बेतिया: बिहार के कई जिले जहां बाढ़ का दंश (Flood In Bihar) झेल रहे हैं. कई जिलों में लगातार बाढ़ (Flood) का खतरा बना हुआ है. वहीं, नरकटियागंज अनुमंडल में बखरी घाट (Bakhri Ghat) पर 5 करोड़ 41 लाख की लागत से हुए पुल निर्माण के 6 महीने बाद ही बाढ़ के तेज पानी से पुल का पाया दब गया है. जिससे पुल की ऊपरी सतह नीचे झुक गई है. इसको लेकर दर्जनों गांव के लोगों ने प्रदर्शन कर निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाते हुए संवेदक पर कार्रवाई की मांग की है.
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नरकटियागंज में पुल का एक पाया नीचे दबने के साथ अप्रोच पथ ध्वस्त हो गया है. 6 महीने पहले ही पुल बना था जिसके बाद पहली मानसून के बारिश में ही पुल का अप्रोच पथ ध्वस्त हो गया. शुक्रवार को पहाड़ी क्षेत्रों में तेज बारिश होने के बाद नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होते ही पश्चिम से पाया संख्या तीन नीचे दब गया. जिससे पुल का ऊपरी सतह नीचे की ओर झुक गया है. इसके बाद दर्जनों गांव के लोगों ने प्रदर्शन करते हुए संवेदक पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है.
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बता दें कि बखरी घाट पर बनी पुलिया का अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ था. तब तक यह क्षतिग्रस्त हो गया. ऐसे में लोगों में प्रशासन और संवेदक पर लापरवाही को लेकर काफी आक्रोश व्याप्त है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल का अभी उदघाटन होना बाकी था कि इसके पूर्व ही पुल का खम्भा और अप्रोच पथ ध्वस्त हो गया है. जिसके कारण लोगों में आवागमन को लेकर खौफ बना हुआ है. वहीं, दर्जनों गांवों के लोगों को अनुमंडल मुख्यालय के साथ अन्य प्रखंडों से संपर्क टूटने का डर भी सता रहा है.
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बता दें कि बिहार में हर साल बाढ़ से भारी तबाही होती है. जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं. कई लोगों के घर बाढ़ में बह जाते हैं तो कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है. बाढ़ के प्रमुख कारणों में नेपाल से आने वाला पानी है. इसकी वजह से कोसी, कमला, बागमती, गंडक, महानंदा और गंगा समेत कई नदियां मानसून के समय बेहद खतरनाक रूप ले लेती हैं.