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रायगढ़ : राख ने किया जीना मुहाल, गांवों में हर तरफ बिछ गई सफेद परत

पहले डेम की ऊंचाई कम होने के कारण यह राख नहीं उड़ती थी, लेकीन अब इस डेम के ऊपर और दो डेम के निर्माण कराए जा चुके हैं. इसमें राख पूरी तरह से भर चुकी है, जो की तेज हवा के बहाव के साथ गांव में घुस आती है, जिससे गांव के हर चीजों में सफेद रंग की एक अलग सी परत चढ़ती जा रही है.

गांवों में हर तरफ बिछ गई सफेद परत
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Published : May 26, 2019, 9:22 PM IST

रायगढ़ : आज के दौर में विकास को लेकर प्रशासन और लोगों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन इस विकास के दौर में हम पर्यावरण को खोते जा रहे हैं. मामला जिले के तमनार स्थित जिंदल पॉवर लिमिटेड का है, जहां कोयले से बिजली उत्पादित की जाती है, बिजली उत्पादन के बाद कोयले से बनने वाली राख को कुछ दूरी पर स्टाक डेम बनाकर रखा जाता है. गर्मी के दिनों में तेज हवाओं के साथ राख उड़कर आस-पास के गांवों को प्रभावित कर रही है. इससे ग्रामीणों का राख के प्रभाव से जीना दूभर हो गया है.

गांवों में हर तरफ बिछ गई सफेद परत

सफेद रंग की परत चढ़ी है
पहले डेम की ऊंचाई कम होने के कारण यह राख नहीं उड़ती थी, लेकीन अब इस डेम के ऊपर और दो डेम के निर्माण कराए जा चुके हैं. इसमें राख पूरी तरह से भर चुकी है, जो की तेज हवा के बहाव के साथ गांव में घुस आती है, जिससे गांव के हर चीजों में सफेद रंग की एक अलग सी परत चढ़ती जा रही है.

सब कुछ प्रदूषित हो चुका है
1500 आबादी वाली इस गांव में वो दिन दूर नहीं जब ग्रामीणों को भयंकर बीमारी से जुझना पड़ेगा. आलम तो यह है कि तालाब, नाला, कुआं का पानी भी दुधिया रंग से प्रदूषित हो चुका है.

10 मीटर तक की दूरी से नहीं दिखता है
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं देते हैं, जिस वजह से गांव के हालात बद से बदतर है. शाम होते ही तेज हवा के साथ राख गांव में उड़कर आ जाता है, जिससे 10 मीटर की दूरी तक दिखाई भी नहीं देती है. पेड़, पौधे, फसल, कपड़े सब चीज पर राख जम जाती है.

कंपनी को सख्त हिदायत दी गई है
वहीं पर्यावरण अधिकारी का कहना है कि कंपनी के पास राख रखने के लिए पर्याप्त जगह है, लेकिन तेज हवाओं के साथ उड़कर गांव की ओर आ रहे हैं. इसके साथ ही प्रशासन ने कंपनियों को नोटिस जारी कर सख्त हिदायत दी है कि राख के ऊपरी परत को पानी से गिला करके रखें, जिससे हवा के बहाव से गांव की ओर नहीं आएगी.

रायगढ़ : आज के दौर में विकास को लेकर प्रशासन और लोगों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन इस विकास के दौर में हम पर्यावरण को खोते जा रहे हैं. मामला जिले के तमनार स्थित जिंदल पॉवर लिमिटेड का है, जहां कोयले से बिजली उत्पादित की जाती है, बिजली उत्पादन के बाद कोयले से बनने वाली राख को कुछ दूरी पर स्टाक डेम बनाकर रखा जाता है. गर्मी के दिनों में तेज हवाओं के साथ राख उड़कर आस-पास के गांवों को प्रभावित कर रही है. इससे ग्रामीणों का राख के प्रभाव से जीना दूभर हो गया है.

गांवों में हर तरफ बिछ गई सफेद परत

सफेद रंग की परत चढ़ी है
पहले डेम की ऊंचाई कम होने के कारण यह राख नहीं उड़ती थी, लेकीन अब इस डेम के ऊपर और दो डेम के निर्माण कराए जा चुके हैं. इसमें राख पूरी तरह से भर चुकी है, जो की तेज हवा के बहाव के साथ गांव में घुस आती है, जिससे गांव के हर चीजों में सफेद रंग की एक अलग सी परत चढ़ती जा रही है.

