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झीरम घाटी कांडः अमितेश शुक्ल ने बयां किया दर्द, कहा- जल्द पूरी हो जांच - 29 कांग्रेसी नेताओं को मौत के घाट उतार दिया गया

विद्या चरण शुक्ला के भतीजे और राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने एक बार फिर झीरम घाटी में शहीद अपने चाचा विद्याचरण शुक्ल को याद किया. झीरम घाटी की बरसी के अवसर पर वे कांग्रेस भवन पहुंचे और विद्याचरण शुक्ल सहित कांग्रेस के तमाम उन नेताओं को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने इस नक्सली हमले में अपनी जान गवाई थी.

अमितेश शुक्ल ने बयां किया दर्द
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Published : May 26, 2019, 12:18 PM IST

रायपुर: झीरम कांड को धीरे-धीरे 6 साल बीत गए. इस दर्दनाक हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया था. 25 मई 2013 की शाम को हुए इस हमले में नक्सलियों ने बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर कांग्रेसी नेता महेन्द्र कर्मा और तत्कालीन पीसीसी चीफ नंद कुमार पटेल सहित 29 कांग्रेसी नेताओं को मौत के घाट उतार दिया गया. इस हमले को कांग्रेस ने सुपारी किलिंग करार दिया था. जो आज भी एक रहस्य बन कर रह गई है, आज भी प्रशासन के हाथ खाली नजर आ रहे हैं.

अमितेश शुक्ल ने बयां किया दर्द

नम आंखों से दी गई श्रद्धांजलि
विद्या चरण शुक्ला के भतीजे और राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने एक बार फिर झीरम घाटी में शहीद अपने चाचा विद्याचरण शुक्ल को याद किया. झीरम घाटी की बरसी के अवसर पर वे कांग्रेस भवन पहुंचे और विद्याचरण शुक्ल सहित कांग्रेस के तमाम उन नेताओं को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने इस नक्सली हमले में अपनी जान गवाई थी.

अमितेश शुक्ल ने बयां किया दर्द
इस दौरान अमितेश शुक्ल ने बताया कि मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा एसआईटी का गठन किया है और उन्हें उम्मीद है कि अब जल्द से जल्द झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए लोगों के परिवार को न्याय मिल सकेगा. अमित शुक्ला ने कहा, यह नक्सली हमला कहीं न कहीं राजनीतिक साजिश थी और इसकी जांच होनी चाहिए.

प्रशासन के हाथ खाली
गौरतलब है झीरम घाटी नक्सली हमले को 6 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन इस मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हुई. इस मामले की जांच NIA द्वारा की जा रही थी, लेकिन जांच की गति काफी धीमी थी. इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार बनते ही उन्होंने झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच के लिए एक SIT का भी गठन किया है, लेकिन इस जांच में कहीं न कहीं अढ़चन भी पैदा हो गई है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा एनआईए से इस मामले से संबंधित दस्तावेज की मांग की थी, लेकिन NIA ने दस्तावेज देने से साफ इंकार कर दिया है, जिसके चलते यह जांच प्रभावित हो रहा है. सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि NIA से दस्तावेज प्राप्त न होने से जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और जांच जल्द से जल्द पूरी की जाएगी.

29 लोगों ने गंवाया था जान
बता दें कि 25 मई 2013 को झीरम में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था. इस हमले में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल महेंद्र कर्मा और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं समेत कुल 29 लोग मारे गए थे. जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल भी शामिल थे.

रायपुर: झीरम कांड को धीरे-धीरे 6 साल बीत गए. इस दर्दनाक हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया था. 25 मई 2013 की शाम को हुए इस हमले में नक्सलियों ने बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर कांग्रेसी नेता महेन्द्र कर्मा और तत्कालीन पीसीसी चीफ नंद कुमार पटेल सहित 29 कांग्रेसी नेताओं को मौत के घाट उतार दिया गया. इस हमले को कांग्रेस ने सुपारी किलिंग करार दिया था. जो आज भी एक रहस्य बन कर रह गई है, आज भी प्रशासन के हाथ खाली नजर आ रहे हैं.

