिया है । गौरतलब है कि कमल विहार योजना के लिए रायपुर विकास प्राधिकरण को 400 करोड रुपए का भारी भरकम लोन लेना पड़ा था और बाद में यही लोन आज आरडीए की माली हालत का कारण बन चुका है।

पीटीसी-
मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
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