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बेतिया: बांसी नदी के कारण कटाव जारी, नहीं मिल रही सरकारी मदद

बांसी नदी द्वारा कटाव के कारण बरवा पंचायत के दर्जनों किसानों की जमीन नदी में विलीन हो गई है.

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बेतिया
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Published : Oct 4, 2020, 5:47 PM IST

बेतिया(वाल्मीकिनगर): उत्तर प्रदेश और बिहार को विभाजित करने वाली बांसी नदी का कटाव रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. जिसके कारण बरवा पंचायत के दर्जनों किसानों की जमीन नदी में विलीन हो गई है.

वहीं राजकीय प्राथमिक विद्यालय बैरा बिन टोली का भी अस्तित्व खतरे में है. विद्यालय परिसर से मात्र 20 से 25 मीटर की दूरी पर बांसी नदी द्वारा कटाव जारी है. नदी के कटाव के कारण ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि बांसी नदी के द्वारा कटाव होने की जानकारी प्रखंड कार्यालय से लेकर अंचल कार्यालय तक सभी पदाधिकारियों को दी जा चुकी है. बचाव कार्य की बात तो दूर, अभी तक कोई भी प्रखंड या अंचल कर्मी कटाव स्थल पर देखने तक नहीं आया है.

ग्रामीण अपने पैसे से कर रहे हैं कटाव रोधी कार्य
नदी द्वारा कटाव को देखते हुए और प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने के बाद ग्रामीण स्वतः कटाव रोधी कार्य कर रहे हैं. ग्रामीण वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि बैरा बिन टोली के विद्यालय के सामने नदी में बांस बल्ली डालकर उसमें लकड़ी डाला जा रहा है. साथ ही पीछे बोरे में बालू, मिट्टी डालकर बचाव कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अभी तक 5,000 के आसपास बांस और अन्य सामग्री खरीद कर कटाव रोधी कार्य कराया गया है.

बेतिया(वाल्मीकिनगर): उत्तर प्रदेश और बिहार को विभाजित करने वाली बांसी नदी का कटाव रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. जिसके कारण बरवा पंचायत के दर्जनों किसानों की जमीन नदी में विलीन हो गई है.

वहीं राजकीय प्राथमिक विद्यालय बैरा बिन टोली का भी अस्तित्व खतरे में है. विद्यालय परिसर से मात्र 20 से 25 मीटर की दूरी पर बांसी नदी द्वारा कटाव जारी है. नदी के कटाव के कारण ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि बांसी नदी के द्वारा कटाव होने की जानकारी प्रखंड कार्यालय से लेकर अंचल कार्यालय तक सभी पदाधिकारियों को दी जा चुकी है. बचाव कार्य की बात तो दूर, अभी तक कोई भी प्रखंड या अंचल कर्मी कटाव स्थल पर देखने तक नहीं आया है.

ग्रामीण अपने पैसे से कर रहे हैं कटाव रोधी कार्य
नदी द्वारा कटाव को देखते हुए और प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने के बाद ग्रामीण स्वतः कटाव रोधी कार्य कर रहे हैं. ग्रामीण वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि बैरा बिन टोली के विद्यालय के सामने नदी में बांस बल्ली डालकर उसमें लकड़ी डाला जा रहा है. साथ ही पीछे बोरे में बालू, मिट्टी डालकर बचाव कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अभी तक 5,000 के आसपास बांस और अन्य सामग्री खरीद कर कटाव रोधी कार्य कराया गया है.

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