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शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आई सरकार ने नहीं की गुलाबी गैंग की सहायता

गुलाबी गैंग के नाम से अवैध शराब बिक्री,तस्करी और नशे के सौदागर खौफ खाते थे, लेकिन अब न तो गली मोहल्लों में महिलाओं का ये समूह दिखता है न इनका काम. प्रशासन की अनदेखी की वजह से ये गैंग अब निष्क्रिय हो गया है और इसके साथ ही कांकेर में नशे का कारोबार शुरू हो गया है.

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गुलाबी गैंग
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Published : Dec 17, 2020, 8:11 PM IST

कांकेर: हाथों में डंडा लिए अक्सर शहर-गांव के गली-मोहल्लों में शराब बिक्री और मनचलों को सबक सिखाने वाली महिलाओं का समूह नजर आता था. पिछले कुछ दिनों से ये समूह नजर आना बंद हो गया है. एक ओर जहां सरकार शराब की दुकानें खोलकर मुनाफा कमा रही है, वहीं महिलाओं ने शराब और शराबियों पर नकेल कसने के लिए महिला संगठन बनाया था. इन महिलाओं के समूह को गुलाबी गैंग के नाम से जाना जाता था. ये गुलाबी गैंग अब प्रशासन से मदद नहीं मिलने की वजह से बंद हो चुका है.

शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आई सरकार ने नहीं की गुलाबी गैंग की सहायता

पढ़ें- भूपेश कैबिनेट की बैठक में 15 फैसलों पर लगी मुहर, दो साल के कामकाज की हुई समीक्षा

गुलाबी गैंग के नाम से अवैध शराब बिक्री, तस्करी और नशे के सौदागर खौफ खाते थे, लेकिन अब न तो गली मोहल्लों में महिलाओं का ये समूह दिखता है न इनका काम. कांकेर नगर के आमापारा निवासी आशा निषाद कहती है मेरे समूह में 100 महिलाएं थी हमे गुलाबी गैंग कह कर पुकारा जाता था. शाम को हम डंडा पकड़ के बाहर निकल जाते थे. महिलाओं के पास कामों का बोझ डाल दिया जाता है फिर भी हम समय निकाल के सभी महिलाएं चौक में एकत्रित होते थे. आशा बताती है जहां-जहां अवैध शराब बिकता था वहां जाकर पुलिस को सूचना देते थे या स्वयं से समझाइश देते थे कि यह काम बंद कर दिया जाए. वार्ड में शराब बिकने से वार्ड वालों को परेशानी होती थी हमारे नौजवान बच्चे नशे के शिकार हो रहे थे. नशे में घरेलू उत्पीड़न , छेड़छाड़ के मामले सामने आते थे.

नहीं मिला सहयोग

आशा निराश हो कर कहती है हम महिलाएं नशा मुक्त कराने का सोचे थे, लेकिन हमारा सहयोग प्रशासन ने नहीं किया. लोग हमें कुछ दिनों बाद चिढ़ाने लग गए क्योकि सबके घरों में शराब पिया जाता था. महिलाएं चाहती थी हमारे पति पी रहें हैं, लेकिन आने वाले पीढ़ी हमारे बच्चे इसकी गिरफ्त में न आए।. सहयोग नहीं मिलने के चलते हमने हमारा काम बंद कर दिया. आज स्थिति वही बनी हुई है नगर में नौजवान नशे के गिरफ्त में है. चौक-चौराहों में देखा जा सकता है किस तरह युवाओं का जमावड़ा रहता है कैसे हुड़दंग मचाते रहते है.

फिर से काम करने को तैयार

नगर के ही अन्नपूर्णापारा निवासी अनुसुइया यादव बताती है प्रशासन से तो सहयोग दूर की बात लेकिन हमारे स्वयं के घरों से दबाव आने लगा. सभी जान चुके थे कि हम शाम को निकलते है किसी भी चौक में जमावड़ा नहीं रहता था. न कोई शराब खुलेआम पीते दिखता था. हमने अपना काम बंद कर दिया स्थिति यह है कि आज खुलेआम शराब बिक्री होती है. नौजवान गांजा के गिरफ्त में आ रहे है. उन्होंने कहा कि प्रशासन अभी भी सहयोग करें तो हम उसी जोश के साथ काम करने को तैयार हैं.

मनचलों पर महिलाएं लगाती थी लगाम

नगर के राजापारा वार्ड के पूर्व पार्षद अजय पप्पू मोटवानी कहते हैं. अपने वार्ड में महिला समूह का एक गठन किया था. जो शराबियों और चौक-चौराहों में बैठ के हुल्लड़ मचाने वाले मनचलों पर महिलाएं लगाम लगती थी, लेकिन प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने के चलते आज वो बन्द हो गया.

शासन की अनदेखी से निष्क्रिय हुआ समूह

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालनी राजपूत कहती हैं बीजेपी की जब सरकार थी तो वार्ड स्तर, ग्राम स्तर पर जो गुलाबी गैंग का गठन हुआ थ. ये महिलाएं शराबियों को धर-पकड़ करती थी. लेकिन कांग्रेस की सरकार आने के बाद गुलाबी गैंग को कोई सहायता नहीं मिली. शराबबंदी का वादा कर आई सरकार के राज में खुलेआम दारू गांजा बिक रहा है.

