यहां की आबादी करीब 400 है. यहां रहने वाले लोग चंदा इकट्ठा कर प्राथमिक शाला के प्रांगण में रंगारंग कार्यक्रम और गुरुकुल की छात्राएं शौर्य-प्रदर्शन करती हैं.
इस दिन गांव के लोग मिलकर वहीं प्रांगण में खाना बनाते हैं. इसके
महासमुंद : बसंत पंचमी पर गुरुकुल की छात्राओं ने किया शौर्य-प्रदर्शन
महासमुंद : चार ऋतुओं में बसंत ऋतु को राजा माना जाता है. इस ऋतु की शुरुआत मां सरस्वती की पूजा से होती है. इस तरह महासंमुद के सालेभाटा के आश्रित गांव बैगा खम्हरिया गांव में बसंत पंचमी कुछ अलग तरीके से मनाते हैं.
बसंत पंचमी
यहां की आबादी करीब 400 है. यहां रहने वाले लोग चंदा इकट्ठा कर प्राथमिक शाला के प्रांगण में रंगारंग कार्यक्रम और गुरुकुल की छात्राएं शौर्य-प्रदर्शन करती हैं.
इस दिन गांव के लोग मिलकर वहीं प्रांगण में खाना बनाते हैं. इसके
Intro:एंकर - बसंत पंचमी त्यौहार तो सभी लोग बनाते हैं पर ग्राम सालेभाटा के आश्रित ग्राम बैगाखम्हरिया के लोग बसंत पंचमी कुछ अलग तरीके से मनाते हैं। 400 की आबादी का इस गांव के लोग पूरे गांव से चंदा करते हैं और प्राथमिक शाला के प्रांगण में रंगारंग कार्यक्रम और गुरुकुल की लड़कियों द्वारा शौर्य प्रदर्शन भी किया जाता है इस दिन गांव के लोग मिलकर वहीं प्रांगण में खाना बनाते हैं सब लोग भोजन करते हैं और सभी महिलाएं एक कलर की साड़ी और पुरुष एक कलर के शर्ट पहनते हैं और उन लोगों का कहना है कि इस कार्यक्रम में किसी को भी शराब पीकर आना मना है। इस कार्यक्रम में सख्त मना होता है कार्यक्रम स्थल के पंडाल मैं ही सब जगह लिखा गया है शराब पीकर इस कार्यक्रम में आना मना है जब हमने यहां के लोगों से बात किया तो उनका कहना है कि इस त्यौहार को पिछले 7 वर्षों से हम ऐसे ही मना रहे हैं। इसमें हमारे गांव की सभी स्कूल और गांव वासी शामिल होते हैं और त्यौहार के दिन हमारे गांव में कोई भी बाहर नहीं होता जिसके कारण नशा पीकर त्यौहार मनाने का प्रचलन पूरी तरह से बंद हो गया है साथ ही साथ हमारे बच्चों को त्योहारों की पूर्णता जानकारी होती है।
Body:बाइट 1 - मुन्ना भट ग्रामीण
बाइट 2 - रुकमणी साहू ग्रामीण
हकीमुद्दीन नासिर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़
Conclusion:
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