नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित इलाका बस्तर में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान खत्म हो गया है. छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों में से बस्तर लोकसभा सीट को सबसे संवेदनशील माना जाता है. कहते हैं यहां चुनाव करवाना जंग लड़ने के बराबर है.
बस्तर के अंदरूनी इलाकों में नक्सलियों की एक अलग सरकार चलती है, जो भारत के संविधान और चुनावी प्रक्रिया को हमेशा से खारिज करते आ रहे हैं. हालांकि, इस बार की लोकसभा चुनाव बस्तर में शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है, इसके लिए कई महीनों की तैयारी थी.
3 लेयर में थी सुरक्षा व्यवस्था
बस्तर संभाग का एक जिला नारायणपुर है, जहां के एसपी मोहित गर्ग बताते हैं, नारायणपुर में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए विशेष सुरक्षा प्लान बनाया गया था. मोहित गर्ग बताते हैं, नारायणपुर जिले के हर बूथ पर तीन लेयर में सुरक्षा का इंतजाम किया गया था. जिससे मतदाताओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. मोहित गर्ग बताते हैं, बूथ पर आने से पहले हर किसी को मेटल डिटेक्टर से गुजरना पड़ा है. इसके अलावा सभी बूथों पर बम निरोधक दस्ते के साथ खोजी कुत्ते को भी लगाया गया था.
दंडवन में भी हुआ था नक्सली हमला
मोहित गर्ग ने बताया कि, नायारणपुर से 30 किलोमीटर दूर दंडवन में चुनाव कराने जा रहे मतदान दल को निशाना बनाकर बम प्लांट किया गया था, सुरक्षा को देखते हुए नक्सलियों ने पोलिंग पार्टी के गुजरने वाले रास्ते से 100 मीटर दूर ही ब्लॉस्ट कर दिया. जिससे पोलिंग पार्टी के किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ.
ओरछा में हुआ था दूसरा हमला
एसपी गर्ग बताते हैं, मदतान के बाद लौट रहे पोलिंग पार्टी पर ओरछा में भी हमला किया गया. उन्होंने बताया कि, आम आदमी के भेष में एक नक्सली ने अचानक एक जवान पर धारदार हथियार से हमला कर दिया और भागने लगा. जिसका जवानों ने पीछा किया इस दौरान जवानों ने नक्सली पर कवर फायर भी किया. जिसमें नक्सली मारा गया.