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बालोद: 3 जिलों के दिव्यांगों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

बालोद में 3 जिलों के दिव्यांगों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. दिव्यांगों ने बताया कि उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ ठीक से नहीं मिल पा रहा है.

3 District handicaps protest for their various demands in balod
3 जिले के दिव्यांगों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
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Published : Feb 10, 2021, 7:46 PM IST

बालोद: अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ दिव्यांगों ने मोर्चा खोल दिया है. बालोद बस स्टैंड परिसर में बालोद समेत 3 जिलों के दिव्यांगों ने विरोध प्रदर्शन किया. दिव्यांगों का कहना है कि प्रदेश के दिव्यांगों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. दिव्यांगों ने बताया कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, तो वे आगे प्रदेश स्तर पर लड़ाई लड़ेंगें.

3 जिले के दिव्यांगों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

प्रदेश में हो रही उपेक्षा

दिव्यांगों ने बताया कि उन्हें सरकार की सभी योजनाओं का लाभ ठीक से नहीं मिल पा रहा है. साथ ही उन्हें रोजगार मिलने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण सभी दिव्यांगों को काफी दयनीय स्थिति में अपना जीवनयापन करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि कई दिव्यांगों की हालत इतनी खराब है कि वे भीख मांगने को मजबूर हैं. जबकि सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है.

दंतेवाड़ा: ट्राईसाइकिल पर दिव्यांग बच्ची को बिठा खुद घर छोड़ने गए SP

ये हैं दिव्यांगों की मांगें-

  • दिव्यांग अधिकार कानून 2016 को छत्तीसगढ़ शासन के सभी विभागों में लागू किया जाना चाहिए.
  • दिव्यांगों को राजनीति में भी आरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए, जिसमें त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शामिल हैं.
  • राज्य के सभी 21 प्रकार के दिव्यांगों को चिन्हित कर दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए.
  • योग्यता के अनुसार रोजगार देना चाहिए.
  • शासकीय व निजी कंपनियों में आरक्षण के आधार पर तकनीकी और गैर तकनीकी पदों पर भर्ती करानी चाहिए.
  • राज्य में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी कर रहे लोगों की जांच होनी चाहिए.
  • दिव्यांग में गरीबी रेखा प्रमाणपत्र की अनिवार्यता न की जाए.
  • एक राष्ट्र एक राशन के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा घोषणा किए दिव्यांगों के लिए 35 किलो राशन देने चाहिए.
  • सभी तरह के दिव्यांगों को 5000 रुपये दिए जाने चाहिए.

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प्रदेश में हो रही उपेक्षा

दिव्यांगों ने बताया कि उन्हें सरकार की सभी योजनाओं का लाभ ठीक से नहीं मिल पा रहा है. साथ ही उन्हें रोजगार मिलने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण सभी दिव्यांगों को काफी दयनीय स्थिति में अपना जीवनयापन करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि कई दिव्यांगों की हालत इतनी खराब है कि वे भीख मांगने को मजबूर हैं. जबकि सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है.

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ये हैं दिव्यांगों की मांगें-

  • दिव्यांग अधिकार कानून 2016 को छत्तीसगढ़ शासन के सभी विभागों में लागू किया जाना चाहिए.
  • दिव्यांगों को राजनीति में भी आरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए, जिसमें त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शामिल हैं.
  • राज्य के सभी 21 प्रकार के दिव्यांगों को चिन्हित कर दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए.
  • योग्यता के अनुसार रोजगार देना चाहिए.
  • शासकीय व निजी कंपनियों में आरक्षण के आधार पर तकनीकी और गैर तकनीकी पदों पर भर्ती करानी चाहिए.
  • राज्य में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी कर रहे लोगों की जांच होनी चाहिए.
  • दिव्यांग में गरीबी रेखा प्रमाणपत्र की अनिवार्यता न की जाए.
  • एक राष्ट्र एक राशन के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा घोषणा किए दिव्यांगों के लिए 35 किलो राशन देने चाहिए.
  • सभी तरह के दिव्यांगों को 5000 रुपये दिए जाने चाहिए.
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