चेन्नई : अभिनेता रजनीकांत ने राजनीतिक में प्रवेश को लेकर रुख साफ कर दिया है और नए साल की पूर्व संध्या पर नई राजनीतिक पार्टी का एलान करेंगे. इस पर तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष एल मुरुगन ने शुक्रवार को कहा कि सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के साथ भगवा पार्टी के गठबंधन को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. इस बयान से द्रविड़ प्रमुख को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है.
ऐसा लगता है भाजपा अब प्रदेश में होने वाले 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर पुनर्विचार कर रही है. भाजपा यह मान रही है कि सुपरस्टार के आने से स्थिति उसके पक्ष में बदल गई है. पार्टी अब इस हद तक दावा करने लगी है कि तमिलनाडु में एनडीए सरकार बनाएगी. निश्चित रूप से यह अन्नाद्रमुक के लिए सुनने में अच्छा नहीं लगेगा.
यह माना जा रहा था कि पिछले महीने के अंत में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तमिलनाडु की यात्रा पर पहुंचे थे, उसी दौरान भाजपा और अन्नाद्रमुक के बीच गठबंधन पक्का हो गया था. 21 नवंबर को एक आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें अमित शाह भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी और उप-मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने घोषणा की कि अन्ना द्रमुक भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी.
भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह ने भी उस पर अपनी मुहर लगाई और गठबंधन को लेकर चल रहे तनाव से मुक्ति दिलाई. उन्होंने द्रमुक पर निशाना भी साधा और यह स्पष्ट कर दिया कि भाजपा का एकमात्र मकसद द्रमुक को सत्ता में लौटने से रोकना है. उसी रात बाद में दोनों ने गठबंधन जारी रखने को लेकर किसी भी संदेह को दूर करने के लिए शाह को फोन किया. स्थानीय विरोध के बावजूद 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों दलों में यह गठबंधन हुआ था.
ऐसा लगता है कि दिग्गज फिल्म स्टार रजनीकांत की ओर से गुरुवार को अपनी पार्टी शुरू करने की घोषणा के बाद भगवा पार्टी इस गठबंधन पर पुनर्विचार के लिए मजबूर हुई है. मुरुगन ने चेन्नई में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'अन्नाद्रमुक के साथ अभी पक्का गठबंधन नहीं किया गया है. अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है. यह राष्ट्रीय नेतृत्व पर है कि अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन पर निर्णय ले.' उन्होंने रजनीकांत की अभी बनने वाली राजनीतिक पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना का संकेत दिया.
रजनीकांत की घोषणा के बाद हुए इस घटनाक्रम को लेकर अभी अन्नाद्रमुक को अपना रुख स्पष्ट करना है, लेकिन हो सकता है कि भाजपा का बदलता रुख उसे अच्छा नहीं लगे. मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने अभिनेता के पार्टी शुरू करने को हल्के में लिया है और अपवाद के रूप में पन्नीरसेल्वम को छोड़कर कई मंत्रियों ने यह कहते हुए एक कड़ा रुख दिखाया है कि रजनीकांत के आने से अन्नाद्रमुक की संभावनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
सलेम में मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में हर कोई एक राजनीतिक पार्टी शुरू कर सकता है. पहले उन्हें अपनी पार्टी की शुरुआत करने दें.
भाजपा के यू-टर्न से विश्लेषक हैरान
अन्नाद्रमुक की पीठ पर सवारी करने वाली भगवा पार्टी ने तमिलनाडु में उन सभी सीटों को गंवा दिया है, जहां लोकसभा चुनाव के दौरान उसने चुनाव लड़ा था. इसका वोट शेयर करीब दो फीसदी बना हुआ है. जिस तरह से गठबंधन को लेकर भाजपा ने यू-टर्न लिया है, उसे लेकर विश्लेषक आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं.
मद्रास विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो. रामू मणिवन्नन कहते हैं कि सुपरस्टार को अपने लोकप्रिय चेहरे के रूप में रखने के अलावा यह अन्नाद्रमुक से अधिक सीटें हासिल करने के लिए भाजपा की सौदेबाजी की रणनीति हो सकती है. उस मकसद के साथ भाजपा रजनीकांत का उपयोग कर सकती है. अभिनेता के पास क्या वोट बैंक है? भाजपा अपना सबकुछ अभिनेता पर लगा रही है तो बाजी उल्टी भी पड़ सकती है. अन्नाद्रमुक एक मजबूत संगठन वाली राजनीतिक पार्टी है, जबकि रजनीकांत का केवल एक फैन क्लब है.
राजनीतिक टिप्पणीकार रवींद्रन दुरीसामी ने कहा कि रजनीकांत को सत्ता विरोधी दलों से सावधान रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी तक रजनीकांत ने चुनावी गठबंधन के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन पन्नीरसेल्वम और मुरुगन गठबंधन में अपनी सौदेबाजी की ताकत बढ़ाने के लिए अभिनेता के साथ संभावित गठबंधन को लेकर इशारा कर रहे हैं. अभी रजनीकांत को गठबंधन पर फैसला लेने दें. रजनीकांत जब तक राजनीति में कदम रख पाएं, इससे पहले ही उन्होंने द्रविड़ हृदय क्षेत्र में राजनीतिक बदलाव की गति में तेजी ला दी है.