सब कुछ प्रदूषित हो चुका है
1500 आबादी वाली इस गांव में वो दिन दूर नहीं जब ग्रामीणों को भयंकर बीमारी से जुझना पड़ेगा. आलम तो यह है कि तालाब, नाला, कुआं का पानी भी दुधिया रंग से प्रदूषित हो चुका है.

10 मीटर तक की दूरी से नहीं दिखता है
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं देते हैं, जिस वजह से गांव के हालात बद से बदतर है. शाम होते ही तेज हवा के साथ राख गांव में उड़कर आ जाता है, जिससे 10 मीटर की दूरी तक दिखाई भी नहीं देती है. पेड़, पौधे, फसल, कपड़े सब चीज पर राख जम जाती है.

कंपनी को सख्त हिदायत दी गई है
वहीं पर्यावरण अधिकारी का कहना है कि कंपनी के पास राख रखने के लिए पर्याप्त जगह है, लेकिन तेज हवाओं के साथ उड़कर गांव की ओर आ रहे हैं. इसके साथ ही प्रशासन ने कंपनियों को नोटिस जारी कर सख्त हिदायत दी है कि राख के ऊपरी परत को पानी से गिला करके रखें, जिससे हवा के बहाव से गांव की ओर नहीं आएगी.

Intro:रायगढ़ जिले के तमनार स्थित जिंदल पावर  लिमिटेड जहां कोयले से बिजली उत्पादन की जाती है, बिजली उत्पादन के बाद कोयले से बनने वाली राख को कुछ दुरी पर स्टाक डेम बनाकर रखा जाता है। गर्मी के दिनों में तेज हवाओं के साथ राख उड़कर आसपास के गांवों को प्रभावित कर रही है इससे ग्रामीणों का इस राख के प्रभाव से जीना दूभर हो गया है।

Byte 1,2,3 ग्रामीण
Byte आर के शर्मा,पर्यावरण अधिकारी।Body:दरअसल तमनार स्थित जिंदल पावर लिमिटेड और अन्य कई कंपनियां कोयले से विद्युत बिजली बनाते हैं बिजली बनाने के बाद उपयोग किया गया कोयले का राख को स्टॉक डेम बनाकर रखा जाता है। पहले तो डेम की उचाई कम होने के कारण यह राख नहीं  उडती थी  लेकीन अब इस एक डेम के उपर और दो डेम के निर्माण कराये जा चुके है जिसमे राख पुरी तरह से भर चुकी है जो की हवा के तेज बहाव के साथ गाँव में घुस आती है जिससे गाँव के हर चीजों में सफेद रंग की एक अलग सी परत चढ़ती जा रही है 1500 आबादी वाली इस गाँव मे वो दीन दुर नही की गाँव के लोगों को भयंकर बिमारी से जुझना पड़े। इस फ्लाई एस राख से गाँव में चारों तरफ सफेद चादर दिखती है चाहे वो गांव की सड़क हो या खाने पीने का सामान। आलम तो यह है कि तलाब, नाला, कुंवा का पानी भी दुधिया रंग से प्रदुषित हो चुका है। आसपास के दर्जनों गांव इसे प्रभावित है ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं देते जिस वजह से गांव के हालात बद से बदतर होती जा रही है शाम होते ही तेज हवा के साथ कंपनी का सारा राख गांव में उड़ कर आ जाता है जिससे 10 मीटर की दूरी तक दिखाई भी नहीं देती पेड़ पौधे फसल कपड़े सब चीज में राख लग जाता है।

वही रायगढ़ जिले के पर्यावरण अधिकारी का कहना है कि कंपनी के पास रखो रखने के लिए पर्याप्त जगह है लेकिन गर्मी के कारण राज तेज हवाओं के साथ उड़कर गांव की ओर आ रहे हैं जिसे कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि राख को पानी से गिला करके ऊपरी परत को रखें जिससे हवा के बहाव से गांव की ओर नहीं आएगा।
Conclusion:
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