रायगढ़ः जिले में बकाया बिजली बिल दो अरब रुपए से अधिक हो गया है. जिसमें एक अरब रुपए से अधिक शासकीय विभागों का ही है. वसूली में अब बिजली विभाग के हाथ-पांव फूल रहे हैं. एक तरफ बढ़ती गर्मी जिसके कारण बिजली कटौती नहीं कर सकते और दूसरी तरफ बढ़ता कोरोना का प्रकोप. कोरोना की वापसी के बाद जिले की स्थिति असंतुलित हो गई है.
कोरोना के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति खराब
अधिकारियों का कहना है कि अभी लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए बकाया बिल का भुगतान करने के लिए उनके ऊपर दबाव नहीं बनाने के निर्देश दिए गए हैं. जिले में कुल 214 करोड़ रुपए के करीब बिजली का बिल बकाया है. इसमें जल आवर्धन योजना से मोटर पंप चलाने वाले किसानों की संख्या भी बड़ी संख्या में है.
बिजली विभाग का करोड़ों रुपए बकाया
शासकीय विभाग के बकाया बिल का भुगतान देर से हो जाता है. निजी उद्योग और लोगों के पास आर्थिक स्थिति मजबूत ना होने के कारण उन लोगों पर दबाव नहीं दिया जा रहा है. बढ़ती गर्मी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या और बिजली कटौती से लोगों को परेशानी होती है. इसी वजह से कटौती करना भी अभी संभव नहीं है.
गरियाबंद: बिजली कटौती के लिए टाइम टेबल जारी
बिजली कटौती करने की मनाही
विभाग की ओर से लोगों को ज्यादा से ज्यादा बिजली बिल के भुगतान के लिए प्रेरित किया जा रहा है. उन्हें बिजली का बिल हाफ करने और कटौती नहीं करने का आश्वासन भी दिया जा रहा है. लोगों से बिजली का बिल जमा करने के लिए कहा जा रहा है. रायगढ़ जिले का करीब 112 करोड़ बिजली बिल शासकीय विभाग से है. इसके अलावा निजी कंपनियों और घरेलू उपयोग के भी करीब 100 करोड़ रुपए बकाया हैं.