मुंबई : सनातन धर्म पर उनकी टिप्पणी को लेकर तमिलनाडु के मंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ मुंबई के मीरा रोड पुलिस स्टेशन में एक नई एफआईआर दर्ज की गई है. विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने (आईपीसी 153ए) और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने (आईपीसी 295ए) की धाराओं के तहत यह एफआईआर दर्ज की गई है. स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से की थी और इसे खत्म करने का आह्वान किया था.
पिछले हफ्ते, उत्तर प्रदेश के रामपुर में डीएमके नेता के खिलाफ कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में एक और एफआईआर दर्ज की गई है. उस एफआईआर में उदयनिधि की टिप्पणियों का समर्थन करने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे का भी नाम है. दोनों पर धारा 295ए और 153ए के तहत मामला दर्ज किया गया है. उदयनिधि के खिलाफ बिहार में मुजफ्फरपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष भी एक और शिकायत दायर की गई है.
इस बीच, तमिलनाडु में भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य पुलिस को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें सत्तारूढ़ दल के नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई. बता दें कि इस महीने की शुरुआत में एक विवाद खड़ा हो गया था जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने सनातन धर्म के उन्मूलन का आह्वान करते हुए सनातन धर्म की तुलना 'मलेरिया' और 'डेंगू' से की थी. द्रमुक मंत्री ने तर्क दिया कि सनातन धर्म जाति व्यवस्था और भेदभाव पर आधारित है.
मंत्री ने कहा था कि सनातन का विरोध करने के बजाय, इसे खत्म किया जाना चाहिए. सनातन नाम संस्कृत से है. यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा होने के बाद भी, उदयनिधि ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं. यह भी कहा कि उनकी टिप्पणियों को नरसंहार के आह्वान के रूप में गलत तरीके से चित्रित किया गया.
(इनपुट एएनआई)