जगदलपुर: दंतेवाड़ा के बैलाडीला में स्थित NMDC प्रंबधन की ओर से लौह अयस्क खदानों की लीज बढ़ाने का मुद्दा गरमा गया है. इन खदानों की लीज बढ़ाने की प्रक्रिया को लेकर बस्तर के संयुक्त मुक्ति मोर्चा ने आपत्ति जताई है. संघ के सदस्यों का कहना है कि ली़ज बढ़ाने के फैसले में बस्तर के जनप्रतिनिधियों की अनदेखी हुई है. NMDC प्रबंधन ने नियम के खिलाफ जाकर क्षेत्र में 5वीं अनूसूची लागू होने के बावजूद बिना ग्रामसभा से बात किए खदान की लीज बढ़ा दी है. संघ ने प्रबंधन पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. निजीकरण के विरोध में मुक्ति मोर्चा अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने जा रही है. वहीं मांगें पूरी नहीं होने पर संघ ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
बस्तर संयुक्त मुक्ति मोर्चा के संयोजक ने प्रेसावार्ता कर शासन पर आरोप लगाया है कि बैलाडीला में स्थित NMDC प्रबंधन ने मुख्यमंत्री से बंद कमरे में बैठक कर खदान की लीज बढ़ा दी है. जबकि प्रंबधन को बैलाडीला में लागू 5वीं अनूसूची के नियम के मुताबिक ग्रामसभा आयोजित करके लीज बढ़ाने की अनुमित लेनी चाहिए थी. इसके अलावा प्रबंधन ने बस्तर के स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी अनदेखी की है. यहां तक उन्हें विश्वास में लेना भी जरूरी नहीं समझा.
सलाहकार समिति का होना था गठन: संयोजक
संघ के संयोजक ने कहा कि बस्तर के विकास के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया हैं जिसमें स्थानीय विधायक को अध्यक्ष बनाया गया है. ऐसे में चाहिए था कि वह एक सलाहकार समिति बनाते जिसमे यहां के बुद्धिजीवियों को जगह दिया जाना था. ताकि बस्तर के विकास को लेकर सभी प्रारूप तैयार सकें.
पेसा कानून को लेकर भी सौपेंगे ज्ञापन
संघ के सदस्यों ने पेसा कानून, NMDC का कार्यालय बस्तर में स्थापित करने, NMDC की सालाना आय के हिसाब से रायल्टी राशि का प्रतिशत बढ़ाने, निजीकरण पर रोक लगाने समेत अन्य मामले को लेकर ज्ञापन तैयार किया है. जिसे वो सीएम को सौंपेंगे.