बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्यों से आने वाले अवैध धान का परिवहन रोकने के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं. इसमें प्रशासन की ओर से कोचियों और बिचौलियों के अवैध धान के भंडारण, परिवहन और बिक्री पर धरपकड़ के साथ ही कार्रवाई भी की जाएगी.
इसके लिए छत्तीसगढ़ की सीमा पर प्रशासन ने बैरियर लगा कर मध्यप्रदेश के धान परिवहन पर खास नजर रखी है. दरअसल प्रदेश में किसानों से धान की खरीदी एक दिसंबर से शुरू होगी, जिसके लिए प्रशासन अभी से मुस्तैद है. पेंड्रा, गौरेला, मरवाही खरीदी केंद्रों में प्रशासन के मुस्तैद होने के बाद भी क्षेत्र में धान खरीदी केंद्र प्रभारी और बिचौलियों की मिलीभगत से आंधप्रदेश का धान खपाया जा रहा है.
मध्यप्रदेश का धान छत्तीसगढ़ में न खपाया जाए इसके लिए प्रशासन बैरियर लगाकर निगरानी कर रहा है. इसके साथ ही पेंड्रारोड के एसडीएम मयंक चतुर्वेदी ने सीमावर्ती गांव खैरझिटी, पंखुडी, गुम्माटोला, धरहर, मालाडांड, चंगेरी, बरौर, कबीरचबूतरा, बहरीझोरकी, जलेश्वर, लरकेनी, सिवनी और लालपुर में बैरियर बनाए हैं साथ ही इस बार वन विभाग ने भी वन क्षेत्रों में नाकेबंदी की है.
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हालांकि बीते साल की बात करें तो मरवाही क्षेत्रों के संवेदनशील धान खरीदी केंद्रों में प्रशासन के नजर बनाए रखने के बाद भी बिचौलिए धान खपाते आ रहें हैं. जिस पर प्रशासन अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है. वहीं अब देखने वाली बात है इस बार प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था कितनी सफल हो पाती है.