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पश्चिमी चंपारण: न्याय के लिए 6 सालों से भटक रही महिला को सुरक्षाकर्मियों ने CM नीतीश से मिलने से रोका

24 जून 2013 को बगहा के थरुहट क्षेत्र नौरंगिया दरदरी में हुए गोली कांड की पीड़िता को सुरक्षाकर्मियों ने नीतीश कुमार के मंच से पहले ही रोक दिया और सभा के अंत तक पुलिस अभिरक्षा में रखा गया.

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Published : May 1, 2019, 8:35 AM IST

लापता युवक की पत्नी

पश्चिमी चंपारण: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को जिले में एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे. इस दौरान उनसे मिलने लापता युवक चंदेश्वर काजी की पत्नी गीता काजी पहुंची. वह 24 जून 2013 को बगहा के थरुहट क्षेत्र नौरंगिया दरदरी में हुए गोली कांड की पीड़िता भी है. उसे सुरक्षाकर्मियों ने मंच से पहले ही रोक दिया और सभा के अंत तक पुलिस अभिरक्षा में रखा गया.

जानकारी देती लापता युवक की पत्नी

छह वर्ष पूर्व से ही लापता है युवक

पीड़िता गीता काजी ने बताया कि 6 वर्ष पूर्व से ही नौरंगिया दरदरी निवासी चंदेश्वर काजी लापता हैं. पुलिस अब तक यह पुष्टि नहीं कर पाई है की उसकी मौत हो गई या वह जिंदा हैं. इसी मुद्दे को लेकर वह सीएम नीतीश कुमार से मिलने पहुंची थी. वहीं, उसने बताया कि चंदेश्वर काजी एक छात्र के साथ-साथ डीजे संचालक भी था. वह पड़ोस के देवताहा गांव में अष्टयाम में डीजे बजाने गया था. उसके बाद से लापता है.

मुआवजे की मांग

पूर्व में इस मामले को लेकर पुलिस के टालमटोल वाले रवैये से आक्रोशित लोगों ने बवाल भी काटा था. साथ ही इस मामले को लेकर स्थानीय लोग और पुलिस में झड़प भी हुई थी. जिसमें छह लोग थारू पुलिस के गोली के शिकार हो गए थे. वहीं, पीड़िता का कहना है कि न्याय की आस में सूबे के मुखिया से मिलने आई थी. सरकार यह पुष्टि कर दे कि उसका पति मर गया या जिंदा है. यदि मेरा पति मर गया है तो मुझे अब तक कोई मुआवजा क्यों नहीं मिला, जबकि गोली कांड में मरे 6 लोगों को पुलिस ने मुआवजा दे दिया. मुझे जीने का सहारा चाहिए, सरकार मुझे सरकारी नौकरी दे.

सीएम ने जताया दुख

हालांकि नीतीश कुमार पीड़िता से नहीं मिले लेकिन इस घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी हुआ वो गलत हुआ था. उसका दुख मुझे भी है और आपलोगों को भी है. मैंने इस बाबत जांच भी करवाई और कार्रवाई भी की है.

पश्चिमी चंपारण: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को जिले में एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे. इस दौरान उनसे मिलने लापता युवक चंदेश्वर काजी की पत्नी गीता काजी पहुंची. वह 24 जून 2013 को बगहा के थरुहट क्षेत्र नौरंगिया दरदरी में हुए गोली कांड की पीड़िता भी है. उसे सुरक्षाकर्मियों ने मंच से पहले ही रोक दिया और सभा के अंत तक पुलिस अभिरक्षा में रखा गया.

जानकारी देती लापता युवक की पत्नी

छह वर्ष पूर्व से ही लापता है युवक

पीड़िता गीता काजी ने बताया कि 6 वर्ष पूर्व से ही नौरंगिया दरदरी निवासी चंदेश्वर काजी लापता हैं. पुलिस अब तक यह पुष्टि नहीं कर पाई है की उसकी मौत हो गई या वह जिंदा हैं. इसी मुद्दे को लेकर वह सीएम नीतीश कुमार से मिलने पहुंची थी. वहीं, उसने बताया कि चंदेश्वर काजी एक छात्र के साथ-साथ डीजे संचालक भी था. वह पड़ोस के देवताहा गांव में अष्टयाम में डीजे बजाने गया था. उसके बाद से लापता है.

मुआवजे की मांग

पूर्व में इस मामले को लेकर पुलिस के टालमटोल वाले रवैये से आक्रोशित लोगों ने बवाल भी काटा था. साथ ही इस मामले को लेकर स्थानीय लोग और पुलिस में झड़प भी हुई थी. जिसमें छह लोग थारू पुलिस के गोली के शिकार हो गए थे. वहीं, पीड़िता का कहना है कि न्याय की आस में सूबे के मुखिया से मिलने आई थी. सरकार यह पुष्टि कर दे कि उसका पति मर गया या जिंदा है. यदि मेरा पति मर गया है तो मुझे अब तक कोई मुआवजा क्यों नहीं मिला, जबकि गोली कांड में मरे 6 लोगों को पुलिस ने मुआवजा दे दिया. मुझे जीने का सहारा चाहिए, सरकार मुझे सरकारी नौकरी दे.

सीएम ने जताया दुख

हालांकि नीतीश कुमार पीड़िता से नहीं मिले लेकिन इस घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी हुआ वो गलत हुआ था. उसका दुख मुझे भी है और आपलोगों को भी है. मैंने इस बाबत जांच भी करवाई और कार्रवाई भी की है.

Intro:24 जून 2013 को बगहा के थरुहट क्षेत्र नौरंगिया दरदरी में हुए गोली कांड की पीड़िता आज चुनावी सभा को सम्बोधित कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुची। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे मंच से पहले ही रोक दिया। और पीड़िता को सभा के अंत तक पुलिस अभिरक्षा में रखा गया।


Body:9 जून 2013 यानी अब से ठीक 6 वर्ष पूर्व से नौरंगिया दरदरी निवासी चंदेश्वर काजी लापता है। पुलिस अब तक यह पुष्टि नही कर पाई की चंदेश्वर की मौत हो गई है या वह जिंदा है। इसी मुद्दे को लेकर चंदेश्वर काजी की पत्नी गीता काजी आज हरनाटांड़ में चुनावी सभा को सम्बोधित करने पहुचे सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर अपना दुखड़ा सुनाने पहुँची। लेकिन 6 वर्षो से न्याय की आस में दर दर की ठोकरें खा रही पीड़िता को सुरक्षाबलों सहित बगहा पुलिस के नुमाइंदों ने मंच के पहले ही रोक दिया और उसको सीएम से नही मिलने दिया गया। सभा के अंत तक पीड़िता को पुलिस ने अपने अभिरक्षा में रखा ताकि इस मुद्दे को लेकर थारू जनता बवाल न काटने लगे।
गौरतलब हो कि नौरंगिया दरदरी निवासी चंदेश्वर काजी एक छात्र के साथ साथ डीजे संचालक भी था। और वह 14 जनवरी 2013 को पड़ोस के देवताहा गांव में अष्टयाम में डीजे बजाने गया था। उसके बाद से लापता हो गया। इस मामले में पुलिस के टालमटोल वाले रवैये से आक्रोशित लोगों ने 14 जून 2013 को बवाल काटा था और इस मामले को लेकर स्थानीय जनता व पुलिस में हुई झड़प में छह थारू पुलिस के गोली के शिकार हो गए थे।
नौरंगिया दरदरी का यह गोली कांड आज भी लोगों के जेहन से नही उतरा है। यही वजह है कि आज पीड़िता न्याय के आस में सूबे की मुखिया से मिलने आई थी। उसका कहना है कि सरकार यह पुष्टि कर दे कि उसका पति मर गया या जिंदा है। यदि मेरा पति मर गया है तो मुझे अब तक कोई मुआवजा क्यों नही मिला, जबकि गोली कांड में मरे 6 लोगों को पुलिस ने मुआवजा दे दिया।
हालांकि भले ही नीतीश कुमार पीड़िता से नही मिले लेकिन इस घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी हुआ वो गलत हुआ था उसका दुख मुझे भी है और आपलोगों को भी। मैने इस बाबत जांच भी करवाई और कार्रवाई भी की।


Conclusion:जाहिर तौर पर नौरंगिया गोली कांड का मुख्य कारण चंदेश्वर काजी का लापता होने था, लोगों को उस समय भी यही लगा था कि इस मामले में पुलिस लीपापोती कर रही है, जिस वजह से वे उग्र हुए थे और पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी। जिसमे 6 लोग मारे गए थे। स्थिति आज भी वही है , पीड़िता और थारू समुदाय के लोग आज 6 साल बाद तक चंदेश्वर के आस मर बैठे हैं , की यदि वह जिंदा है तो सरकार खोज कर लाये या यदि मर गए हैं तो सरकार मुआवजा देकर उनके दर्द पर मरहम लगाने का काम करे।
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