कांकेर: हाथों में डंडा लिए अक्सर शहर-गांव के गली-मोहल्लों में शराब बिक्री और मनचलों को सबक सिखाने वाली महिलाओं का समूह नजर आता था. पिछले कुछ दिनों से ये समूह नजर आना बंद हो गया है. एक ओर जहां सरकार शराब की दुकानें खोलकर मुनाफा कमा रही है, वहीं महिलाओं ने शराब और शराबियों पर नकेल कसने के लिए महिला संगठन बनाया था. इन महिलाओं के समूह को गुलाबी गैंग के नाम से जाना जाता था. ये गुलाबी गैंग अब प्रशासन से मदद नहीं मिलने की वजह से बंद हो चुका है.

शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आई सरकार ने नहीं की गुलाबी गैंग की सहायता

पढ़ें- भूपेश कैबिनेट की बैठक में 15 फैसलों पर लगी मुहर, दो साल के कामकाज की हुई समीक्षा

गुलाबी गैंग के नाम से अवैध शराब बिक्री, तस्करी और नशे के सौदागर खौफ खाते थे, लेकिन अब न तो गली मोहल्लों में महिलाओं का ये समूह दिखता है न इनका काम. कांकेर नगर के आमापारा निवासी आशा निषाद कहती है मेरे समूह में 100 महिलाएं थी हमे गुलाबी गैंग कह कर पुकारा जाता था. शाम को हम डंडा पकड़ के बाहर निकल जाते थे. महिलाओं के पास कामों का बोझ डाल दिया जाता है फिर भी हम समय निकाल के सभी महिलाएं चौक में एकत्रित होते थे. आशा बताती है जहां-जहां अवैध शराब बिकता था वहां जाकर पुलिस को सूचना देते थे या स्वयं से समझाइश देते थे कि यह काम बंद कर दिया जाए. वार्ड में शराब बिकने से वार्ड वालों को परेशानी होती थी हमारे नौजवान बच्चे नशे के शिकार हो रहे थे. नशे में घरेलू उत्पीड़न , छेड़छाड़ के मामले सामने आते थे.

नहीं मिला सहयोग

आशा निराश हो कर कहती है हम महिलाएं नशा मुक्त कराने का सोचे थे, लेकिन हमारा सहयोग प्रशासन ने नहीं किया. लोग हमें कुछ दिनों बाद चिढ़ाने लग गए क्योकि सबके घरों में शराब पिया जाता था. महिलाएं चाहती थी हमारे पति पी रहें हैं, लेकिन आने वाले पीढ़ी हमारे बच्चे इसकी गिरफ्त में न आए।. सहयोग नहीं मिलने के चलते हमने हमारा काम बंद कर दिया. आज स्थिति वही बनी हुई है नगर में नौजवान नशे के गिरफ्त में है. चौक-चौराहों में देखा जा सकता है किस तरह युवाओं का जमावड़ा रहता है कैसे हुड़दंग मचाते रहते है.

फिर से काम करने को तैयार

नगर के ही अन्नपूर्णापारा निवासी अनुसुइया यादव बताती है प्रशासन से तो सहयोग दूर की बात लेकिन हमारे स्वयं के घरों से दबाव आने लगा. सभी जान चुके थे कि हम शाम को निकलते है किसी भी चौक में जमावड़ा नहीं रहता था. न कोई शराब खुलेआम पीते दिखता था. हमने अपना काम बंद कर दिया स्थिति यह है कि आज खुलेआम शराब बिक्री होती है. नौजवान गांजा के गिरफ्त में आ रहे है. उन्होंने कहा कि प्रशासन अभी भी सहयोग करें तो हम उसी जोश के साथ काम करने को तैयार हैं.

मनचलों पर महिलाएं लगाती थी लगाम

नगर के राजापारा वार्ड के पूर्व पार्षद अजय पप्पू मोटवानी कहते हैं. अपने वार्ड में महिला समूह का एक गठन किया था. जो शराबियों और चौक-चौराहों में बैठ के हुल्लड़ मचाने वाले मनचलों पर महिलाएं लगाम लगती थी, लेकिन प्रशासन का सहयोग नहीं मिलने के चलते आज वो बन्द हो गया.

शासन की अनदेखी से निष्क्रिय हुआ समूह

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालनी राजपूत कहती हैं बीजेपी की जब सरकार थी तो वार्ड स्तर, ग्राम स्तर पर जो गुलाबी गैंग का गठन हुआ थ. ये महिलाएं शराबियों को धर-पकड़ करती थी. लेकिन कांग्रेस की सरकार आने के बाद गुलाबी गैंग को कोई सहायता नहीं मिली. शराबबंदी का वादा कर आई सरकार के राज में खुलेआम दारू गांजा बिक रहा है.

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