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कवर्धा: 4 महीने से मुआवजा राशि के लिए भटक रहे किसान, मिल रहा सिर्फ आश्वासन - मुआवजा राशि

कवर्धा में हुए ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश के कारण किसानों की चने की फसल बर्बाद हो गई है. किसान मुआवजे की राशि के लिए 4 महीने से भटक रहे हैं, लेकिन वे अब भी खाली हाथ हैं.

Farmers are demanding for compensation amount last four month in kawrdha
किसान
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Published : Jul 13, 2020, 3:19 PM IST

कवर्धा: किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. जनवरी से मार्च तक ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से किसानों की चने की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. जिसके 4 महीने बीतने के बाद भी किसानों को फसल बीमा की राशि नहीं दी गई है. किसान मुआवजे के लिए पिछले 4 महीने से भटक रहे हैं. जिससे किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं.

मुआवजे की राशि के लिए भटक रहे किसान

दरअसल, कवर्धा जिले के किसानों ने चने की खेती की थी और उस फसल का बकायदा किसानों ने बीमा भी करवाया था. इसी बीच जनवरी से मार्च तक हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की चने की फसल बूरी तरह बर्बाद हो गई. किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें बीमा की राशि से थोड़ी मदद मिलेगी. जिससे वे फिर से खेती कर लेंगे, लेकिन किसानों की उम्मीद पर अब पानी फिरता नजर आ रहा है.

पढ़ें : ओलावृष्टि की मार झेल रहे अन्नदाता को मदद की जरूरत, किसानों में आक्रोश : धरमलाल कौशिक

हजारों किसान चार महीने से तहसील कार्यालय और कलेक्टर कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें उनके मुआवजे की राशि अब तक नहीं मिली है. किसानों के लगातार मुआवजा राशि की मांग को लेकर अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, आबंटन आते ही मुआवजा दे दिया जाएगा.

पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी राज्य सरकार से कहा था कि ओलावृष्टि की मार झेल रहे किसानों को मदद की जरूरत है, लेकिन राज्य सरकार इन मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है.

कवर्धा: किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. जनवरी से मार्च तक ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से किसानों की चने की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. जिसके 4 महीने बीतने के बाद भी किसानों को फसल बीमा की राशि नहीं दी गई है. किसान मुआवजे के लिए पिछले 4 महीने से भटक रहे हैं. जिससे किसान काफी परेशान नजर आ रहे हैं.

मुआवजे की राशि के लिए भटक रहे किसान

दरअसल, कवर्धा जिले के किसानों ने चने की खेती की थी और उस फसल का बकायदा किसानों ने बीमा भी करवाया था. इसी बीच जनवरी से मार्च तक हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की चने की फसल बूरी तरह बर्बाद हो गई. किसानों को उम्मीद थी कि उन्हें बीमा की राशि से थोड़ी मदद मिलेगी. जिससे वे फिर से खेती कर लेंगे, लेकिन किसानों की उम्मीद पर अब पानी फिरता नजर आ रहा है.

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हजारों किसान चार महीने से तहसील कार्यालय और कलेक्टर कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें उनके मुआवजे की राशि अब तक नहीं मिली है. किसानों के लगातार मुआवजा राशि की मांग को लेकर अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, आबंटन आते ही मुआवजा दे दिया जाएगा.

पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी राज्य सरकार से कहा था कि ओलावृष्टि की मार झेल रहे किसानों को मदद की जरूरत है, लेकिन राज्य सरकार इन मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है.

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