बालोदः जिला पुलिस के आरक्षक ने अपना इस्तीफा दे दिया है. आरक्षक ने पुलिस विभाग पर संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि पदोन्नति में खुलेआम लेनदेन किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि पदोन्नति के लिए उनसे दो लाख की रिश्वत मांगी गई. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपनी पदोन्नति की बात कही तो उनके साथ गाली-गलौज तक किया गया. वह अपने मान, सम्मान और जाति की प्रतिष्ठा को दांव पर रखकर नौकरी नहीं कर सकते.
बालोद में आरक्षक अर्पण जैन क्रमांक 1514 ने उत्पीड़न से तंग आकर अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि जब वह एसपी के पास गए तो उन्हें जातिसूचक गाली दिया गया. समाज के नाम पर अपवाद कहा गया. अर्पण जैन का कहना है कि मैं जैन समाज का व्यक्ति हूं. इसलिए मुझे यह कहा गया कि जैन लोग नौकरी नहीं करते. ब्याज भट्टे का काम करते हैं. जिसकी शिकायत मैं अपने समाज प्रमुख के समक्ष भी करने जा रहा हूं. मैं अपने समाज के साथ मिलकर यह लड़ाई जारी रखना चाहता हूं.
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उत्पीड़न से आजिज होकर उठाया था आत्हत्या तक का कदम
आरक्षक अर्पण के ने बताया कि पुलिस विभाग की कार्यशैली से मैं परेशान हो गया था. कुछ दिनों पहले मेरे एक विभागीय मामले में दोषमुक्त हो चुका था. उसके लिए भी 60000 रुपए की मांग की गई और पुलिस अधीक्षक की स्ट्रेनों ने मेरी पत्नी की गाड़ी जब्त कर ली. विभाग की करतूतों से त्रस्त था और आत्महत्या के लिए निकला था. मुझे मेरी पत्नी ने संभाल लिया.
आरक्षक अर्पण जैन ने कि मैं देश सेवा के लिए पुलिस में भर्ती हुआ था. मगर मुझे नहीं पता था कि विभाग की कार्यशैली इतनी खराब होगी. मैं काफी परेशान हो चुका हूं और मैं इस नौकरी में नहीं रहना चाहता. इसलिए मैं त्यागपत्र दे रहा हूं. मैंने अपने उच्चाधिकारियों को बता दिया है और जो भी जिम्मेदार है, उनके खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए.