रायपुरः कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राजधानी रायपुर में लॉकडाउन लगाया गया है. जिसका असर नवरात्रि की त्योहार पर देखा जा रहा है. पिछले साल 25 मार्च 2020 को नवरात्र पर्व प्रारम्भ हुआ था. उस समय भी कोरोना का प्रकोप फैल चुका था. पिछले वर्ष भी संक्रमण के कारण मंदिरों में श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पाए थे. इस वर्ष भी कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने नवरात्रि पर ग्रहण लगा दिया है. देवी मंदिरों में सिर्फ पुजारी ही सुबह-शाम पूजा, अभिषेक और आरती कर रहे हैं. लेकिन भक्तों का प्रवेश वर्जित है.
कोरोना संक्रमण के बीच शुरू हुई चैत्र नवरात्रि
चैत्र शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि पर विक्रम नव संवत्सर 2078 और मंगल योग में मदिरों में पूजा पाठ शुरु हो चुका है. हिन्दू नव वर्ष और शक्ति उपासना का नवरात्र पर्व मंगलवार से प्रारंभ हो गया. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण देवी मंदिरों में भक्तों की मनोकामना ज्योति प्रज्वलित नहीं की जा रही है. सामान्य दिनों में भक्त अपनी सामर्थ्य के अनुसार मनोकामना ज्योति मंदिरों में जलाते थे. कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति के कारण इस वर्ष भी केवल पुजारी ही पूजा-पाठ कर रहे हैं.
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मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक
कोरोना महामारी के कारण शहर में कही भी जश्न का माहौल नहीं हैं. वहीं शीतला मंदिर के अध्य्क्ष शुक्ल राम साहू ने बताया कि, जिला प्रशासन ने पूरे जिले में टोटल लॉकडाउन लगाया गया है. नवरात्रि को लेकर जो गाइड लाइन जारी की गई है, उसका पालन किया जा रहा है. मंदिर प्रांगण में आदेश की कॉपी भी चस्पा की गई है. साथ ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध है. उन्होंने बताया कि चैत्र नवरात्र पर्व में जसगीत और जगराता की धूम होता था. लेकिन कोरोना के कारण सभी प्राचीन देवी मंदिरों के दरवाजे भक्तों के लिए बंद कर दिए गए हैं. मंदिरों में केवल ऑनलाइन देवी दर्शन की वयवस्था की गई है.