रायपुर: 2000 करोड़ के कथित शराब घोटाले के मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर की जमानत याचिका पर बुधवार को स्पेशल कोर्ट सुनवाई पूरी हो गई. जस्टिस अजय सिंह राजपूत ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है. ईडी ने महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर को 7 मई को हिरासत में लेते हुए विशेष कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
कोर्ट में दो दिन चली बहस: मंगलवार यानी 13 मई को दोपहर 3 बजे अनवर ढेबर के जमानत याचिका पर सुनवाई शुरू हुई. अनवर ढेबर के वकील मतीन सिद्दीकी ने उनका पक्ष रखा. कोर्ट की समयावधि पूरी होने के बाद ईडी के वकील ने अपना पक्ष नहीं रखा, इसलिए जज ने सुनवाई के लिए बुधवार का समय तय किया. बुधवार को अनवर ढेबर की जमानत याचिका पर ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने ईडी का पक्ष रखा. दोनों पक्षों में लंबी बहस चली. 2 दिनों तक चली लंबी बहस के बाद जज ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.
जानिए कब सुनाया जाएगा फैसला: जस्टिस अजय सिंह राजपूत ने बुधवार को बहस पूरी होने के बाद फैसला गुरुवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. रायपुर की विशेष कोर्ट में कारोबारी अनवर ढेबर की जमानत याचिका पर 15 जून को फैसला सुनाया जाएगा.
ऐसे हुआ करोड़ों का घपला: ईडी के मुताबिक अनवर ढेबर के तहत राज्य में काम करने वाले कथित शराब सिंडिकेट ने 75 और 150 रुपये प्रति केस शराब के प्रकार के आधार पर कमीशन लिया. इसे सीएसएमसीएल द्वारा खरीदे गए प्रत्येक खाते में नकदी के लिए सप्लायर्स से वसूला गया. ईडी ने दावा किया कि "अनवर ढेबर ने दूसरों के साथ मिलकर बेहिसाब देसी शराब बनवाना शुरू कर दिया. फिर इसे सरकारी दुकानों के माध्यम से इसे बेचा गया. इस तरह से वे सरकारी खजाने में एक रुपया भी जमा किए बिना बिक्री की पूरी आय रख रहे थे.
2019 से 2022 के बीच हुआ सारा खेल: ईडी ने जांच में पाया कि 2019 और 2022 के बीच इस तरह की अवैध बिक्री राज्य में शराब की कुल बिक्री का लगभग 30-40 प्रतिशत थी. इस अवधि में 1200 से 1500 करोड़ रुपए की अवैध शराब बिक्री हुई.