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ये हैं गरियाबंद की 'शेरनी', नशे के खिलाफ छेड़ रखा है अभियान

गरियाबंद की 'शेरनी' महिलाओं ने शराब के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है. महिलाओं ने दावा किया कि औरतें अगर ठान लें तो प्रदेश में अघोषित शराबबंदी कर सकती हैं.

ये हैं गरियाबंद की 'शेरनी'
ये हैं गरियाबंद की 'शेरनी'
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Published : Dec 3, 2019, 11:58 PM IST

गरियाबंद : सिर पर टोपी और हाथ में डंडा लिए शहर की गलियों में गश्त करती इन महिलाओं ने शराब के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है. सखी, सहेली और महिला कमांडो समूह की ये महिलाएं पुलिस के साथ मिलकर अपने गांवों को नशामुक्त करने निकली हैं.

ये हैं गरियाबंद की 'शेरनी', नशे के खिलाफ छेड़ रखा है अभियान

जहां भी इन महिलाओं को अवैध शराब बिक्री या नशेड़ियों के जमावड़े की जानकारी मिलती है, वहां ये फौरन पहुंच जाती हैं. शाम होते ही इनकी गश्त शुरू हो जाती है. इतना ही नहीं जब लोग इनके समझाने से नहीं मानते तो पुलिस का काम शुरू होता है. पुलसि कार्रवाई करती है और इन्हें सुधारने की कोशिश करती है.

अघोषित शराबबंदी कर सकती है महिलाएं

इन महिलाओं का दावा है कि वे अपने मकसद में काफी हक तक सफल भी हुई हैं. नशामुक्ति अभियान से जुड़ी इन महिलाओं ने दावा किया कि औरतें अगर ठान लें तो प्रदेश में अघोषित शराबबंदी कर सकती हैं. इसके लिए उन्हें बस अपने परिवार के पुरुषों पर लगाम लगाने की जरूरत है.

महिला कमांडो समूह जिले के हर गांव में कार्यरत

वहीं इन महिला समूहों को जिला पुलिस का भी समर्थन हासिल है. अब महिलाओं की ताकत नशा करने वालों पर भारी पड़ने लगी है. महिलाएं समूह बनाकर अपने गांवों में अवैध शराब बिक्री रोकने में काफी हद तक सफल रही हैं.

बता दें कि पुलिस की देख-रेख में सालभर पहले शुरू किए गए ये महिला कमांडो समूह आज जिले के हर गांव में कार्यरत हैं. जिला एसपी ने इन महिला समूहों के कार्यों की जमकर सराहना की है, उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रयास से गांवों में न केवल अवैध शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा है बल्कि गांवों में विवाद भी कम होने लगे हैं.

गरियाबंद : सिर पर टोपी और हाथ में डंडा लिए शहर की गलियों में गश्त करती इन महिलाओं ने शराब के खिलाफ आंदोलन छेड़ रखा है. सखी, सहेली और महिला कमांडो समूह की ये महिलाएं पुलिस के साथ मिलकर अपने गांवों को नशामुक्त करने निकली हैं.

ये हैं गरियाबंद की 'शेरनी', नशे के खिलाफ छेड़ रखा है अभियान

जहां भी इन महिलाओं को अवैध शराब बिक्री या नशेड़ियों के जमावड़े की जानकारी मिलती है, वहां ये फौरन पहुंच जाती हैं. शाम होते ही इनकी गश्त शुरू हो जाती है. इतना ही नहीं जब लोग इनके समझाने से नहीं मानते तो पुलिस का काम शुरू होता है. पुलसि कार्रवाई करती है और इन्हें सुधारने की कोशिश करती है.

अघोषित शराबबंदी कर सकती है महिलाएं

इन महिलाओं का दावा है कि वे अपने मकसद में काफी हक तक सफल भी हुई हैं. नशामुक्ति अभियान से जुड़ी इन महिलाओं ने दावा किया कि औरतें अगर ठान लें तो प्रदेश में अघोषित शराबबंदी कर सकती हैं. इसके लिए उन्हें बस अपने परिवार के पुरुषों पर लगाम लगाने की जरूरत है.

महिला कमांडो समूह जिले के हर गांव में कार्यरत

वहीं इन महिला समूहों को जिला पुलिस का भी समर्थन हासिल है. अब महिलाओं की ताकत नशा करने वालों पर भारी पड़ने लगी है. महिलाएं समूह बनाकर अपने गांवों में अवैध शराब बिक्री रोकने में काफी हद तक सफल रही हैं.

बता दें कि पुलिस की देख-रेख में सालभर पहले शुरू किए गए ये महिला कमांडो समूह आज जिले के हर गांव में कार्यरत हैं. जिला एसपी ने इन महिला समूहों के कार्यों की जमकर सराहना की है, उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रयास से गांवों में न केवल अवैध शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा है बल्कि गांवों में विवाद भी कम होने लगे हैं.

