कोरबा: ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. 38 लाख की ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस ने राजस्थान के मेवाती गैंग के एक नाबालिग सहित दो सदस्यों को पकड़ा है.हालांकि ऑनलाइन ठगी के इस सनसनीखेज मामले का मास्टरमाइंड अब भी फरार चल रहा है.
ऑनलाइन ठगी का जाल लगातार अपने पांव पसार रहा है. कोरबा जिले में ऑनलाइन ठगी का इस तरह का जिले में पहला मामला है. जिसमें प्रार्थी के सिम को ब्लॉक कर तकनीकि सहायता से आरोपियों ने इसकी क्लोनिंग के जरिए छत्तीसगढ़ का सिम राजस्थान में एक्टिव कर लिया. जिसके बाद ओटीपी के जरिए प्रार्थी के खाते से 38 लाख रुपये की भारी-भरकम रकम को गायब कर दिया.
15 दिनों तक पुलिस ने राजस्थान में बहाया पसीना
एसईसीएल अधिकारी से 40 लाख की ठगी मामले में पुलिस को इस दिशा में फिलहाल प्रारंभिक सफलता मिली है. मामले में मेवाती गिरोह के दो सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ ही आरोपियों के पास से 8 लाख 60 हजार रुपये की नकदी भी जब्त की गयी है.
रिटायर्ड SECL कर्मचारी की थी जीवन भर की कमाई
घटना दीपका थाना क्षेत्र की है. SECL कर्मचारी भगवान सिंह चौहान के सेवानिवृत्त होने के बाद उनके एकाउंट में प्रोविडेंट फंड की राशि 40 लाख रुपये कैश ट्रांसफर किए गए थे. 14 नवंबर को उनके मोबाइल पर एक फोन आया, आरोपी ने खुद को रिटायर आर्मी का जवान होना बताया. आरोपी ने फोन पर कहा कि वो उनकी बेटी से 20 हजार रुपए लिया था. जिसे अब वापस करना है. आरोपी ने रिटायर्ड कर्मचारी को अपने झांसे में लेकर उनसे उनके एटीएम का पिन नंबर मांगा. शातिर तरीके से कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी हासिल कर ली.
इसके बाद अलग-अलग खातों में 36 लाख रुपये से ज्यादा की रकम ट्रांसफर कर दी. पीड़ित कर्मचारी को जब इस बात की भनक लगी तो उसने इसकी शिकायत दीपका थाने में दर्ज कराई.
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मामले में नाबालिग भी गिरफ्तार
इतनी बड़ी रकम की ठगी की शिकायत जब एसपी अभिषेक मीणा को हुई तो तत्काल आरोपियों को गिरफतार करने के आदेश दिये गये.
पुलिस जांच के दौरान पता चला कि ये ठगी राजस्थान के मेवाती गिरोह ने की है. जिसके बाद पुलिस की एक विशेष टीम राजस्थान रवाना की गयी. पुलिस ने मेवात में कैंप कर आरोपियों पर नजर रखते हुये गिरोह के आरोपी सचिन चौधरी सहित एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया. दोनों आरोपी के पास से पुलिस ने 8 लाख 60 हजार रुपये कैश जब्त किया है. दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है.
मास्टरमाइंड अब भी है फरार
मेवाती गैंग एक तकनीकि रूप से दक्ष गिरोह है. जिसका अलग से टेक्निकल विंग भी सक्रिय है.इनका नेटवर्क संपूर्ण राजस्थान में है और यह अंतरराज्यीय गिरोह अलग-अलग राज्यों में इसी तरह की ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम देता है. पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए 1 महीने तक होमवर्क किया. 15 दिन से कोरबा पुलिस की टीम राजस्थान में डटी रही. अब भी पुलिस की एक विशेष टीम जिसमें साइबर एक्सपर्ट भी शामिल है, राजस्थान में ही डेरा जमाए हुए हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले का मास्टर माइंड सहित और भी आरोपियों को पुलिस पकड़ लेगी.
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सिम क्लोन कैसे किया अब भी रहस्य
इस मामले में आरोपियों ने प्रार्थी का सिम ब्लॉक कर दिया. छत्तीसगढ़ के दीपका में एक नंबर ब्लॉक होता है और वही नंबर राजस्थान में एक्टिव हो जाता है. आरोपियों ने अपने केवाईसी के जरिए सिम राजस्थान में एक्टिवेट कर लिया. लेकिन यह ई सिम था. अब यह किस तकनीक के जरिए संभव हुआ, जिससे कि किसी व्यक्ति का सिम ब्लॉक कर इसका ई सिम क्लोन कर लिया गया. यह अब भी रहस्य है.इसके बाद ही आरोपियों ने एटीएम पिन और ओटीपी के जरिए रकम ट्रांसफर की.