रायगढ़ : आज के दौर में विकास को लेकर प्रशासन और लोगों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन इस विकास के दौर में हम पर्यावरण को खोते जा रहे हैं. मामला जिले के तमनार स्थित जिंदल पॉवर लिमिटेड का है, जहां कोयले से बिजली उत्पादित की जाती है, बिजली उत्पादन के बाद कोयले से बनने वाली राख को कुछ दूरी पर स्टाक डेम बनाकर रखा जाता है. गर्मी के दिनों में तेज हवाओं के साथ राख उड़कर आस-पास के गांवों को प्रभावित कर रही है. इससे ग्रामीणों का राख के प्रभाव से जीना दूभर हो गया है.
सफेद रंग की परत चढ़ी है
पहले डेम की ऊंचाई कम होने के कारण यह राख नहीं उड़ती थी, लेकीन अब इस डेम के ऊपर और दो डेम के निर्माण कराए जा चुके हैं. इसमें राख पूरी तरह से भर चुकी है, जो की तेज हवा के बहाव के साथ गांव में घुस आती है, जिससे गांव के हर चीजों में सफेद रंग की एक अलग सी परत चढ़ती जा रही है.
सब कुछ प्रदूषित हो चुका है
1500 आबादी वाली इस गांव में वो दिन दूर नहीं जब ग्रामीणों को भयंकर बीमारी से जुझना पड़ेगा. आलम तो यह है कि तालाब, नाला, कुआं का पानी भी दुधिया रंग से प्रदूषित हो चुका है.
10 मीटर तक की दूरी से नहीं दिखता है
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं देते हैं, जिस वजह से गांव के हालात बद से बदतर है. शाम होते ही तेज हवा के साथ राख गांव में उड़कर आ जाता है, जिससे 10 मीटर की दूरी तक दिखाई भी नहीं देती है. पेड़, पौधे, फसल, कपड़े सब चीज पर राख जम जाती है.
कंपनी को सख्त हिदायत दी गई है
वहीं पर्यावरण अधिकारी का कहना है कि कंपनी के पास राख रखने के लिए पर्याप्त जगह है, लेकिन तेज हवाओं के साथ उड़कर गांव की ओर आ रहे हैं. इसके साथ ही प्रशासन ने कंपनियों को नोटिस जारी कर सख्त हिदायत दी है कि राख के ऊपरी परत को पानी से गिला करके रखें, जिससे हवा के बहाव से गांव की ओर नहीं आएगी.