Intro:पैकेज लायक स्टोरी है

स्लग---महिलाओ की ताकत
एंकर-- गरियाबन्द में महिलाओं की ताकत नशेड़ियों पर भारी पड़ने लगी है, महिलाएं समूह बनाकर अपने गांवों में अवैध शराब बिक्री रोकने में काफी हद तक सफल रही है, जिला पुलिस का भी इन महिला समूहों को समर्थन हासिल है।
Body:वीओ 1--सर पर टोपी और हाथ मे डंडा लिए गलियों में गश्त करती ये सखी सहेली ओर महिला कमांडो समूह की महिलाएं है, जो पुलिस के साथ मिलकर अपने अपने गांवों को नशामुक्त करने में जुटी है, गांवों में अवैध शराब की बिक्री रोकना इनकी पहली प्राथमिकता में शामिल है, इसके लिए ये महिलाएं शाम होते ही गांव की गलियों में निकल पड़ती है, जंहा भी इन्हें अवैध शराब बिक्री या फिर नशेड़ियों के जमावड़े की जानकारी मिलती है वहां पहुंचकर ये उन्हें ऐसा करने से रोकती है और यदि उसके बाद भी नही मानते तो ऐसे लोगो पर पुलिसिया कार्यवाही करवाकर उन्हें सुधारने की कौशिश करती है, महिला समूह से जुड़ी इन महिलाओं का दावा है कि वे अपने मकसद में काफी हद तक सफल हुई है।
बाईट 1---समूह की सदस्य.....
बाईट 2---समूह की सदस्य.....
बाईट 3---समूह की सदस्य....
वीओ 2--पुलिस की देखरेख में सालभर पहले शुरू किए गए ये महिला कमांडो समूह आज जिले के हर गांव में कार्यरत है इसके अलावा एसपी एमआर अहिरे के विशेष प्रयास से 45 गांव में पुलिस सखी सहेली समूह भी नशामुक्ति अभियान में जुड़े हुए है, जिला एसपी ने इन महिला समूहों के कार्यो की जमकर सराहना की है, उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रयास से गांवों ना केवल अवैध शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा है बल्कि गांवों में लड़ाई झगड़ो के मामलों में भी काफी कमी आयी है।
बाईट 4---एमआर आहिरे, एसपी, गरियाबंद....
फाईनल वीओ--नशामुक्ति अभियान से जुड़ी इन महिलाओं ने दावा किया कि महिलाएं यदि ठान ले तो प्रदेश में अघोषित शराबबंदी कर सकती है, इसके लिए उन्होंने महिलाओं को बस अपने परिवार के पुरुषों पर लगाम कसने की जरूरत बताई है, अपनी उम्मीदों पर ये महिलाएं कितनी खरी उतरती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा मगर फिलहाल इन महिलाओ के हौसले देखकर गरियाबंद में नशेड़ियों के हौसले जरूर पस्त है।स्लग---बडा लक्ष्य
एंकर--गरियाबंद में महिलाओं की ताकत नशेड़ियों पर भारी पड़ने लगी है, महिलाएं समूह बनाकर अपने गांवों में अवैध शराब बिक्री रोकने में काफी हद तक सफल रही है, जिला पुलिस का भी इन महिला समूहों को समर्थन हासिल है।
वीओ 1--सर पर टोपी और हाथ मे डंडा लिए गलियों में गश्त करती ये सखी सहेली ओर महिला कमांडो समूह की महिलाएं है, जो पुलिस के साथ मिलकर अपने अपने गांवों को नशामुक्त करने में जुटी है, गांवों में अवैध शराब की बिक्री रोकना इनकी पहली प्राथमिकता में शामिल है, इसके लिए ये महिलाएं शाम होते ही गांव की गलियों में निकल पड़ती है, जंहा भी इन्हें अवैध शराब बिक्री या फिर नशेड़ियों के जमावड़े की जानकारी मिलती है वहां पहुंचकर ये उन्हें ऐसा करने से रोकती है और यदि उसके बाद भी नही मानते तो ऐसे लोगो पर पुलिसिया कार्यवाही करवाकर उन्हें सुधारने की कौशिश करती है, महिला समूह से जुड़ी इन महिलाओं का दावा है कि वे अपने मकसद में काफी हद तक सफल हुई है।
बाईट 1---समूह की सदस्य.....
बाईट 2---समूह की सदस्य.....
बाईट 3---समूह की सदस्य....
वीओ 2--पुलिस की देखरेख में सालभर पहले शुरू किए गए ये महिला कमांडो समूह आज जिले के हर गांव में कार्यरत है इसके अलावा एसपी एमआर अहिरे के विशेष प्रयास से 45 गांव में पुलिस सखी सहेली समूह भी नशामुक्ति अभियान में जुड़े हुए है, जिला एसपी ने इन महिला समूहों के कार्यो की जमकर सराहना की है, उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रयास से गांवों ना केवल अवैध शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगा है बल्कि गांवों में लड़ाई झगड़ो के मामलों में भी काफी कमी आयी है।
बाईट 4---एमआर आहिरे, एसपी, गरियाबंद....

Conclusion:फाईनल वीओ--नशामुक्ति अभियान से जुड़ी इन महिलाओं ने दावा किया कि महिलाएं यदि ठान ले तो प्रदेश में अघोषित शराबबंदी कर सकती है, इसके लिए उन्होंने महिलाओं को बस अपने परिवार के पुरुषों पर लगाम कसने की जरूरत बताई है, अपनी उम्मीदों पर ये महिलाएं कितनी खरी उतरती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा मगर फिलहाल इन महिलाओ के हौसले देखकर गरियाबंद में नशेड़ियों के हौसले जरूर पस्त है।
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