अमितेश शुक्ल ने बयां किया दर्द

नम आंखों से दी गई श्रद्धांजलि
विद्या चरण शुक्ला के भतीजे और राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने एक बार फिर झीरम घाटी में शहीद अपने चाचा विद्याचरण शुक्ल को याद किया. झीरम घाटी की बरसी के अवसर पर वे कांग्रेस भवन पहुंचे और विद्याचरण शुक्ल सहित कांग्रेस के तमाम उन नेताओं को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने इस नक्सली हमले में अपनी जान गवाई थी.

अमितेश शुक्ल ने बयां किया दर्द
इस दौरान अमितेश शुक्ल ने बताया कि मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा एसआईटी का गठन किया है और उन्हें उम्मीद है कि अब जल्द से जल्द झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए लोगों के परिवार को न्याय मिल सकेगा. अमित शुक्ला ने कहा, यह नक्सली हमला कहीं न कहीं राजनीतिक साजिश थी और इसकी जांच होनी चाहिए.

प्रशासन के हाथ खाली
गौरतलब है झीरम घाटी नक्सली हमले को 6 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन इस मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हुई. इस मामले की जांच NIA द्वारा की जा रही थी, लेकिन जांच की गति काफी धीमी थी. इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस की नई सरकार बनते ही उन्होंने झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच के लिए एक SIT का भी गठन किया है, लेकिन इस जांच में कहीं न कहीं अढ़चन भी पैदा हो गई है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा एनआईए से इस मामले से संबंधित दस्तावेज की मांग की थी, लेकिन NIA ने दस्तावेज देने से साफ इंकार कर दिया है, जिसके चलते यह जांच प्रभावित हो रहा है. सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि NIA से दस्तावेज प्राप्त न होने से जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और जांच जल्द से जल्द पूरी की जाएगी.

29 लोगों ने गंवाया था जान
बता दें कि 25 मई 2013 को झीरम में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था. इस हमले में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल महेंद्र कर्मा और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं समेत कुल 29 लोग मारे गए थे. जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल भी शामिल थे.

Intro:झीरम नक्सली हमले की जांच हो जल्द पूरी अमितेश शुक्ला

रायपुर. विद्या चरण शुक्ला के भतीजे अमितेश शुक्ल जो राजिम से विधायक हैं ने एक बार फिर झीरम घाटी में शहीद अपने चाचा विद्याचरण शुक्ल को याद किया आज झीरम घाटी की बरसी के अवसर पर वे कांग्रेस भवन पहुंचे और विद्याचरण शुक्ल सहित कांग्रेस के तमाम उन नेताओं को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने इस नक्सली हमले में अपनी जान गवाई थी

इस दौरान अमितेश शुक्ल ने बताया कि मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा एसआईटी का गठन किया है और उन्हें उन्हें उम्मीद है कि अब जल्द से जल्द झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए लोगों के परिवार को न्याय मिल सकेगा अमित शुक्ला ने कहा कि यह क्सली हमला कहीं ना कहीं राजनीतिक साजिश थी और इसकी जांच होनी चाहिए

गौरतलब है झीरम घाटी नक्सली हमले को 6 साल पूरे हो गए हैं लेकिन इस मामले की जांच अब तक पूरी नहीं हुए इस मामले की जांच एनआईए द्वारा की जा रही थी लेकिन जांच की गति काफी धीमी थी उसकी वजह से विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने ऐलान किया था कि यदि उनकी सरकार आएगी तो इस मामले की जांच कराएंगे और सरकार बनते ही उन्होंने झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच के लिए एक एसआईटी का भी गठन किया है लेकिन इस जांच में कहीं न कहीं अर्चना भी पैदा हो गई है क्योंकि राज्य सरकार द्वारा एनआईए से इस मामले से संबंधित दस्तावेज की मांग की थी लेकिन एनआईए ने दस्तावेज देने से साफ इंकार कर दिया है जिसके चलते यह जांच प्रभावित हो रही है हालांकि सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि एनआईए से दस्तावेज प्राप्त ना होने से जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और जांच जल्द से जल्द पूरी की जाएगी

बता दें कि 25 मई 2013 को झीरम में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था. इस हमले में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल महेंद्र कर्मा और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं समेत कुल 29 लोग मारे गए थे. जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल भी शामिल थे।

नोट अमितोष शुक्ला 121 के नाम से एफटीपी की गई हैBody:नोConclusion:
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