दुर्ग: छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश से धान खरीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे रखा धान भीग रहा है. शासन ने धान की सुरक्षा के लिए करोड़ रुपये खर्च कर सभी संग्रहण केंद्रों में प्लास्टिक कवर दिया था. इसके बावजूद बारिश में धान भीग रहे हैं. जिले के 90 उपार्जन केंद्रों में से 86 समितियों में लाखों क्विंटल धान डंप है.
जब ETV भारत की टीम जिले के अरसनारा संग्रहण केंद्र पहुंची. संग्रहण केंद्र प्रभारी भूपेन्द्र धुरंधर नदारद मिले. वहां मौजूद चौकीदारों ने केंद्रों में रखे धान को प्लास्टिक कवर को ढंककर रखा था, लेकिन इसके बावजूद कई फड में प्लास्टिक कवर खुला हुआ था या फिर फटा हुआ नजर आया. संग्रहण केंद्र को चौकीदार के भरोसे छोड़कर प्रभारी भूपेन्द्र धुरन्धर नदारद थे. वहां मौजूद चौकीदार गुलाब सिंह देशमुख ने बताया कि तेज हवा और बारिश के चलते प्लास्टिक कवर उड़ या फट जाता है.
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जिले में अधिकांश संग्रहण केंद्रों में फटे हुए प्लास्टिक कवर से धान को सुरक्षित रखने की कोशिश हो रही है. कई केंद्रों में बड़ी संख्या में प्लास्टिक कवर होने के बाद भी फटे प्लास्टिक कवर का इस्तेमाल किया जा रहा है. बारिश में धान परिवहन पर भी ब्रेक लग गया है. अब मौसम ठीक होने के बाद ही धान का उठाव किया जाएगा.
खुले आसमान के नीचे 11 लाख क्विंटल धान-
- अरसनारा संग्रहण केन्द्र में-53 हजार क्विंटल
- कोडिया संग्रहण केन्द्र में-4 लाख 24 क्विंटल
- जेवरा सिरसा संग्रहण केंद्र में-76 हजार क्विंटल
- बासीन संग्रहण केन्द्र में-2 लाख 9 हजार क्विंटल
- सेलूद संग्रहण केंद्र में -4 लाख 6 हजार क्विंटल