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दंतेवाड़ा : डिपॉजिट 13 में जांच कर रहे CCF का खुलासा, NMDC ने काटे पेड़

98 पेड़ों के काटे जाने को लेकर NMDC को PUR जारी किया गया था. वहीं NMDC को डिपॉजिट 13 में पेड़ काटने की अनुमति नहीं थी फिर भी एनएमडीसी ने अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई की है.

NMDC ने काटे पेड़
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Published : Jun 16, 2019, 2:43 PM IST

Updated : Jun 16, 2019, 3:11 PM IST

दंतेवाड़ा : नंदराज पर्वत पर पेड़ों की कटाई की जांच में रायपुर तक के अधिकारी लगे हुए हैं, हालांकि इस जांच के लपेटे में वन विभाग का कोई भी अफसर नहीं आ रहा है. रायपुर से आए प्रधान वन मुख्य संरक्षक आरके चतुर्वेदी ने साफ कहा कि, 'इसके लिए एनएमडीसी दोषी है, प्रबंधन के खिलाफ PUR जारी किया गया है, एनएमडीसी ने अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई की है'.

वीडियो

98 पेड़ों के काटे जाने को लेकर NMDC को PUR जारी किया गया था. बताया जा रहा है कि NMDC के प्रबंधक के खिलाफ ये कार्रवाई हुई है. हालांकि अभी कितने पेड़ काटे गए हैं, उनकी गिनती नहीं हुई है.

NMDC को नहीं थी पेड़ काटने की अनुमति
NMDC को डिपॉजिट 13 में पेड़ काटने की अनुमति नहीं थी. उसे केवल 25 हजार 400 पेड़ों के काटे जाने की अनुमति मिली थी, लेकिन इन पेड़ों को काटने का अधिकार सिर्फ वन विभाग को है और पेड़ों कटाई पूरी तरह से अवैध है.

कार्रवाई के बाद भी पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने साफ कहा कि, 'फरवरी में एनएमडीसी प्रबंधन पर कारवाई हुई है'. बड़ा सवाल है कि इस कार्रवाई के बाद भी एनएमडीसी प्रबंधन पेड़ों पर कुल्हाड़ी निरंतर 4 माह तक चलवाता रहा और वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी.

हजारों पेड़ काटे जाने की बात सयुंक्त पंचायत संघर्ष समिति करती रही. इस सवाल पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक आर के चतुर्वेदी अपने जिले के अधिकारियों के पक्ष में दिखे. उन्होंने कहा कि, 'उन कंपार्टमेंट में जाना मुश्किल होता है'.

'जांच करवाना कठिन'
सीसीएफ ने चर्चा कहा कि, 'जांच करना थोड़ा कठिन है, बावजूद इसके वन अमला पेड़ कटाई से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए अनकूल परिस्थितियों को देखकर जांच करेगा. कितने पेड़ काटे गए और जलाये गए हैं, इसकी गिनती नहीं हुई है. सभी कंपार्टमेंट को खंगाला जाएगा. इस प्रक्रिया में वक्त लगेगा. मामला संवेदनशील है और अंदर नहीं जा पा रहे हैं'.

दंतेवाड़ा : नंदराज पर्वत पर पेड़ों की कटाई की जांच में रायपुर तक के अधिकारी लगे हुए हैं, हालांकि इस जांच के लपेटे में वन विभाग का कोई भी अफसर नहीं आ रहा है. रायपुर से आए प्रधान वन मुख्य संरक्षक आरके चतुर्वेदी ने साफ कहा कि, 'इसके लिए एनएमडीसी दोषी है, प्रबंधन के खिलाफ PUR जारी किया गया है, एनएमडीसी ने अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई की है'.

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98 पेड़ों के काटे जाने को लेकर NMDC को PUR जारी किया गया था. बताया जा रहा है कि NMDC के प्रबंधक के खिलाफ ये कार्रवाई हुई है. हालांकि अभी कितने पेड़ काटे गए हैं, उनकी गिनती नहीं हुई है.

NMDC को नहीं थी पेड़ काटने की अनुमति
NMDC को डिपॉजिट 13 में पेड़ काटने की अनुमति नहीं थी. उसे केवल 25 हजार 400 पेड़ों के काटे जाने की अनुमति मिली थी, लेकिन इन पेड़ों को काटने का अधिकार सिर्फ वन विभाग को है और पेड़ों कटाई पूरी तरह से अवैध है.

कार्रवाई के बाद भी पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने साफ कहा कि, 'फरवरी में एनएमडीसी प्रबंधन पर कारवाई हुई है'. बड़ा सवाल है कि इस कार्रवाई के बाद भी एनएमडीसी प्रबंधन पेड़ों पर कुल्हाड़ी निरंतर 4 माह तक चलवाता रहा और वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी.

हजारों पेड़ काटे जाने की बात सयुंक्त पंचायत संघर्ष समिति करती रही. इस सवाल पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक आर के चतुर्वेदी अपने जिले के अधिकारियों के पक्ष में दिखे. उन्होंने कहा कि, 'उन कंपार्टमेंट में जाना मुश्किल होता है'.

'जांच करवाना कठिन'
सीसीएफ ने चर्चा कहा कि, 'जांच करना थोड़ा कठिन है, बावजूद इसके वन अमला पेड़ कटाई से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए अनकूल परिस्थितियों को देखकर जांच करेगा. कितने पेड़ काटे गए और जलाये गए हैं, इसकी गिनती नहीं हुई है. सभी कंपार्टमेंट को खंगाला जाएगा. इस प्रक्रिया में वक्त लगेगा. मामला संवेदनशील है और अंदर नहीं जा पा रहे हैं'.

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Last Updated : Jun 16, 2019, 3:11 PM IST
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